संसद का शीतकालीन सत्र इस बार 4 दिसंबर को शुरू होने जा रहा है। सत्र के 22 दिसंबर तक चलने की संभावना है। शीतकालीन सत्र के 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लिखा, “संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होगा और 22 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी।”
जोशी ने आगे कहा, “अमृत काल के बीच सत्र के दौरान विधायी कामकाज और अन्य विषयों पर चर्चा का इंतजार है।”
बताते चलें कि संसद का यह शीतकालीन सत्र पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आने के अगले दिन से शुरू होने जा रहा है। ऐसे में चुनावी नतीजों का असर संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही पर भी पड़ना तय है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चल रहे विधान सभा चुनाव की मतगणना 3 दिसंबर को होनी है और 4 दिसंबर से संसद का यह शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है।
इन बिलों को पास करायेगी सरकार
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस सत्र में भारतीय दंड संहिता, सीआरपीसी और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 सहित कई अन्य लंबित विधेयकों को पारित करवाने का प्रयास करेगी।
इसके अलावा सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित विधेयक को भी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित करवाना चाहेगी।
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लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अगर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की एथिक्स कमेटी की सिफारिश को स्वीकार कर लेते हैं तो उनकी सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव भी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान ही लोकसभा में रखा जा सकता है।
एथिक्स कमेटी की सिफारिश को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र के दौरान ही महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द की जा सकती है।
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