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“व्यापरियों में अब उमंग नहीं बचा”, नेपाल द्वारा भंसार नियम सख्त करने पर जोगबनी के दुकानदार चिंतित

फुटपाथ पर कपड़ा बेच रहे अमर यादव ने कहा कि जब से नेपाल सरकार ने भंसार नियम लागू किया है तब से छोटे व्यापारियों की स्थिति बेहद खराब है। घर में एक आदमी कमाने वाला है और खाने वाले पांच हैं ऐसे में गुज़ारा करना बहुत मुश्किल हो गया है।

ved prakash Reported By Ved Prakash |
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भारत और नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के अररिया जिला अंतर्गत जोगबनी बाजार में इन दिनों सन्नाटा पसरा है। दुकानदारों का कहना है कि पूरा जोगबनी बाज़ार ज़बरदस्त मंदी से गुज़र रहा है। दरअसल जून महीने में नेपाल सरकार ने भंसार नियम लागू किया जिसमें नेपाली उपभोक्ताओं को भारतीय बाज़ार से 100 रुपए से अधिक मूल्य का समान खरीदने पर कस्टम शुल्क देना होगा।

नेपाल सीमा के पास रहने वाले लोग अक्सर दैनिक जरूरतों के सामान खरीदने भारतीय बाज़ार आते हैं। इस कड़ी में सीमा से सटा जोगबनी बाज़ार बहुत महत्वपूर्ण किरदार अदा करता है। 100 रुपये से अधिक का सामान खरीदकर नेपाल ले जाने पर नेपाली नागरिकों को कस्टम शुल्क देने के अलावा पूछताछ के दौर से भी गुजरना पड़ता है।

जोगबनी बाज़ार के एक दुकानदार सुमन कुमार कामत कहते हैं कि भंसार नियम लागू होने से जोगबनी के किराना दुकानदार से लेकर कपड़ा व्यापारी, सब परेशान हैं। वहीं कपड़ा व्यापारी फ़य्याज़ खान ने कहा कि जोगबनी बाज़ार में नेपाली खरीदारों के आने की संख्या काफी कम हो चुकी है। पहले के मुकाबले इस समय करीब 80% तक व्यापार ठप हो चुका है।


फुटपाथ पर कपड़ा बेच रहे अमर यादव ने कहा कि जब से नेपाल सरकार ने भंसार नियम लागू किया है तब से छोटे व्यापारियों की स्थिति बेहद खराब है। घर में एक आदमी कमाने वाला है और खाने वाले पांच हैं ऐसे में गुज़ारा करना बहुत मुश्किल हो गया है।

जोगबनी के स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि नेपाल में रोज़मर्रा के सामानों पर करीब 10 से 20 फीसदी महंगाई बढ़ गई है। इससे वहाँ जनजीवन प्रभावित होने लगा है।

‘मैं मीडिया’ को कई नेपाली नागरिकों ने बिना कैमरे के बताया कि नेपाल सरकार के आदेश के बाद लोगों की दिक्कतें काफी बढ़ गई हैं।
नेपाली उपभोक्ता कृष ने कहा कि नेपाल की आर्थिक हालत सही नहीं है इसलिए नेपाल सरकार इस तरह के नियम ला रही है। वह मानते हैं कि खाद्यान्न सामानों पर नेपाल सरकार को छूट देनी चाहिए।

नेपाल में खाद्य सामग्री, दवा, कपड़ा आदि रोजमर्रा की चीजें भारत से मंगाई जाती हैं। टैक्स लगने के बाद वे चीज़ें महंगी बिकती हैं। यही कारण है कि नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नेपाली उपभोक्ता अपनी रोजमर्रा की जरूरत का सामान खरीदने भारतीय बाजार की ओर रुख करते हैं और यहां से जरूरी सामान लेते हैं।

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दुकानदार शुभम गुप्ता कहते हैं कि जोगबनी बाज़ार भारतीय खरीदारों से ज्यादा नेपाली उपभोक्ताओं पर निर्भर रहता है। नेपाल के लोग खरीदारी न करें तो जोगबनी बाज़ार भारी मंदी का शिकार हो जाएगा। एक और दुकानदार सीतेश कुमार ने कहा कि जोगबनी बाज़ार के व्यापारियों में अब निराशा छाने लगी है। भंसार और आईडी कार्ड नियम लागू होने से व्यापार ठप हो चुका है। उन्होंने आगे कहा कि हम लोग अभी प्रतीक्षा कर रहे हैं, हो सकता है त्यौहार के दिनों में परिस्थितियां कुछ बदल जाएं।

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अररिया में जन्मे वेद प्रकाश ने सर्वप्रथम दैनिक हिंदुस्तान कार्यालय में 2008 में फोटो भेजने का काम किया हालांकि उस वक्त पत्रकारिता से नहीं जुड़े थे। 2016 में डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा। सीमांचल में आने वाली बाढ़ की समस्या को लेकर मुखर रहे हैं।

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