Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

पूर्णिया बस स्टैंड पर टॉप क्लास यात्री सुविधा दूर की कौड़ी

बस स्टैंड का प्रबंधन स्थानीय स्वशासी संस्थाएँ जैसे नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम की जिम्मेदारी है। ये सभी संवैधानिक संस्थाएँ हैं, जिसका संविधान के भाग नौ (अ) में प्रावधान किया गया है।

Novinar Mukesh Reported By Novinar Mukesh |
Published On :

जिला मुख्यालय से कुछ कदमों की दूरी पर पूर्णिया जिले का मुख्य बस स्टैंड अवस्थित है। यह सिलीगुड़ी, भागलपुर, सीमांचल और कोशी क्षेत्र के दूसरे जिलों से आने-जाने वाली कई बसों का गंतव्य होने के साथ-साथ मुख्य पड़ाव स्थल है। यह जिला पूर्णिया और उसके सीमावर्ती क्षेत्रों को बिहार की राजधानी पटना से जोड़ने वाली कड़ी भी है। यहाँ से दिन-रात रोज़ाना करीब 200 बसें खुलती है।

एक ओर की यात्रा पूरी होने पर बसें यहाँ मरम्मत और अगली यात्रा की तैयारी के लिए खड़ी रहती हैं। यहाँ होटल हैं। चाय-नाश्ते की दुकानें हैं। आस-पास फास्ट फूड, फल और अन्य छोटी-बड़ी जरूरतों के लिए दुकानें व रेहड़ी हैं। यहाँ शौचालय की व्यवस्था है। इन सबके अतिरिक्त बस स्टैंड पर कुर्सी-टेबल लगाकर टिकट बिक्री करने वाले लोगों की मौज़ूदगी, गंतव्य स्थान का नाम ले-लेकर यात्रियों को अपनी बसों की ओर खींचते स्टॉफ, बस स्टैंड के कुछ हिस्सों में पसरी गन्दगी और उस पर भिनभिनाती मक्खियाँ, घूमते सूअर, जाम हो चुकी नालियाँ, यात्रियों सह नागरिकों को साफ नज़र आती हैं। यह तब है जब इस बस स्टैंड से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों का पालन-पोषण होता है, सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है और चुनिंदा लोग मुनाफ़ा कमाते हैं।

जानकार बताते हैं कि मौज़ूदा बस स्टैंड का निर्माण अस्सी के दशक में जिला पदाधिकारी रामसेवक शर्मा के समय हुआ था। लेकिन, बदलते समय के अनुसार यहाँ यात्रियों को सहज मिल जाने वाली मूलभूत सुविधाओं की आपूर्ति कराने में सरकारी संस्थाएँ और नागरिक समाज पीछे रह गईं।


बस स्टैंड का प्रबंधन स्थानीय स्वशासी संस्थाएँ जैसे नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम के जिम्मे है। ये सभी संवैधानिक संस्थाएँ हैं जिसका संविधान के भाग नौ (अ) में प्रावधान किया गया है।

पूर्णिया बस स्टैंड पर यात्री सुविधाओं की मौज़ूदा हालत

यूँ तो पूर्णिया की सड़कें दूसरे जिलों की सड़कों से अपेक्षाकृत अधिक चौड़ी हैं। शहर के बीच सिक्स लेन के किनारे अवस्थित बस स्टैंड में यहाँ से गुजरने वाली सभी बसों के खड़े रहने की जगह नहीं है। पूर्णिया से भागलपुर की ओर जाने वाली गाड़ियाँ एसबीआई एटीएम से चंद कदम आगे सड़क किनारे खड़ी मिल जाती हैं। यात्रियों को चढ़ाने के लिए बसों के स्टाफ मौजूदा निर्मित सड़क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा घेर लेते हैं।

कुछ यही हालत पटना जाने वाली बसों के आस-पास देखी जा सकती है। शाम ढ़लते ही पटना जानेवाली कुछ बसें सड़क सटाकर खड़ी कर दी जाती हैं। मधेपुरा, सहरसा की ओर जाने वाली बसें भी स्टैंड से खुलने के बाद सड़क किनारे लगती हैं और कुछ अंतराल के बाद ही खुलती हैं। इस दौरान बसों पर सवारियाँ चढ़ती-उतरती रहती है। इन सबके कारण सड़क संकरी हो जाती है और आस-पास से गुजर रही गाड़ियां रेंग-रेंग कर आगे बढ़ती है। मौजूदा बस स्टैंड में बसों की तुलना में यात्रियों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।

जल निकासी की स्थिति

बस स्टैंड की गेट संख्या 2 के किनारे और स्टैंड के पिछले हिस्से में बने नाले टूटे हुए हैं। ये टूटे नाले तरह-तरह के कचरे से पटे पड़े हैं जिससे गन्दे पानी का बहाव रुका हुआ है। इससे टूटे-फूटे नालों में कचरे के साथ-साथ गन्दा पानी जमा रहता है।

रोशनी की मौजूदा व्यवस्था

पटना के लिए निकलने वाली गाड़ियों के खड़े रहने के स्थान पर दो-तीन जगहों पर हाई मास्ट लाइट लगाई गई है। इससे बस स्टैंड के एक हिस्से की रोशनी की जरूरत पूरी होती है। लेकिन, बस स्टैंड का वो हिस्सा जहाँ से सहरसा-मधेपुरा और कटिहार की गाड़ियां निकलती हैं, यानी गेट नम्बर एक और दो का हिस्सा अंधकारमय रहता है।

बस स्टैंड के पिछले हिस्से में भी रोशनी की जरूरत नहीं समझी गई जिससे उन हिस्सों में अंधेरा रहता है।

बैठने की व्यवस्था

मौजूदा बस स्टैंड में यात्रियों के बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं, काउंटर भी नाममात्र के गिने-चुने ही हैं। बस स्टैंड परिसर में पूर्णिया से पटना जाने वाली बसों के खड़े होने के स्थान पर बसों के आगे कुर्सी-टेबल लगाकर किरानी या बस स्टाफ टिकटों की बिक्री करते हैं।

साफ-सफाई की मौजूदा व्यवस्था

बस स्टैंड में दोनों प्रवेश द्वार से घुसते ही चारदीवारी के किनारे पसरा कूड़ा यात्रियों को अपनी मौजूदगी का एहसास कराता है। स्टैंड के अधिकांश हिस्से में प्लास्टिक की थैली, बोतलें, काग़ज-गत्ते के टुकड़े, गाड़ियों की मरम्मत के दौरान निकले खराब पुर्जे पसरे रहते हैं।

Also Read Story

किशनगंज में फ्लाईओवर से गिर रहे गंदे पानी से राहगीर परेशान

MLA के आश्वासन के बाद भी नहीं बना किशनगंज का मुख्य मार्ग

कटिहार: दशकों से एक सड़क के लिए तरसता कदवा का सबनपुर गांव

किशनगंज में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत प्लेटफाॅर्म निर्माण कार्य में धांधली का आरोप

किशनगंज: सांसद के गृह प्रखंड में रोज़ाना नाव से नदी पार करते हैं सैकड़ों लोग

“बेटी की इज़्ज़त ही नहीं है तो बेटी कैसे पढ़ेगी”, सहरसा के इस गर्ल्स स्कूल में 800 छात्राओं के लिए सिर्फ 2 कमरे

किशनगंज: गांधी चौक स्थित सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे, लोगों ने की मरम्मत की मांग

सहरसा: सड़क पर घुटना भर कीचड़ हो जाने से चलना हुआ दुश्वार

कटिहार: निर्माण के पहले साल ही टूट गई सड़क, ग्रामीण परेशान

बस स्टैंड पर यात्रियों को उच्च कोटि की सुविधा मुहैया कराने व उसके संधारण के प्रयास

इस बस स्टैंड के समुचित प्रबंधन, यात्रियों को उच्च स्तर की सुविधा देने और उसके रखरखाव के लिए बिहार सरकार के नगर विकास व आवास विभाग के उस वक्त के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने नगर आयुक्त को कई अहम दिशा-निर्देश जारी करते हुए उसके अनुपालन की हिदायत दी।

प्रधान सचिव द्वारा जारी दिशा-निर्देश में बस स्टैंड में जल निकासी, पर्याप्त रोशनी, साफ-सफाई और शौचालय की व्यवस्था मुहैया कराने और उसके रखरखाव की बात कही गयी है।

Purnia Bus Stand

बीते एक साल से शहर के बीच स्थित इस बस अड्डे को कहीं और ले जाने की बात चल रही है। माना जा रहा है कि मरंगा में नए बस स्टैंड के निर्माण के लिए साढ़े सात एकड़ जमीन चिन्हित भी कर ली गई है। हालांकि, नए बस स्टैंड को लेकर अफ़वाहें भी हैं। एक बस चालक जितेन्द्र बताते हैं, “बस स्टैंड के बेलोरी जाने की बात चल रही है। वहाँ मिट्टी भराव का काम जोर-शोर से चल रहा है। ऐसा होगा तो इस साइड का रोजगार ही चौपट हो जाएगा।”

बस स्टैंड में पसरी गंदगी की बात पर वह कहते हैं, “सफाई वाला आता है, जितना होता है, साफ कर चला जाता है। यह सब तो ऐसे ही चलता रहेगा।”

उच्च कोटि की यात्री सुविधा से लैस बस स्टैंड का निर्माण और इस्तेमाल नगर वासियों के लिए दूर की कौड़ी है। तब तक बस स्टैंड से सीधे और परोक्ष तौर पर ताल्लुक रखने वाले नागरिकों को नगर निगम, पूर्णिया द्वारा मुहैया गई मौजूदा सुविधाओं से संतोष करना होगा।

बिहार सरकार के नगर विकास व आवास विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा की मानें, तो शहर के बस स्टैंड का प्रबंधन, शहरी निकाय की कार्यक्षमता का आईना है। अगर ऐसा है, तो नगरवासियों को इस कसौटी के आधार पर नगर निकाय के जिम्मेदार पदाधिकारियों की कार्य प्रणाली का सतत मूल्यांकन करते रहना चाहिए।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

मधेपुरा में जन्मे नोविनार मुकेश ने दिल्ली से अपने पत्रकारीय करियर की शुरूआत की। उन्होंने दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर , एडीआर, सेहतज्ञान डॉट कॉम जैसी अनेक प्रकाशन के लिए काम किया। फिलहाल, वकालत के पेशे से जुड़े हैं, पूर्णिया और आस पास के ज़िलों की ख़बरों पर विशेष नज़र रखते हैं।

Related News

हरियाली मार्केट में कचरा से बनेगा ईंट व खाद

टेढ़ागाछ का बैरिया उप स्वास्थय केंद्र वर्षों से बंद, भवन में उगे जंगल

टेढ़ागाछ: आमबाड़ी के ग्रामीणों ने चंदा इकठ्ठा कर बनाया चचरी पुल

अररिया में पांच साल से बंद है प्लस टू विद्यालय का नया भवन

अररिया: पलासी में नया पावर ग्रिड, मिलेगी निर्बाध बिजली

तैयबपुर-सोनापुर सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे, कई पंचायतों के लोग प्रभावित

पहली ही बरसात में खाड़ी पुल के एप्रोच पथ में आने लगीं दरारें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latests Posts

Ground Report

पटना में महादलित महिला को निर्वस्त्र करने की पूरी घटना क्या है?

दुर्घटना में मरने वाले प्रवासी मज़दूरों के परिवारों को सरकारी मदद का इंतज़ार

डालमियानगर औद्योगिक कस्बा के बनने बिगड़ने की पूरी कहानी

डालमियानगर के क्वार्टर्स खाली करने के आदेश से लोग चिंतित – “बरसात में घोंसले भी नहीं उजाड़े जाते”

अररिया पत्रकार हत्याकांड: वृद्ध माँ-बाप, दो विधवा, तीन बच्चों की देखभाल कौन करेगा?