2024 लोकसभा चुनाव शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं। चुनावी माहौल के बीच नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने का सिलसिला जारी है। बिहार के किशनगंज लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत ठाकुरगंज से 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम प्रत्याशी महबूब आलम ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। मंगलवार को पूर्व एआईएमआईएम नेता को किशनगंज से कांग्रेस सांसद डॉ मोहम्मद जावेद आज़ाद ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
महबूब आलम ने 2020 विधानसभा चुनाव में ठाकुरगंज सीट से चुनाव लड़ा था। 18,925 वोट लाकर उन्होंने चौथा स्थान प्राप्त किया था जबकि राजद के सऊद आलम 79,909 वोटों के साथ जीत हासिल की थी।
एआईएमआईएम छोड़ कांग्रेस में आए महबूब आलम ने कहा कि एमआईएम पार्टी केवल एक समुदाय की बात करती है लेकिन भारत देश में सभी समुदायों को साथ लेके चलने की आवश्यकता है। मुसलमान, हिन्दू, सिख, ईसाई और सभी धर्म-जाति के लोगों ने कुर्बानी देकर देश को आज़ाद किया है।
“मेरे साथ सौतेला व्यवहार हुआ”
पार्टी छोड़ने की उन्होंने एक और वजह बताई और एआईएमआईएम पर आरोप लगाया कि पार्टी ने 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान उनके प्रचार प्रसार में कोई मेहनत नहीं की। उनके अनुसार टिकट देने के बाद उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया और उनके चुनावी क्षेत्र में एआईएमआईएम की तरफ से किसी नेता ने उनका साथ नहीं दिया।
महबूब आलम ने कहा, “हम से हर तरह से सौतेला व्यवहार किया। हमारी गलती थी कि हम कई साल एक दूसरे पार्टी को देखे कि इस पार्टी में क्या है? यह पार्टी इतनी खोखली है कि एक किराना दुकान लगाकर बैठा हुआ है, इसमें कुछ नहीं है। मैं सीमांचल के लोगों से कहना चाहता हूँ कि यहां सब मिल जुलकर हमारे एमपी साहब को वोट करें और इस बार हमको सरकार बदलना है।”
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा को हटाने के लिए कांग्रेस ही एक विकल्प है। कांग्रेस के बड़े नेताओं ने देश के लिए जान दी है और देश की जनता को चाहिए कि ऐसी पार्टी को वोट दे जिसने देश के लिए जान की कुर्बानियां दी हैं। महबूब आलम ने कांग्रेस को नसीहत की कि पार्टी उनको और उनके कार्यकर्त्ता को साथ लेकर चले, ऐसा न हो कि उन्हें पार्टी से जोड़ लिया जाए और फिर बाद में पार्टी उन्हें छोड़ दे।
उन्होने एआईएमआईएम को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह पार्टी अपने लोगों को छोड़ देती है। धीरे धीरे सभी लोग इससे दूर होते जा रहे हैं। उन्होंने एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान पर भी निशाना साधा और कहा कि किसी भी पार्टी में अहंकार नहीं चलता है। पार्टी के नेतृत्व की जिममेदारी है कि सबको साथ लेकर चले लेकिन एआईएमआईएम में लोगों से काम लेकर उन्हें छोड़ दिया जाता है।
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कार्यक्रम में मौजूद किशनगंज विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक इजहारुल हुसैन ने कहा कि देश सांप्रदायिक ताकतों से नहीं चलेगा, देश सेक्युलर पार्टियों से चलेगा। देश की जनता परिवर्तन चाहती है औऱ राहुल गांधी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है।
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद क्या बोले
वहीं किशनगंज लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ मोहम्मद जावेद ने कहा कि राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मेहनत का प्रभाव है कि अब लोग समझ गए हैं कि देश के लोगों को न्याय और विकास सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही दे सकती है। सीमांचल के वरिष्ठ नेता दूसरी पार्टी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं क्योंकि सब समझ गए हैं कि कांग्रेस ही वह पार्टी है जो देश को आगे लेकर जा सकती है।
किशनगंज सांसद ने आगे कहा कि उन्होंने बिहार में सबसे ज्यादा काम कराया है और इसका सबूत आधिकारिक आंकड़ों में है। उन्होंने कहा, “जो काम किया हमने वह हम दर्शाते नहीं हैं क्योंकि आप ने हमें चुना ही इसलिए है। अगर 176 गांव में कटाव का काम हुआ है तो 50 गांव में तो हम जरूर ही गए होंगे। अगर 1200 किलोमीटर सड़क बनी है तो हमने 5,000 से ज्यादा किलोमीटर मांगा ही होगा। उसी तरह 237 पुल हमने अगर बनवाया तो 1000 पुलों की मांग हमने की जिसमें 300, 400 ऐसी जगह जा पाए होंगे जहां से हमें सीधे जानकारी मिली होगी।”
मोहम्मद जावेद ने कहा कि उनके विपक्षियों के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। अब उनके हर चुनावी कार्यक्रम में विपक्ष के दो लोग रहते हैं एक जनता को बरगलाता है और दूसरा मोबाइल से सोशल मीडिया में लाइव करता है और कहता है कि कांग्रेस के प्रत्याशी को खदेड़ा जा रहा है।
आगे उन्होंने कहा कि वह राहुल गांधी को मानने वाले हैं, वोट नफरत फैलाकर नही वल्कि मोहब्बत से मांगेंगे और किशनगंज के लोग भी उनके इस मुहिम में उनका पूरा साथ देंगे।
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