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बिहार में आशा कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा ठप

आशा कर्मी व फैसिलिटेटर्स कई तरह की मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इनमें परितोषिक 1000 रुपये की जगह मासिक मानदेय दस हज़ार रुपये देने, आशा तथा आशा फैसिलिटेटर्स को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी का दर्जा, पेंशन योजना का लाभ, रिटायरमेंट बेनिफिट के रूप में एकमुश्त 10 लाख रुपये का भुगतान और कोरोना काल की बकाया राशि का भुगतान शामिल हैं।

Aaquil Jawed Reported By Aaquil Jawed |
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mla mahboob alam with asha workers

राज्य के तकरीबन एक लाख से ज्यादा आशा कार्यकर्ता और आशा फैसिलिटेटर 12 जुलाई से ‘आशा संयुक्त संघर्ष मंच’ के बैनर तले हड़ताल पर चली गई हैं। यह हड़ताल बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष शशि यादव के नेतृत्व में चल रही है। आशा कर्मियों ने विरोध स्वरूप टीकाकरण के कार्य को भी रोक दिया है। इस हड़ताल से राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य सेवा ठप हो चुकी है।


सभी जिलों में करीब-करीब सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और रेफरल अस्पतालों पर हड़ताल का व्यापक असर दिख रहा है। इस बार आशा कर्मी सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में नज़र आ रही हैं।

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इस हड़ताल का असर बिहार के सीमांचल में भी दिख रहा है। कटिहार जिले के अलग-अलग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी अस्पतालों के सामने आशा कर्मी अपना काम रोककर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रही हैं।


सिवान में आशा कर्मी की मौत

दूसरी तरफ, हड़़ताल के दौरान सिवान जिले के मैरवा की आशा सरस्वती देवी की तबीयत बिगड़़ने से मौत हो गई। बिहार के कई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। आशा कार्यकर्ता और आशा फैसिलिटेटर्स “सरस्वती देवी अमर रहे” के नारे भी लगाये।

कटिहार में हड़ताल कर रही इन आशा कर्मियों का साथ देने के लिए भाकपा माले विधायक महबूब आलम बारसोई अनुमंडल अस्पताल पहुंचे। बिहार के अलग-अलग ज़िलों में भी भाकपा-माले के नेता व कार्यकर्ता आशा आंदोलन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।

आशा कार्यकर्ता और आशा फैसिलिटेटर की मांगें

आशा कर्मी व फैसिलिटेटर्स कई तरह की मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इनमें परितोषिक 1000 रुपये की जगह मासिक मानदेय दस हज़ार रुपये देने, आशा तथा आशा फैसिलिटेटर्स को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी का दर्जा, पेंशन योजना का लाभ, रिटायरमेंट बेनिफिट के रूप में एकमुश्त 10 लाख रुपये का भुगतान और कोरोना काल की बकाया राशि का भुगतान शामिल हैं।

इधर, बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट- ऐक्टू) अध्यक्ष शशि यादव ने 20 जुलाई को राज्यव्यापी प्रदर्शन की सफलता को लेकर पटना जिले के खुसरूपुर, अथमल गोला, राणा बिगहा, पंडारक(बाढ़) और बख्तियारपुर पीएचसी का दौरा किया।

शशि यादव ने कहा कि आशा कर्मी के सहयोग के बिना स्वास्थ्य विभाग और ग्रामीण स्वास्थ्य का कार्य अधूरा है। सरकार के गैर संवेदनशील रवैये की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के इस रवैये से आशा कर्मियों में भारी आक्रोश है।

“हड़ताल में आशा कर्मियों की व्यापकता व आक्रमकता और तेज हो गई है। राज्य के 500 से ज्यादा पीएचसी पर हो रहे प्रदर्शन में आशा कर्मी और आशा फैसिलिटेटर्स शत प्रतिशत संख्या में भाग ले रही हैं,” उन्होंने कहा।

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Aaquil Jawed is the founder of The Loudspeaker Group, known for organising Open Mic events and news related activities in Seemanchal area, primarily in Katihar district of Bihar. He writes on issues in and around his village.

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