Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

नीति आयोग की रिपोर्ट से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय नाराज़

स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नीति आयोग की ताज़ा रिपोर्ट से बिहार के स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा नेता मंगल पांडेय नाराज चल रहे हैं।

उन्होंने नीति आयोग को स्वास्थ्य आंकड़े तैयार करने के तरीके में बदलाव की नसीहत दी है।

उन्होंने कहा कि नीति आयोग को ये भी बताना चाहिए था कि साल 2005 से पहले बिहार में स्वास्थ्य क्षेत्र की क्या स्थिति थी।

Main Media Logo PNG Reported By Main Media Desk |
Published On :

स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर नीति आयोग की ताज़ा रिपोर्ट से बिहार के स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा नेता मंगल पांडेय नाराज चल रहे हैं।

उन्होंने नीति आयोग को स्वास्थ्य आंकड़े तैयार करने के तरीके में बदलाव की नसीहत दी है।

Also Read Story

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को कैंसर, नहीं करेंगे चुनाव प्रचार

अररिया: टीका लगाने के बाद डेढ़ माह की बच्ची की मौत, अस्पताल में परिजनों का हंगामा

चाकुलिया में लगाया गया सैनेटरी नैपकिन यूनिट

अररिया: स्कूल में मध्याह्न भोजन खाने से 40 बच्चों की हालत बिगड़ी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना को लेकर की उच्चस्तरीय बैठक

बिहार में कोरोना के 2 मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क

कटिहार: आशा दिवस पर बैठक बुलाकर खुद नहीं आए प्रबंधक, घंटों बैठी रहीं आशा कर्मियां

“अवैध नर्सिंग होम के खिलाफ जल्द होगी कार्रवाई”, किशनगंज में बोले स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव

किशनगंज: कोरोना काल में बना सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट महीनों से बंद

उन्होंने कहा कि नीति आयोग को ये भी बताना चाहिए था कि साल 2005 से पहले बिहार में स्वास्थ्य क्षेत्र की क्या स्थिति थी।


2005 से उनका इशारा लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के कार्यकाल की तरफ था। साल 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की हार हुई थी और जदयू-भाजपा गठबंधन सत्ता में आया था, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे।

मंगल पांडेय ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा,

“नीति आयोग अपने तरीके से, अपने पैमाने से सोचता है। नीति आयोग को राज्य की जनता को ये बताना भी श्रेयस्कर होता कि साल 2005 से पहले बिहार में (स्वास्थ्य की) क्या स्थिति थी, क्या सुविधाएं मिलती थीं, अस्पतालों में कितनी दवाइयां मिलती थीं।”

Bihar Health Minister Mangal Pandey
किशनगंज के माता गुजरी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक अभिनंदन कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय

उन्होंने आगे कहा,

“2005 से पहले डाक्टरों की, नर्सों की बहाली कितनी होती थी मरीजों को कितनी सुविधाएं मिलती थीं, ये सब भी नीति आयोग बताता, तो देश और राज्य की जनता को विकास को परखने में और सुविधा होती।”

गौरतलब हो कि नीति आयोग और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलकर जिला स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिलास्तर पर प्रति लाख आबादी पर बेड की उपलब्धता के मामले में बिहार सबसे आखिरी पायदान पर है। बिहार में एक लाख की आबादी पर सिर्फ़ 6 बेड उपलब्ध है। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख आबादी पर 24 बेड है।

NITI Aayog Report

इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड 2012 के मुताबिक, एक लाख आबादी पर कम से कम 22 बेड होने चाहिए, यानी कि बिहार जरूरत के अनुपात में बेड्स की उपलब्धता तीन गुना कम है।

नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला किया है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा,

“16 वर्षों के थकाऊ परिश्रम के बूते बिहार को नीचे से नंबर-1 बनाने पर नीतीश जी को बधाई। 40 में से 39 लोकसभा MP और डबल इंजन सरकार का बिहार को अद्भुत फ़ायदा मिल रहा है। नीति आयोग की रिपोर्ट अनुसार देश के जिला अस्पतालों में सबसे कम बेड बिहार में हैं, 1 लाख की आबादी पर मात्र 6 बेड।”

यहां ये भी बता दें कि साल 2005 से बिहार में लगातार जदयू-भाजपा की सरकार बन रही है और हर बार स्वास्थ्य विभाग भाजपा के कोटे में रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य को लेकर जारी आंकड़ों में बिहाल की बिगड़ रही छवि के लिए आलोचना के केंद्र में जदयू से ज्यादा भाजपा है।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

Main Media is a hyper-local news platform covering the Seemanchal region, the four districts of Bihar – Kishanganj, Araria, Purnia, and Katihar. It is known for its deep-reported hyper-local reporting on systemic issues in Seemanchal, one of India’s most backward regions which is largely media dark.

Related News

अररिया: थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए पर्याप्त खून उपलब्ध नहीं

पूर्णियाः नॉर्मल डिलीवरी के मांगे 20 हजार रुपये, नहीं देने पर अस्पताल ने बनाया प्रसूता को बंधक

पटना के IGIMS में मुफ्त दवाई और इलाज, बिहार सरकार का फैसला

दो डाक्टर के भरोसे चल रहा मनिहारी अनुमंडल अस्पताल

पूर्णिया में अपेंडिक्स के ऑपरेशन की जगह से निकलने लगा मल मूत्र

सीमांचल के पानी में रासायनिक प्रदूषण, किशनगंज सांसद ने केंद्र से पूछा- ‘क्या है प्लान’

किशनगंज: प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र पर आशा कार्यकर्ताओं का धरना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?

सुपौल पुल हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट – ‘पलटू राम का पुल भी पलट रहा है’

बीपी मंडल के गांव के दलितों तक कब पहुंचेगा सामाजिक न्याय?