Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

चार साल में भी नहीं बन पाया महादलितों के लिए सामुदायिक शौचालय

सीमांचल के किशनगंज जिले में आज भी कुछ महादलित परिवार ऐसे हैं जिनके लिए शौचालय निर्माण तो करवाया गया, लेकिन सिर्फ नाम के लिए।

Ariba Khan Reported By Ariba Khan | Kishanganj |
Published On :

पिछले कई सालों से स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश के सभी घरों तक शौचालय निर्माण करने की बातें जोर-शोर से हो रही हैं। इसके प्रभाव से देश में शौचालय का निर्माण और इस्तेमाल बढ़ा भी है। लेकिन सीमांचल के किशनगंज जिले में आज भी कुछ महादलित परिवार ऐसे हैं जिनके लिए शौचालय निर्माण तो करवाया गया, लेकिन सिर्फ नाम के लिए।

किशनगंज की ठाकुरगंज नगर पंचायत में हर घर शौचालय के उद्देश्य से ग्रामीणों के लिए शौचालय निर्माण योजना आरंभ की गयी थी। इसके अंतर्गत साल 2018 में लाखों रुपये खर्च कर नगर पंचायत के सात वार्डों में 7 सामुदायिक शौचालय बनाए गए।

लेकिन अफसोस की बात है कि यह योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। शौचालयों का निर्माण कार्य 4 सालों के बाद भी अधूरा है। बिजली, पानी और यहां तक कि दरवाजे तक नहीं बने हैं। नतीजतन, आज भी ग्रामीण खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं।


स्थानीय युवक विक्रम ने बताया कि ठेकेदार बीच में ही काम छोड़कर चला गया है। अब उनको नवनिर्वाचित चेयरमैन से उम्मीद है कि शायद वह इस मामले में कोई पहल करें।

स्थानीय ग्रामीण रेपा सोरेन का कहना है कि सरकार ने इस योजना में जितने भी पैसे खर्च किए वह सब पानी में बह गए हैं। उनके अनुसार हर घर में अलग-अलग शौचालय होना चाहिए था तभी यह योजना सफल होती।

इस मामले में ठाकुरगंज के नवनिर्वाचित मुख्य पार्षद सिकंदर पटेल ने सवाल करते हुए कहा कि जितने भी सरकारी निर्माण होते हैं क्या वे केवल ठेकेदारों और बाकी बिचौलियों के कमीशन कमाने का जरिया बन गए हैं ? आगे उन्होंने कहा कि मैं अपना पद संभालने के बाद निश्चित रूप से इस योजना में भ्रष्टाचार करने वाले लोगों पर कार्रवाई करूंगा।

Also Read Story

2017 की बाढ़ में टूटा पुल अब तक नहीं बना, नेताओं के आश्वासन से ग्रामीण नाउम्मीद

कटिहार के एक दलित गांव में छोटी सी सड़क के लिए ज़मीन नहीं दे रहे ज़मींदार

सुपौल में कोसी नदी पर भेजा-बकौर निर्माणाधीन पुल गिरने से एक की मौत और नौ घायल, जांच का आदेश

पटना-न्यू जलपाईगुरी वंदे भारत ट्रेन का शुभारंभ, पीएम मोदी ने दी बिहार को रेल की कई सौगात

“किशनगंज मरीन ड्राइव बन जाएगा”, किशनगंज नगर परिषद ने शुरू किया रमज़ान नदी बचाओ अभियान

बिहार का खंडहरनुमा स्कूल, कमरे की दिवार गिर चुकी है – ‘देख कर रूह कांप जाती है’

शिलान्यास के एक दशक बाद भी नहीं बना अमौर का रसैली घाट पुल, आने-जाने के लिये नाव ही सहारा

पीएम मोदी ने बिहार को 12,800 करोड़ रुपए से अधिक की योजनाओं का दिया तोहफा

आज़ादी के सात दशक बाद भी नहीं बनी अमौर की रहरिया-केमा सड़क, लोग चुनाव का करेंगे बहिष्कार

वहीं जब मामले को लेकर किशनगंज जिला पदाधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि ठाकुरगंज नगर पंचायत में 14 दिनों के भीतर शौचालय निर्माण कार्य पूरा करने का आदेश दिया है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

अरीबा खान जामिया मिलिया इस्लामिया में एम ए डेवलपमेंट कम्युनिकेशन की छात्रा हैं। 2021 में NFI fellow रही हैं। ‘मैं मीडिया’ से बतौर एंकर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट जुड़ी हैं। महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर खबरें लिखती हैं।

Related News

किशनगंज सदर अस्पताल में सीटी स्कैन रिपोर्ट के लिए घंटों का इंतज़ार, निर्धारित शुल्क से अधिक पैसे लेने का आरोप

अररिया कोर्ट रेलवे स्टेशन की बदलेगी सूरत, 22 करोड़ रुपये से होगा पुनर्विकास

अररिया, मधेपुरा व सुपौल समेत बिहार के 33 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

“हम लोग घर के रहे, न घाट के”, मधेपुरा रेल इंजन कारखाने के लिए जमीन देने वाले किसानों का दर्द

नीतीश कुमार ने 1,555 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न योजनाओं का किया उद्घाटन

छह हजार करोड़ रूपये की लागत से होगा 2,165 नये ग्राम पंचायत भवनों का निर्माण

किशनगंज के ठाकुरगंज और टेढ़ागाछ में होगा नये पुल का निर्माण, कैबिनेट ने दी मंजूरी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?