उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिला स्थित सिलक्यारा के सुरंग में 17 दिन फंसे रहने के बाद निकाले गए मज़दूर अब अपने अपने घर लौट रहे हैं। इसी क्रम में बिहार के पांच मजदूर शुक्रवार को पटना पहुंचे। पटना हवाई अड्डा पर इन मज़दूरों का ज़ोरदार स्वागत हुआ। मज़दूरों के स्वागत के लिए बिहार के श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम एयरपोर्ट पहुंचे और मालाओं से मज़दूरों का स्वागत किया।
मज़दूरों के सकुशल प्रदेश लौटने पर परिजनों की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। बता दें कि उत्तराखंड सुरंग से सुरक्षित निकाले गए बिहार के पांच मज़दूर शुक्रवार को दिल्ली से पटना लाए गए। एयरपोर्ट से पांचों मजदूरों को उनके गांव रवाना कर दिया गया।
वापस लौटे मजदूरों में से कुछ ने पत्रकारों से बात की। उनमें से एक रोहतास जिला के सुशील कुमार ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते एक दुर्घटना हुई जिसमें सभी मज़दूर फंस गए। पहले 18 घंटे सबसे डरावने थे फिर बाद में ऑक्सीजन और बाकी सुविधाएं मुहैया की गईं तो हालत थोड़े बेहतर हुए। आगे उन्होंने बताया कि अंदर माहौल सकारत्मक बनाया गया था ताकि सुरंग में फंसे मज़दूरों में घबराहट न बढ़े।
वहीं, भोजपुर जिले के रहने वाले मज़दूर सबा अहमद ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी 41 मज़दूर पूरी तरह से सुरक्षित बाहर निकाले गए हैं और इसमें रेस्क्यू टीम और उत्तराखंड सरकार ने बड़ी भूमिका निभाई। उत्तराखंड से पटना लाने के लिए उन्होंने बिहार सरकार का भी शुक्रिया अदा किया। सबा ने आगे कहा कि वह चाहते हैं कि बिहार में भी उन जैसे मज़दूरों को रोज़गार के अवसर मिले ताकि उन्हें इतनी दूर काम करने ना जाना पड़े।
ज्ञात रहे कि बीते 12 नवंबर की सुबह निर्माणाधीन सिल्कयारा बेंड-बारकोट सुरंग के ढहने से 41 मज़दूर फंस गए थे। ये सभी मज़दूर करीब साढ़े 4 किलोमीटर की जगह में फंसे गए थे जिन्हें 17 दिन की कड़ी मेहनत के बाद रेस्क्यू टीम ने 28 नवंबर को सुरक्षित निकाल लिया।
Also Read Story
इन 41 मज़दूरों में 5 बिहार से थे। इनमें भोजपुर के सबा अहमद, सारण के सोनू कुमार, रोहतास के सुनील कुमार, बांका के वीरेंद्र किशु और मुजफ्फरपुर के दीपक कुमार शामिल थे।
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।