सक्षमता परीक्षा के विरोध में धरना-प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों के विरुद्ध शिक्षा विभाग सख्त कार्रवाई करेगी। विभाग द्वारा धरना-प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) भी दर्जा कराई जायेगी।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र लिखकर धरना-प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
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दरअसल, बिहार के नियोजित शिक्षकों ने 13 फरवरी को सक्षमता परीक्षा के विरोध में बिहार विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। शिक्षक प्रदर्शन कर सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 13 फरवरी को विद्यालय खुला हुआ है। पत्र में कहा गया है कि ऐसी स्थिति में शिक्षकों के विद्यालय छोड़कर धरना प्रदर्शनों में शामिल होने से यह स्पष्ट होगा कि उनके द्वारा विद्यालयों में शिक्षण कार्य में बाधा उत्पन्न की जा रही है।
जिला पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि यदि जिले में नियोजित शिक्षकों द्वारा किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा जाता है, तो उसे आईपीसी की धारा-141 के तहत गैर कानूनी जमावड़ा मानते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाए।
साथ ही शिक्षकों के विरुद्ध आईपीसी की धारा-186, धारा-187 तथा अन्य सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने की भी हिदायत दी गई है।
धरना-प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों को चिन्हित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय नियमावली में निर्धारित प्रावधान के तहत कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई भी प्रारम्भ की जाएगी।
बताते चलें कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने संबंधी सक्षमता परीक्षा के तिथियों की घोषण हो चुकी है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) 26 फरवरी से 13 मार्च के बीच सक्षमता परीक्षा का आयोजन करेगी।
नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में भाग लेने के लिये बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भरना होगा। इसके लिये ऑनलाइन आवेदन 1 फरवरी से शुरू हो चुका है और आवेदन की अंतिम तिथि 15 फरवरी निर्धारित है।
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