बिहार लोक सेवा आयोग ने एकबार फिर आयोग की छवि धूमिल करने के आरोप लगाते हुए पांच अन्य अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। इन अभ्यर्थियों की सूची आयोग ने अपने आधाकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित करते हुए उनसे जवाब मांगा है।
आयोग ने कहा है कि इन अभ्यर्थियों ने अध्यापक नियुक्ति परीक्षा का परीक्षाफल प्रकाशित होने के उपरांत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब के माध्यम से आयोग के चयन प्रक्रिया तथा परीक्षाफल पर बिना किसी साक्ष्य के प्रश्नचिन्ह लगाया है। साथ-साथ अनर्गल व दिग्भ्रमित करने वाले निराधार बातों को फैलाया है, जिससे आयोग की छवि धूमिल हुई है।
आयोग के अनुसार, आयोग एक उच्च निष्ठा वाली संवैधानिक संस्था है व अध्यक्ष का पद एक संवैधानिक पद है। उल्लेखनीय है कि आयोग की गरिमा को सुरक्षित/अक्षुण्ण रखने के लिए 10 जुलाई को एक आम सूचना आयोग के वेबसाइट तथा प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित करते हुए इस संबंध में चेतावनी भी जारी की गई थी।
आयोग ने कहा है कि चेतावनी के बावजूद इन अभ्यर्थियों ने तथ्यविहीन व भ्रामक टिप्पणियाँ करते हुए आयोग की छवि धूमिल करने की चेष्टा की है, इसिलए इनको कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिन अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उनमें सतीश कुमार, मो. रिजवान आलम, सुरेश कुमार सिंह, सिकंदर कुमार और वीरधनंजय कुमार शामिल हैं।
आयोग ने इन सभी अभ्यर्थियों को सूचना: प्रकाशन के एक सप्ताह के अन्दर आयोग के ई-मेल/डाक के माध्यम से अपना स्पष्टीकरण समर्पित करने की आदेश दिया है।
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आयोग ने कहा कि वर्णित तिथि तक स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने की स्थिति में माना जायेगा कि इस संबंध में अभ्यर्थियों को कुछ नहीं कहना है और आयोग अभ्यर्थियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई के लिये स्वतंत्र होगा।
उल्लेखनीय है कि आयोग ने पूर्व में भी अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आयोग ने एक हफ्ते पहले भी चार अभ्यर्थियों को आयोग की छवि धूमिल करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
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