काफी खींचतान के बाद गुरुवार को किशनगंज जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव संपन्न हुआ। ज़िले के कुल 18 जिला पार्षद में से 10 सदस्यों का वोट लेकर नुदरत महज़बीं अध्यक्ष बनीं।
पूर्व चेयरमैन रुकय्या बेगम को सात वोट मिले, एक वोट invalid पाया गया। उपाध्यक्ष पद के लिए तीन उम्मीदवार मैदान में थे। मो. इसराइल ने 9 वोटों के साथ जीत हासिल की, वहीं खोसी देवी को आठ और मो. नासिक नादिर को महज़ एक वोट मिले।
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डीएम डॉ. आदित्य प्रकाश ने बताया –
“मतदान गोपनीय तरीके से हुआ। अध्यक्ष पद के लिए दो उम्मीदवार मैदान में थे। एक वोट इनवैलिड था, सात वोट रुकय्या बेगम को मिले, 10 वोट नुदरत महज़बीं को मिले। इस तरह नुदरत महज़बीं अध्यक्ष के लिए निर्वाचित घोषित की गयीं। उपाध्यक्ष पद के लिए तीन नॉमिनेशन आये थे। इसमें सारे वोट वैलिड पाए गए। मो. नासिक नादिर को एक वोट मिला, खोसी देवी को आठ और मो. इसराइल ने 9 वोट मिला। इस प्रकार मो. इसराइल को उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित घोषित किया गया।”
जानकारी के अनुसार किशनगंज जिला परिषद अध्यक्ष चुनाव जीतने वाली नुदरत महज़बीं के खेमे को निवर्तमान चेयरमैन फरहत फातमा के पति राजद जिला अध्यक्ष सरवर आलम और उनके परिवार का समर्थन प्राप्त था। चौंकाने वाली बात ये रही कि फरहत फातमा को जिला परिषद चुनाव में हराने वाले मो. नासिक नादिर भी इसी खेमे के साथ नज़र आए। दूसरी तरफ, रुकय्या बेगम खेमे को उनके पति फैयाज आलम और देवर पूर्व बहादुरगंज विधायक तौसीफ आलम का समर्थ प्राप्त था। सूत्रों के मुताबिक कुछ अन्य पूर्व विधायकों ने भी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इस चुनाव में अपनी भूमिका निभाई।
नवनिर्वाचित जीप अध्यक्ष नुदरत महज़बीं ने शिक्षा और स्वास्थ्य को अपनी प्राथिमिकताओं में गिनाया है। वहीं नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष मो. इसराइल ने जीत का श्रेय राजद जिला अध्यक्ष सरवर आलम को दिया है।
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