किशनगंज शहर के रूईधासा मोहल्ला स्थित प्राथमिक विद्यालय रूईधासा में अधिकतर गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले लोगों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में दोपहर का भोजन यानी मिड डे मील अनिवार्य है, लेकिन इस स्कूल में मिड डे मील के नाम पर घटिया भोजन बच्चों को परोसा जा रहा है। मिड डे मील में मिलावट के खिलाफ स्कूली बच्चों ने खुद मोर्चा खोल दिया है। बच्चे खाने की गुणवत्ता को लेकर खाने का बहिष्कार कर उसे कूड़ेदान में फेंक रहे हैं।
यहां यह भी बता दें कि किशनगंज शहर के कुल 181 सरकारी विद्यालयों में जन चेतना जागृति व शैक्षणिक विकास मंच नामक संस्था भोजन सप्लाई करते हैं। बच्चों के अभिभावकों ने भी घटिया भोजन परोसने का विरोध कर कहा कि ऐसे भोजन से बच्चे आये दिन पेट दर्द की शिकायत करते हैं।
स्कूल के प्रधान शिक्षक से पूछने पर उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चों को खिलाने के लिए एनजीओ द्वारा लगातार घटिया भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। इसकी शिकायत मैंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वहीं, मामले को लेकर जब किशनगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष गुप्ता से पूछा गया, तो उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच का आदेश डीपीओ, एमडीएम को दिया। उन्होंने कहा कि जांच के बाद भोजन उपलब्ध करवाने वाले एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मिड डे मील योजना का उद्देश्य स्कूली बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाना है, ताकि कोई भी बच्चा विद्यालय में भूख से संघर्ष ना करे और साथ ही बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में अधिक से अधिक हो। लेकिन किशनगंज के स्कूलों में मिलने वाला मिड डे मील बच्चों को स्कूल आने के लिए न केवल हतोत्साहित कर रहा है बल्कि उनके स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ है।
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