विभाग का मानना है कि चूंकि यह दो पहिया वाहन/स्कूटी का प्रशिक्षण अध्यापकों के प्रशिक्षण का अभिन्न अंग होगा, अतः इसके लिये स्थायी दर भी तय करना उचित होगा। इसके लिये विभागीय स्तर पर तुरंत निविदा निकालने और दर निर्धारित करते हुए प्रति प्रशिक्षणार्थी को दो पहिया वाहन का प्रशिक्षण जल्द शुरू करने का आदेश दिया।
बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा-2023 में दो पेपर होंगे। पहला पेपर वर्ग 1-5 विद्यालय शिक्षक पदों तथा दूसरा पेपर वर्ग 6-8 विद्यालय शिक्षक पदों के लिये। पेपर-। तथा पेपर-।। में उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थियों को उत्तीर्णता प्रमाण पत्र निर्गत किया जायेगा। बिहार विशेष विद्यालय अध्यापक पात्रता परीक्षा- 2023 के उत्तीर्णता प्रमाण-पत्र की वैधता जीवनपर्यन्त (Lifetime) होगी।
शिक्षक मो. अयाज़ मुर्तज़ा भरतपूरा स्थित दुल्हिनबाज़ार मध्य विद्यालय में प्रखंड शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। उनकी बस इतनी सी गलती है कि उन्होंने स्कूलों में अवकाश तालिका को लेकर उपजे विवाद वाले एक पोस्ट की टिप्पणी को लाइक करते हुए एक टिप्पणी की थी।
जमुई के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इसके लिये बज़ाब्ता एक कार्यालीय आदेश जारी कर समग्र शिक्षा अभियान से जुड़े अधिकारी प्रेम कुमार को मीडिया प्रभारी के तौर पर प्राधिकृत किया है। आदेश में कहा गया है कि यह विभागीय निदेश के आलोक में किया जा रहा है।
किशनगंज के स्कूलों में जन चेतना जागृति व शैक्षणिक विकास मंच नाम के गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के माध्यम से मिड-डे मील का वितरण किया जाता है। जब से गैर-सरकारी संगठनों को एमडीएम की जिम्मेदारी मिली है, तब से भोजन की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित विद्यालय अध्यापकों को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया जा चुका है, तथा विद्यालयों में योगदान की प्रक्रिया चल रही है। नवनियुक्त शिक्षकों के योगदान के योगदान के संबंध में विभाग ने एक बड़ा अपडेट जारी किया है।
पत्र में लिखा गया है कि राज्य के विद्यालयों में अधिक से अधिक छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसके बावजूद कुछ जिलों में ऐसा पाया जा रहा है कि अभी भी 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों की संख्या काफी अधिक है। यह स्थिति स्वीकार योग्य नहीं है।
बिहार में शिक्षक व शिक्षा विभाग के अन्य कर्मी स्कूल अवधि खत्म होने यानी 5 बजे के बाद ही चुनाव संबंधी कार्य करेंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है।
किसी भी सरकारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक अपने स्तर से उपरोक्त विद्यालय समय सारणी में कोई बदलाव नहीं करे सकेंगे, अन्यथा उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
अवकाश तालिका को जारी करने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत तय बाध्यता का पालन हो यानी कि प्रारंभिक विद्यालयों में कम-से-कम 220 दिन अध्यापन हो।
पाठक ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि नए शिक्षक किसी भी तरह का संघ बनाने से बचें और अनुशासन के साथ बच्चों को पढ़ाएं। उन्होंने आगे कहा कि विभाग को बच्चों को पढ़ाने के लिये शिक्षक चाहिये ना कि फ्रीडम फाइटर चाहिये।
नवनियुक्त शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की अपील की। उन्होंने कहा कि पांच साल से पहले नए शिक्षकों का तबादला नहीं होगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूलों में आधारभूत संरचना के विकास के कार्य तुरंत कराए जाएं। अतिरिक्त कमरों और प्रीफेब (स्टील ढांचे) का वर्ग कक्ष का निर्माण भी जल्द कराया जाए।
मिशन दक्ष के तहत कमज़ोर छात्रों को प्रारंभिक विद्यालयों में विद्यालय गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद विशेष कक्षाएं दी जाएंगी। विशेष कक्षाओं में संबंधित विद्यालय के शिक्षक पढ़ाएंगे।
विद्यालयों में जरूरत से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर समस्तीपुर, सारण और सिवान जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को शिक्षा विभाग ने पत्र भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है।