बिहार के कटिहार में स्थित अलकरीम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सह राज्यसभा सांसद डॉ. अहमद अशफाक करीम ने कहा कि ऐसा लगता है कि विपक्ष में रहना और मुसलमान होना जुर्म हो गया है। उन्होंने यह बात अलकरीम विश्वविद्यल परिसर में प्रेस वार्ता कर कही। प्रेस वार्ता में अशफाक करीम के साथ विपक्षी गठबंधन INDIA के स्थानीय नेतागण भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में डॉ. अहमद अशफाक करीम के अलकरीम विश्वविद्यालय में आयकर विभाग की रेड पड़ी थी। प्रेस वार्ता में उन्होंने दावा किया कि उनके पटना स्थित आवास पर भी आयकर विभाग का छापा पड़ा था। इसके अलावा उनके दिल्ली स्थित सरकारी तथा निजी आवास पर भी छापेमारी की गई।
प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. करीम ने कहा कि उनसे सरोकार रखने वाले व्यक्तियों के घरों पर भी छापेमारी कर 4 दिनों तक गहन जांच-पड़ताल की गई। उन्होंने आगे कहा कि आयकर विभाग की टीम ऑफिशियल दस्तावेजों की छाया प्रति, मोबाइल, लैपटॉप, डेस्कटॉप का बैकअप अपने साथ ले गई है। इसके अलावा आयकर विभाग की टीम ने विश्वविद्यालय के यूजी होस्टल और पीजी होस्टल में भी जांच की।
“वारंट के बिना की गई छापेमारी”
डॉ. अहमद अशफाक करीम ने दावा किया कि उनके आवास या विश्वविद्यालय में बिना वारंट के आयकर विभाग ने छापेमारी की है। उन्होंने कहा कि बिना वारंट के बावजूद विश्वविद्यालय स्टाफ ने पूरा सहयोग किया और विभागीय अधिकारियों को अपना काम करने दिया।
“आयकर छापेमारी का एक रूल है कि जहां भी आप छापेमारी करने जायेंगे, वारंट के साथ जायेंगे। वारंट का मतलब यह होता है कि वारंट के बाद एक कॉपी पर रिसीव कराएंगे। लेकिन हमारे अंडरग्रेजुएट हॉस्टल हो या पोस्ट ग्रेजुएट हॉस्टल हो जहां भी गए ये लोग, इनके पास कोई वारंट नहीं था। फिर भी ये लोग (आयकर विभाग के अधिकारी) जाकर पूछताछ किये, जो कि गलत था,” उन्होंने कहा।
डॉ. अशफाक करीम ने आगे कहा, “बिना वारंट के बावजूद हमारे सभी लोगों ने पूरा सहयोग देने का काम किया। उन्होंने यह नहीं पूछा कि आप बिना वारंट के क्यों आए हैं। आप आए हैं तो फिर भी हमारा कर्तव्य होना चाहिए कि आप आए हैं तो देख लीजिये, पूछताछ कर लीजिये।”
सभी धर्म के बच्चे पढ़ते हैं विश्वविद्यालय में
अलकरीम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अहमद अशफाक करीम ने कहा कि अलकरीम विश्वविद्यालय भले ही एक मुस्लिम ने बनाया हो, लेकिन इसमें सभी धर्म के बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि यह संस्था सबके लिए है और इसमें ज्यादातर शिक्षक से लेकर कर्मचारी तक हिंदू धर्म के ही हैं।
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“थोड़ी देर के लिए मान लीजिये कि अगर यह संस्था बनाया है किसी मुसलमान ने, लेकिन एक अकेला मुसलमान संस्था नहीं बना सकता है। हमारा साथ हिंदू भाईयों ने भी शुरू से दिया है। यह संस्था सिर्फ एक अशफाक करीम के बनाने से नहीं बना है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे कहा, “यहां पढ़ने वाले लोग कौन हैं। जितने भी इंप्लाई (कर्मचारी) हैं वो कौन हैं। आज देखिये लोगों को कितना रोजगार मिल रहा है इस संस्था से। आप एक लाइन से देखेंगे तो पायेंगे कि ज्यादा हमारे हिंदू भाई ही हैं। हमारे टीचर हिंदू भाई हैं, हमारे नॉन टीचिंग स्टाफ हिंदू भाई हैं।”
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