बिहार के अररिया जिले के बैरगाछी ओपी क्षेत्र में एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर उसमें स्थानीय लड़की के होने की अफवाह उड़ा दी गई, जिसका परिणाम ये निकला कि लड़की और उसका पूरा परिवार मानसिक तौर पर सदमे में है।
वायरल वीडियो व पीड़िता लड़की में समानता केवल इतनी थी कि लड़की का चेहरा वायरल वीडियो में दिख रही लड़की से थोड़ा मिलता-जुलता है। इसी का फायदा उठाकर कुछ मनचलों ने वायरल वीडियो को कथित तौर पर कहीं से डाउनलोड कर फेसबुक पर डाल दिया। इसके बाद उन्होंने अफवाह उड़ा दी कि वायरल वीडियो स्थानीय लड़की का ही है।
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फिर क्या था, इलाके में कानाफूसी शुरू हो गई है और तो और बात स्कूल तक जा पहुंची। लड़की इलाके के एक निजी स्कूल में नौवीं की छात्रा है।
वो स्कूल गई, तो स्कूल प्रबंधन ने उसे व उसकी बहन को स्कूल से निकाल दिया। तब जाकर पीड़िता को पता चला कि उसके नाम से एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस मामले में लड़की के पिता ने 24 सितंबर को बेरगाछी ओपी में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। लिखित शिकायत के आधार पर बैरगाछी ओपी की पुलिस ने इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 354(डी) (पीछा करना), 506 (आपराधिक धमकी) व 509 (स्त्री की लज्जा का अनादर), प्रीवेंशन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पोक्सो) एक्ट की धारा 8 (नाबालिग पर यौन हमला) और 12 (यौनिक इरादे से कुछ करना) तथा सूचना व तकनीक एक्ट की धाराओं के तहत पांच आरोपितों अब्दुल्लाह अहमद, अनवर, नवाजिश, अबु हरेरा व राजानुर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
पुलिस ने कहा – वीडियो में नहीं ही पीड़िता
एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने मैं मीडिया से कहा,
“मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अभी तक के अनुसंधान में पता चला है कि जो वीडियो वायरल किया जा रहा है, उसमें वो लड़की नहीं है, जिनका नाम उछाला जा रहा है। वो वीडियो किसी और लड़की का है। चूंकि उस लड़की का चेहरा थोड़ा बहुत इस लड़की से मिलता है, तो उसी का फायदा उठाकर बदनाम किया गया है।”
“जिस फेसबुक पेज से वीडियो पोस्ट किया गया था, उसे चलाने वालों को गिरफ्तार करने के लिए कार्रवाई चल रही है,”
पुष्कर कुमार ने बताया।
बैरगाछी ओपी की थानाध्यक्ष मेनका रानी ने मैं मीडिया से कहा,
“अब तक की जांच में पता चला है कि जिन लोगों ने वीडियो वायरल किया है, वे लोग स्थानीय ही हैं, लेकिन बंगलुरू में रहते हैं। जिस पेज से वीडियो वायरल हुआ है, उसकी जांच की जा रही है और एकाध दिन में ही कुछ ठोस (सबूत) सामने आ जाएगा।”
वायरल वीडियो में शामिल लड़की और पीड़िता के चेहरे में समानता के सवाल पर उन्होंने कहा,
“वीडियो में वो लड़की नहीं है, जिसका नाम लिया जा रहा है। हमलोगो ने वीडियो और लड़की के चेहरे का मिलान किया है। उनमें मैचिंग नहीं है। एकदम हल्का लुक मिल रहा है। लेकिन इस लड़की का वीडियो नहीं है। अब तक के अनुसंधान में पता चला है कि उसे बदनाम करने के इरादे से ऐसा किया गया है।”
बैरगाछी ओपी की थानाध्यक्ष मेनका रानी
“सिर्फ शक के आधार पर स्कूल से निकाला”
पीड़िता और उसकी बहन दोनों इलाके के एक निजी स्कूल में पढ़ती है।
वीडियो वायरल होने के बाद स्कूल से त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को स्कूल से निकाल दिया है।
“वीडियो वायरल होने के बाद हम दोनों बहन की पढ़ाई छूट गई है। सिर्फ शक के आधार पर शिक्षक ने हमें स्कूल से निकाल दिया,”
पीड़ित नाबालिग ने मैं मीडिया को बताया।
इस घटना के बाद से दोनों घर में ही कैद हैं, क्योंकि वीडियो वायरल होने के बाद से इलाके में तरह-तरह की अफवाह उड़ी हुई है और जब वे बाहर जाती हैं, तो लोग फब्तियां कसने से बाज नहीं आते।
“जो लोग कहते हैं कि वायरल वीडियो में मैं हूं, वो पुलिस से वीडिया चेक करवा ले। मेरे चेहरे से भी मिला कर देख ले। मैंने वो वीडिया देखा है। उसमें जो लड़की दिख रही है, उसकी उम्र 20 से 22 साल के आसपास है और मेरी उम्र तो सिर्फ 14-15 साल है। वो मेरा वीडिया है ही नहीं। लेकिन एक साजिश के तहत हमें बदनाम किया जा रहा है। हमने आज तक ऐसा नहीं किया है,”
पीड़िता ने कहा।
वे कहती हैं,
“इस वीडियो में मेरा नाम आने से मेरी पढ़ाई में रुकावट आ गई है। मुझे और मेरे परिवार को बदनाम किया जा रहा है। मेरी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया गया है, जो बिल्कुल गलत है। जिसने मुझे बदनाम करने की कोशिश की है, उसे भी सोचना चाहिए कि उसके घर में भी बहन बेटियां हैं।”
बैरगाछी ओपी में दिये गये लिखित आवेदन में पीड़िता के पिता ने दावा किया है,
“हमें मालूम हुआ है कि अनवर, नवाजिश और अबू हरेरा ने मिलकर एक फेसबुक ग्रुप बनाया था और इसमें मेरे बेटे को जोड़ा गया। इस ग्रुप में राजानुर नाम के व्यक्ति ने वीडियो और फोटो वायरल किया।” उन्होंने आवेदन में आगे लिखा है, “उक्त फेसबुक ग्रुप के एडमिन अब्दुल्लाह अहमद व अन्य के द्वारा आपत्तिजनक और घिनौना पोस्ट करने वाले की पड़ताल कर समुचित कार्यवाही करने की की कृपा की जाए।”
घर में मातम-सा माहौल
आपत्तिनजक वीडियो वायरल किये जाने के बाद पीड़िता का पूरा परिवार ही दुखी और परेशान है।
पीड़िता की मां कहती हैं,
“वीडियो वायरल होने से बेटी पर भद्दे कमेंट किये जा रहे हैं। हमलोग बेहद परेशान हैं। स्कूल के टीचर ने भी बिना तहकीकात किये स्कूल से निकाल दिया। परीक्षा होने वाली है, लेकिन ये पढ़ नहीं पा रही हैं और डिप्रेशन में चली गई है।”
उन्होंने मांग की,
“हमारी बच्ची बिल्कुल निर्दोष है। जिसने भी बच्ची के साथ ऐसा किया है, उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए।”
“मैं मदरसे में था। वहां से लौटा तो मुझे मालूम हुआ कि स्कूल प्रबंधन ने बेटियों को स्कूल से निकाल दिया। ये सुनकर मुझे बहुत अफसोस और हैरत हुई,”
पीड़िता के पिता कहते हैं।
वायरल वीडियो से पीड़िता इतनी ज्यादा परेशान थी कि उसने आत्महत्या करने की ठान ली थी, लेकिन उसके परिवार के सदस्यों उसे किसी तरह समझा-बुझा कर शांत किया।
“बच्ची को भी मालूम नहीं था कि उसे क्यों स्कूल से निकाल दिया गया है। वो मानसिक तौर पर इतनी परेशान थी कि आत्महत्या करने का इरादा कर लिया था। वे कहने लगी थीं कि उसने ऐसा कुछ किया ही नहीं और बदनाम हो गई है, तो जीकर क्या करेगी। मैंने उन्हें किसी तरह दिलासा दिलाया,”
उसके पिता ने कहा।
उन्होंने आगे कहा,
“मेरे घर में सब परेशान, उदास हो गये हैं। खाना-पीना तक छोड़ दिया। मेरी नींद, भूख गायब हो गई। दोनों बच्चियां पढ़ने-लिखने में तेज हैं। गाने भी बढ़िया गाती हैं। उनके गानों के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब पसंद किये जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों को ये बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने बदनाम करने से इरादे से आपत्तिजनक वीडियो को मेरी बेटी का बताकर वायरल कर दिया गया।”
स्कूल प्रबंधन से दोबारा स्कूल में दाखिला देने की अपील
वीडियो वायरल होने के बाद निजी स्कूल ने उसे व उसकी बहन को निलंबित कर दिया है।
पीड़िता की मां ने कहा कि स्कूल प्रबंधन से गुजारिश की है कि बच्चियों को वापस स्कूल में लिया जाए और सुचारू रूप से उनकी पढ़ाई शुरू हो।
उसके पिता ने मैं मीडिया से कहा कि बिना जांच किये शिक्षक ने बच्चियों को स्कूल से निकाल दिया। इससे वे कुछ ज्यादा ही परेशान हैं कि उनका कोई कसूर नहीं है, लेकिन स्कूल से बाहर कर दिया गया।
“बच्चियां उसी स्कूल में पढ़ना चाहती हैं। उनका कहना है कि वे उसी स्कूल में पढ़ेंगी वरना नहीं पढ़ेंगी। मेरी स्कूल प्रबंधन से गुजारिश है कि मेरी बेटियों को वापस ले जाएं और पहले जैसी तालीम दें,” पिता ने कहा।
पुलिस ने इस संबंध में कहा कि वे स्कूल प्रबंधन से भी पूछेंगे कि किस आधार पर उन्होंने बच्ची को स्कूल से निकाला है।
स्कूल के डायरेक्टर एमए मुजीब ने कहा कि उन्होंने बच्ची को स्कूल से निकाला नहीं है बल्कि एहतियातन घर पहुंचा दिया था।
उन्होंने ये भी कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर उनको और स्कूल लेकर भी तमाम आपत्तिजनक बातें कही जा रही थी, इसलिए वे दबाव में थे।
एमए मुजीब ने कहा,
“वीडियो में हालांकि बच्ची नहीं है। पुलिस मामले की जांच कर रही जांच पूरी होने के बाद वो स्कूल आ सकती है।”
स्कूल के डायरेक्टर एमए मुजीब / फोटो: मेराज खान
इस बीच, मैं मीडिया को एक वीडियो मिला है, जिसमें कुछ स्थानीय युवक स्कूल के शिक्षकों पर लड़की को स्कूल से निकालने के लिए दबाव बनाते हुए दिख रहे हैं।
इसी वीडियो में कैद एक स्थानीय युवक ने वीडियो वायरल होने से पहले लड़की को रास्ते में रोककर कहा था कि उसका एक अश्लील वीडियो है, जो वायरल होने वाला है। इस पर लड़की ने जवाब दिया कि उसका कोई ऐसा वीडियो नहीं है।
दूसरे दिन वही युवक स्कूल गया और स्कूल के संचालक पर लड़की को स्कूल से निकालने के लिए दबाव बनाया। वीडियो में मौजूद दोनों युवकों की शिनाख्त सन्नी और राजू बाबा के रूप में हुई है।
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