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बिहारः विरोध के बाद विभाग द्वारा शिक्षकों का आवासीय प्रशिक्षण स्थगित

छुट्टी के दिनों में आवासीय प्रशिक्षण कराये जाने का शिक्षक संघों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया था। शिक्षक संघों नें इसको लेकर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना भी की थी।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :
residential training of teachers postponed by department after protest

बिहार राज्य शिक्षा शोध व प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने विरोध के बाद छुट्टी के दिनों में शिक्षकों के लिए संचालित किये जा रहे आवासीय प्रशिक्षण को स्थगित कर दिया है। परिषद के निदेशक ने इस संबंध में सभी प्रशिक्षण संस्थानों के प्राचार्यं को पत्र जारी कर इस प्रशिक्षण को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का आदेश दिया है।


पत्र में कहा गया है कि स्थगित होने के कारण इस चरण के सभी प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण अधूरा माना जायेगा। इस प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए बाद में आदेश निर्गत किया जायेगा।

गौरतलब है कि शिक्षकों ने सोमवार को नाराजगी के बावजूद आवासीय प्रशिक्षण में भाग लिया था।


उल्लेखनीय है कि बिहार राज्य शिक्षा शोध व प्रशिक्षण परिषद द्वारा शिक्षकों के लिए 16 अक्टूबर से 21 अक्टूबर के बीच आवासीय प्रशिक्षण का कार्यक्रम रखा था। इसी दौरान नवरात्रि की छुट्टी भी होनी थी।

छुट्टी के दिनों में आवासीय प्रशिक्षण कराये जाने का शिक्षक संघों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया था। शिक्षक संघों नें इसको लेकर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना भी की थी। उनका मानना है कि ऐसे आदेश से हिन्दू धर्म के मानने वाले शिक्षकों को त्यौहार के दौरान पूजा-पाठ करने में व्यवधान पैदा होगा। शिक्षकों ने एकसुर में इस आदेश को वापस लेने की मांग की थी।

शिक्षा विभाग के इस फैसले पर राजनीति भी शुरू हो गई थी। भारतीय जनता पार्टी का कहना था कि मुस्लिमों के पर्व में कर्मचारियों के लिए टाइम टेबल बदला जाता है, लेकिन हिंदुओं के त्यौहारों के वक्त आवासीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है।

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने इस फैसले को हिन्दुओं पर प्रहार बताया था और नीतीश सरकार को मुस्लिम परस्त करार दिया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि बिहार सरकार हिंदुओं के साथ भेदभाव कर रही है।

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भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी इस फैसले पर सवाल खड़े किये थे। उन्होंने कहा था कि बिहार सरकार इस बहाने हिंदुओं को प्रताड़ित कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि नवरात्र में ज्यादातर हिंदू उपवास करते हैं या फलाहार करते हैं, ऐसे में प्रशिक्षण का कार्यक्रम रखना समझ से परे है। सम्राट चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इसको लेकर जनता के बीच जाएगी।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने भी इस आदेश को वापस लेने की मांग की थी।

छुट्टी को कम करने को लेकर भी घिरी थी विभाग

लगभग डेढ़ महीने पूर्व ही शिक्षा विभाग ने छुट्टियों में कटौती कर राज्य सरकार की किरकिरी कर दी थी। विभाग ने दूर्गा पूजा और श्रीकृष्ण सिंह जयंती को मिलाकर 6 दिनों की छुट्टी को घटाकर 3 दिन का कर दिया था। इसी तरह, दीपावली, चित्रगुप्त पूजा, भैयादूज और छठ पूजा को मिलाकर 9 दिनों की छुट्टी को 4 दिनों का दिया था।

विभाग के इस कदम का राजनीतिक पार्टियों से लेकर शिक्षकों ने कड़ा विरोध किया था। चौतरफा आलोचना के बाद विभाग ने अपने फैसले को वापस लेकर पुरानी अवकाश तालिका को बहाल कर दिया था।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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