किशनगंज नगर परिषद का चुनाव भले ही संपन्न हो गया हो, लेकिन आरोप प्रत्यारोप का दौर खत्म होने का नाम नहीं नहीं ले रहा है। बीते शनिवार को मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद के कुछ उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने एक सामूहिक प्रेस कांफ्रेंस कर कई गंभीर आरोप लगाए।
भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष टीटू बदवाल की सास हसीना परवीन, चुनाव में उप मुख्य पार्षद प्रत्याशी थीं। वह 2300 वोटों से चुनाव हार गईं। अपने आवास पर आयोजित इस प्रेस कांफ्रेंस में टीटू बदवाल ने किशनगंज नगर परिषद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि किशनगंज नगर परिषद द्वारा मनमाने होल्डिंग टैक्स और साफ सफाई व स्ट्रीटलाइट्स के नाम पर हो रहे घोटाले की जांच के लिए वह डीएम को ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने इंसाफ नहीं मिलने पर जन आंदोलन करने का ऐलान किया।
आरटीआई कार्यकर्ता सैय्यद आबिद हुसैन ने मुख्य पार्षद प्रत्याशी संतोष कुमार रजक को समर्थन दिया था। उन्होंने दावा किया कि किशनगंज में पटना, पूर्णिया दरभंगा से भी ज्यादा होल्डिंग टैक्स है, जो गलत है। आगे उन्होंने खुलासा किया कि नगर परिषद ने कुल 34 में से 22 वार्डों की साफ सफाई के लिए एक एनजीओ को 39 लाख रुपये प्रति माह की दर से ठीका दिया है। लेकिन इसके बावजूद नगर परिषद साफ सफाई के नाम पर करोड़ों का डस्ट बिन और अन्य सामग्री खरीद रहा है।
डॉ. विजय कुमार मुख्य पार्षद पद के लिए उम्मीदवार थे। उन्होंने कहा कि मामले पर अगर सरकार ने सुनवाई नहीं की, तो हम जन आंदोलन करेंगे और जब तक हमें इंसाफ नहीं मिलता तब तक हम इस मुद्दे को लगातार उठाते रहेंगे।
हाई कोर्ट में मामले के शिकायतकर्ता जयंत प्रसाद मोदी के अनुसार पिछले करीब दस सालों से एक ही ज़मीन का दो बार टैक्स लिया जा रहा है, जो गलत है।
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इस मामले पर किशनगंज नगर परिषद के नवनिर्वाचित मुख्य पार्षद इंद्रदेव पासवान ने कहा कि चुनाव से पूर्व किए गए जनता से वादों पर कायम हूं। मैंने शहर को एक बेहतर व्यवस्था देने की शपथ ली थी जिसके ऊपर मैं लगातार अध्ययन कर रहा हूं और आगे चलकर काम करूंगा। आगे उन्होंने कहा कि जो लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पर्चे बांट रहे हैं उन पर्चों की कोई वैधता नहीं है, उसको मैं सिरे से नकारता हूं।
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