भाजपा नेता और केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में अवैध मदरसों पर रोक लगाने को कहा है। शुक्रवार को उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि बिहार में 3,000 मदरसे चल रहे हैं जिनकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने सीमांचल में अवैध मस्जिद और मरदरसों पर रोक लगाने की बात कही।
गिरिराज सिंह ने अपने एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “बिहार सरकार तत्काल मदरसों पर रोक लगाए। सीमांचल की हालत देखकर लगता है कि न धर्म बचेगा, न धन। बिहार में लगभग 3000 मदरसे हैं, उन सभी की जांच होनी चाहिए और धार्मिक ब्रेनवॉश की जगह प्रगतिशील शिक्षा दी जानी चाहिए।”
“बिहार में पीएफआई सक्रीय”
वीडियो में उन्होंने कहा कि बिहार, बंगाल और नेपाल की सीमा के पास है, ऐसे में यह न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए आंतरिक सुरक्षा पैदा कर रहा है। भाजपा के केंद्रीय मंत्री ने यही भी दावा किया कि बिहार में प्रबंधित संगठन पीएफआई सक्रिय है।
उन्होंने कहा, “बिहार में अवैध मदरसे और अवैध मस्जिदों की बाढ़ हो गई है। इन बॉर्डरों पर तो और ज्यादा हो गया है। पीएफआई वहां सक्रिय है। बिहार में 18 प्रतिशत मुसलामानों की आबादी है। अवैध को बंद कर के वैध मदरसों में विज्ञान की पढ़ाई शुरू हो।”
बेगूसराय सांसद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि मुख्यमंत्री तुष्टीकरण की राजनीति को छोड़ें। “वोट के लिए नीतीश जी बहुत हो गया, अब बिहार और देश में हो रहे खतरे पर भी विचार करें। अगर ऐसा नहीं किए तो अगले बीस सालों में बिहार के लोगों के धन और धर्म खतरे में पड़ जाएंगे। इसके लिए ज़िम्मेदार आप और लालू यादव होंगे। आप तुष्टीकरण की निद्रा से उठें।”
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जदयू ने किया पलटवार
इस बयान पर जदयू की प्रतिक्रिया आई है। एक निजी चैनल से बात करते हुए जदयू के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने केंद्रीय मंत्री गरिराज सिंह के इस बयान पर कहा कि उनके बयान इतने नफरती होते हैं कि उनकी पार्टी खुद उनके बयानों से किनारा कर लेती है।
“प्रधानमंत्री को चाहिए कि यह स्पष्ट करें कि उनके मंत्री का यह बयान मंत्रिमंडल का संयुक्त वक्तत्व है या उनका व्यक्तिगत वक्तव्य है? चुनाव से पहले इस तरह का वक्तत्व देकर वह पहले भी प्रधानमंत्री से डांट खा चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनके इस विवादास्पद बयान से अपने आप को अलग कर चुकी है। उनके बयान नफरतों से भरे हैं,” केसी त्यागी बोले।
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