Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

कमर भर पानी से होकर गर्भवती महिलाओं की जांच को जाती हैं एएनएम नीलम

नीलम के अधीन अपने क्षेत्र में वैक्सीनेशन, गर्भवती माता और बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी है। डियूटी को लेकर वह अपने क्षेत्र में हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती हैं।

Main Media Logo PNG Reported By Main Media Desk | Araria |
Published On :

अररिया: कहते हैं इंसान के अंदर काम करने का जज्बा हो, तो बड़ी से बड़ी बाधा को वह यूं ही पार कर जाता है। ऐसा ही रोजाना कर रही हैं अररिया की एएनएम नीलम कुमारी। वह रोजाना बकरा नदी तैर कर अपने ड्यूटी क्षेत्र में जाती हैं। नीलम कुमारी, जोकीहाट प्रखंड की मटियारी पंचायत रहिकपुर एचएससी में कार्यरत हैं।

उनके अधीन अपने क्षेत्र में वैक्सीनेशन, गर्भवती माता और बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी है। डियूटी को लेकर वह अपने क्षेत्र में हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती हैं। वहां के ग्रामीणों का कहना है कि चाहे बारिश हो या कड़ाके की धूप, वह अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम देती हैं। उनका व्यवहार भी क्षेत्र के लोगों के लिए काफी सरल रहता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग में वह हमेशा चर्चा का विषय बनी रहती हैं और उनके काम से लोग प्रेरणा ले रहे हैं। उनके बेहतर कार्य को देखकर स्वास्थ्य विभाग ने कई बार उन्हें सम्मानित भी किया है इससे उनका हौसला और बढ़ गया है।

प्रोत्साहन मिलने से बढ़ता है उत्साह

एएनएम नीलम कुमारी ने बताया, “मैं जोकीहाट में पोस्टेड हूं और मैं मटियारी पंचायत के रहिकपुर एचएससी में कार्य करती हूं। वहां मुझे माता व बच्चों के लिए अपना कार्य करना पड़ता है।”


उन्होंने बताया कि पंचायत का कुछ हिस्सा बकरा नदी की दूसरी ओर है। जब बड़हुआ गांव जाना होता है तो उन्हें काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। “जब पानी अधिक होता है, तो वैक्सीनेशन या दूसरे काम के लिए नाव के सहारे जाना पड़ता है। लेकिन जैसे-जैसे बकरा नदी में पानी कम होता जाता है, वैसे वैसे नाव का परिचालन लगभग बंद हो जाता है। मगर, हम पर वैक्सीनेशन करने की बड़ी जिम्मेदारी होती है, इसलिए बकरा नदी में कमर तक पानी में ही चलकर दूसरी ओर जाना पड़ता है। यह काम आसान नहीं है, क्योंकि नदी पार करने के समय पूरा कपड़ा लगभग भीग चुका होता है और उसी कपड़े में हमें ड्यूटी करनी पड़ती है,” नीलम कुमारी कहती हैं।

ANM Neelam Kumari crossing river on a makeshift boat

उन्होंने आगे बताया, “इसे कभी-कभी निजी स्वास्थ्य की परेशानी भी होती है। लेकिन अपने कर्तव्य को देखकर मुझे यह बहुत छोटा नजर आता है।” उन्होंने बताया कि नदी पार करने के दौरान हमारे साथ वहां की आशा असगरी भी साथ रहती हैं। नदी पार करते समय डर भी लगता है कि अगर कहीं बीच में गहराई अधिक होगी, तो कोई दुर्घटना घट सकती है लेकिन ड्यूटी तो ड्यूटी है।

नीलम को उनकी मेहनत और जज्बे के लिए 15 अगस्त को डीएम इनायत खान द्वारा उन्हें अवार्ड भी दिया गया था। वह कहती हैं, “मेरे काम को देखते हुए प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक मुझे कई अवार्ड मिले हैं और प्रशस्ति पत्र देकर मुझे सम्मानित भी किया गया है।”

उन्होंने बताया, “कहने को तो हमारी ड्यूटी सिर्फ 8 घंटे की है। लेकिन मैं अपने क्षेत्र में हमेशा उपलब्ध रहती हूं। क्योंकि कभी भी गर्भवती माता की डिलीवरी का समय आता है तो वैसे में हमारी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है।”

वैक्सीनेशन को लेकर अभिनव प्रयोग

नीलम कुमारी ने बताया कि उन्होंने अपने क्षेत्र में वैक्सीनेशन के साथ गर्भवती माताओं की देखभाल के लिए कई नए प्रयोग भी किए हैं। उन्होंने कहा, “गर्भवती महिला घर के सामने एक चार्ट चिपका दिया है, जिसमें गर्भवती माता को कभी भी अगर दर्द हो और प्रसव का समय आ जाए तो परिवार वाले उस वक्त क्या करना चाहिए, ये सब लिखा हुआ है।”

ANM Neelam Kumari

“चार्ट में स्थानीय अस्पताल के एंबुलेंस का नंबर और मेरा नंबर के साथ और कई महत्वपूर्ण जानकारी लिखी होती है। गर्भवती माता को किसी भी समय प्रसव का दर्द उठ सकता है। उस समय घर वाले परेशान हो जाते हैं कि क्या किया जाए, किसे बुलाया जाए। ऐसी सूरत में वह चार्ट काफी लाभकारी साबित हो रहा है,” उन्होंने कहा।

राष्ट्रपति अवार्ड के लिए नाम भेजा जा रहा है

उनके कामों को देखते हुई उनका नाम राष्ट्रपति अवार्ड के लिए भेजा जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम रेहान अशरफ ने कहा, “हमारे यहां स्वास्थ्य कर्मी काफी मुस्तैदी और ईमानदारी से काम करते हैं। इसी का परिणाम है कि पिछले वर्षों में हमारी तीन एएनएम को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया है। इनमें एएनएम रूपा कुमारी, पुष्पा कुमारी और नाजिया परवीन शामिल हैं। यह दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए प्रेरणास्रोत होता है। एएनएम नीलम कुमारी का काम के प्रति ईमानदारी भरा उत्साह देखकर हम लोगों ने 2023 में मिलने वाले राष्ट्रपति अवार्ड के लिए उनके नाम का चयन किया है।

उन्होंने बताया कि हमारे यहां कई आशा और दूसरे स्वास्थ्य कर्मी हैं जो अपने कर्तव्य को जिम्मेदारी के साथ निभाते हैं। उन लोगों का नाम भी इकट्ठा किया जा रहा है। ताकि सम्मानित करने के लिए उनका नाम भी भेजा जा सके।

वह कहते हैं, “नीलम कुमारी का जज्बा और कार्य के प्रति निष्ठा की स्वास्थ्य विभाग में भी काफी चर्चा रहती है। महिला होकर नदी में लगभग तैर कर दूसरी ओर जाना यह एक कर्तव्यनिष्ठ कर्मी का ही काम हो सकता है। वह बखूबी अपने काम को अंजाम दे रही हैं। उनके काम से दूसरे कर्मियों को भी प्रेरणा मिलती है। हम ऐसी कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा सम्मान रखते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए तत्पर रहते हैं।”

Also Read Story

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को कैंसर, नहीं करेंगे चुनाव प्रचार

अररिया: टीका लगाने के बाद डेढ़ माह की बच्ची की मौत, अस्पताल में परिजनों का हंगामा

चाकुलिया में लगाया गया सैनेटरी नैपकिन यूनिट

अररिया: स्कूल में मध्याह्न भोजन खाने से 40 बच्चों की हालत बिगड़ी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना को लेकर की उच्चस्तरीय बैठक

बिहार में कोरोना के 2 मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क

कटिहार: आशा दिवस पर बैठक बुलाकर खुद नहीं आए प्रबंधक, घंटों बैठी रहीं आशा कर्मियां

“अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ जल्द होगी कार्रवाई”, किशनगंज में बोले स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव

किशनगंज: कोरोना काल में बना सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट महीनों से बंद

डीपीएम रेहान अशरफ ने आगे बताया कि उनके जिले के 9 प्रखंडों के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में लगभग 750 के करीब एएनएम कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अवार्ड के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी से बेहतर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की सूची मांगी गई है। इनमें से बेहतर काम करने वाले कर्मियों की सूची बनाकर राज्य सरकार को भेजी जाएगी और वहां से चयन कर अंतिम सूची केंद्र को भेजी जाएगी।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Main Media is a hyper-local news platform covering the Seemanchal region, the four districts of Bihar – Kishanganj, Araria, Purnia, and Katihar. It is known for its deep-reported hyper-local reporting on systemic issues in Seemanchal, one of India’s most backward regions which is largely media dark.

Related News

अररिया: थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए पर्याप्त खून उपलब्ध नहीं

पूर्णियाः नॉर्मल डिलीवरी के मांगे 20 हजार रुपये, नहीं देने पर अस्पताल ने बनाया प्रसूता को बंधक

पटना के IGIMS में मुफ्त दवाई और इलाज, बिहार सरकार का फैसला

दो डाक्टर के भरोसे चल रहा मनिहारी अनुमंडल अस्पताल

पूर्णिया में अपेंडिक्स के ऑपरेशन की जगह से निकलने लगा मल मूत्र

सीमांचल के पानी में रासायनिक प्रदूषण, किशनगंज सांसद ने केंद्र से पूछा- ‘क्या है प्लान’

किशनगंज: प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र पर आशा कार्यकर्ताओं का धरना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?