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टोला सेवकों को मिली स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने की ज़िम्मेदारी

जिन विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति 50 फीसद से कम है, उन विद्यालयों के लगातार अनुपस्थित रहने वाले छात्र और छात्राओं की सूची उस विद्यालय से संबद्ध टोला सेवक या शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज़) का द्वारा तैयार की जाएगी।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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bihar education department letter

बिहार के सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा विभाग अनेक कदम उठा रही है। विभाग का दावा है कि इन प्रयासों से विद्यालयों में शत प्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जा चुकी है। लेकिन, स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है।


बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने की जिम्मेदारी अब टोला सेवक और शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज़) को दी गई है। विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार ने पत्र जारी कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को इस आलोक में निर्देश दिया है। अगर इस कार्य में टोला सेवक या शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज) ढिलाई बरतेंगे, तो उन्हें चेतावनी दी जाएगी। चेतावनी के बाद भी अगर सुधार नहीं हुआ, तो उनके मानदेय में कटौती करने का आदेश दिया जाएगा।

शिक्षा विभाग स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 90 फीसद सुनिश्चित करना चाहता है। प्रथम चरण में उपस्थिति कम से कम 75 फीसदी से ऊपर ले जाने का उद्देश्य है। पत्र में कहा गया है कि विभाग को निरीक्षण के दौरान पता चला है कि अभी भी वैसे विद्यालयों की संख्या अच्छी खासी है, जहां बच्चों की उपस्थिति 50 फीसद से कम है।


विभाग ने अगस्त माह के अंत तक 50 फीसद से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों की संख्या शून्य करने का लक्ष्य अधिकारियों को दिया है। इसके लिए टोला सेवक और शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज़) को प्रतिदिन संध्या 4 बजे अपने प्रखंड के प्रखंड संसाधन केंद्र में एकत्र होकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पूरे दिन की गतिविधियों की जानकारी देंगे।

इसके अलावा विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति की संख्या भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को बताएंगे। अगर कोई शिक्षक अनुपस्थित है, तो उसकी जानकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उसी दिन देनी होगी।

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जिन विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति 50 फीसद से कम है, उन विद्यालयों के लगातार अनुपस्थित रहने वाले छात्र और छात्राओं की सूची उस विद्यालय से संबद्ध टोला सेवक या शिक्षा सेवक (तालीमी मरकज़) का द्वारा तैयार की जाएगी।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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