Main Media

Seemanchal News, Kishanganj News, Katihar News, Araria News, Purnea News in Hindi

Support Us

कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए बनेंगे नियम, लोगों से मांगे गये सुझाव

कोचिंग संस्थान की प्रत्येक कक्षा का न्यूनतम कार्पेट एरिया 300 वर्ग फुट रखना होगा। प्रत्येक कक्षा में बैठने की व्यवस्था अर्थात बेंच-डेस्क/कुर्सी इत्यादि इस प्रकार होनी चाहिए कि प्रत्येक छात्र को कम से कम एक वर्ग मीटर स्थान प्राप्त हो। प्रत्येक कक्षा में उचित विद्युतीकरण, प्रर्याप्त रौशनी, पंखे और एयर वेंटिलेशन की सुविधा होनी चाहिए।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :

बिहार में प्राइवेट कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने के लिए शिक्षा विभाग ने बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) नियमावली-2023 के ड्राफ्ट पर लोगों से सुझाव मांगे हैं। अब कोई भी कोचिंग संस्थान ऐसे शिक्षकों की सेवाएं नहीं ले पाएगा, जो किसी सरकारी सहायता प्राप्त या गैर सहायता प्राप्त स्कूलों/संस्थानों में पढ़ा रहे हैं।

कोचिंग संस्थान को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसकी कक्षाओं की समय तालिका किसी भी तरह से सरकारी स्कूलों/संस्थानों के समय के साथ न टकरातु हो। कोई भी व्यक्ति जो कोचिंग संस्थान की स्थापना, संचालन या प्रशासन में शामिल होगा, वह उस कार्यकाल की अवधि में एक साथ सरकारी स्कूल/संस्थान के मामलों में शामिल नहीं हो पाएगा।

कोचिंग संस्थान को कराना होगा रजिस्ट्रेशन

अब राज्य में संचालित सभी कोचिंग संस्थानों को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए जिला पदाधिकारी, पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान करने तथा अन्य उद्देश्यों के लिए अपने जिलों के लिए पंजीकरण समिति का गठन करेगें। शिकायतों के त्वरित निपटान के उद्देश्य से प्रत्येक अनुमंडल के लिए जांच समिति का गठन किया जाएगा। जांच समिति में अनुमण्डल पदाधिकारी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी के अलावा दो सदस्य भी होंगे।


कोई भी व्यक्ति जो कोचिंग संस्थान की स्थापना या संचालन करना चाहता है, उसे जिला पदाधिकारी के समक्ष निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन देना होगा। पूर्व से चल रहे कोचिंग संस्थानों को भी इन नियमों के लागू होने के 30 दिनों के भीतर जिला पदाधिकारी को रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा।

रजिस्ट्रेशन के लिए शर्तें

कोचिंग संस्थान की प्रत्येक कक्षा का न्यूनतम कार्पेट एरिया 300 वर्ग फुट रखना होगा। प्रत्येक कक्षा में बैठने की व्यवस्था अर्थात बेंच-डेस्क/कुर्सी इत्यादि इस प्रकार होनी चाहिए कि प्रत्येक छात्र को कम से कम एक वर्ग मीटर स्थान प्राप्त हो। प्रत्येक कक्षा में उचित विद्युतीकरण, प्रर्याप्त रौशनी, पंखे और एयर वेंटिलेशन की सुविधा होनी चाहिए।

संस्थान के परिसर के भीतर उचित स्वच्छता के साथ उचित पेयजल की सुविधा तथा लड़कों व लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था कोचिंग संस्थान को करनी होगी। सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक कक्षा के भीतर अग्निशामक यंत्र तथा प्राथमिक चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था भी करनी होगी।

आवेदन के समय लगने वाले दस्तावेज

कोचिंग संस्थान को यदि खरीदी गई भूमि पर स्थापित करने का प्रस्ताव है तो नवीनतम राजस्व रसीद तथा अन्य सभी मामलों में पट्टा विलेख (लीज डीड) या किरायानामा जो भूमि/परिसर पर शांतिपूर्ण अधिकार को साबित कर सकता है, इससे संबंधित आवश्यक दस्तावेज आवेदन के समय देना होगा।

कोचिंग संस्थान को संबंधित स्थानीय निकाय, राजस्व विभाग के अंचल अधिकारी तथा स्थानीय अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा कोचिंग संस्थान के मालिक और अन्य हितधारकों का पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी किया गया चरित्र प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।

आवेदन देने के बाद जिला पदाधिकारी या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी प्रारंभिक जांच करेगा और यदि आवेदन सही पाया जाता है, तो इसे विचार के लिए प्राधिकार के समक्ष रखा जाएगा। यदि आवेदन में गड़बड़ी पायी जाती है या उसमें किसी भी आवश्यक दस्तावेज की कमी है, तो ऐसे आवेदनों को उन कमियों को रेखांकित कर आवेदकों को वापस कर दिया जाएगा। हालांकि आवेदक द्वारा सभी त्रुटियों को दूर कर आवेदन दोबारा जमा कर सकते हैं।

इसके बाद यदि आवेदक 30 दिनों के भीतर आवेदन जमा नहीं करता है तो आवेदन को खारिज माना जाएगा। हालांकि उक्त आवेदकों को जरूरी दस्तावेजों और फीस के साथ नया आवेदन जमा करने कि स्वतंत्रता होग। वहीं, अगर आवेदन सही पाया जाता है, तो प्राधिकार 30 दिनों के भीतर आवेदन पर विचार करेगा।

आवेदन की स्वीकृति पर प्राधिकार उक्त कोचिंग संस्थान को एक पंजीकरण संख्या और एक पंजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करेगा। आवेदन खारिज होने की स्थिति में, आवेदक अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपील दायर कर सकता है। पंजीकरण प्रमाण-पत्र या पंजीकरण के लिए आवेदन की अस्वीकृति के आदेश की एक प्रति आवेदक को नि:शुल्क प्रदान की जाएगी।

मानदंड पूरा नहीं करने पर रद्द होगा रजिस्ट्रेशन

कोई भी शिकायतकर्ता कोचिंग संस्थान के खिलाफ अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है। अनुमंडल पदाधिकारी या जिला पदाधिकारी द्वारा अधिकृत किसी अन्य अधिकारी द्वारा प्रस्तुत निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर पात्रता मानदंड को पूरा न करने या अधिनियम के किसी अन्य प्रावधान का उल्लंघन करने पर स्वतः संज्ञान से भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।

शिकायतों के निपटारे के लिए जांच समिति का गठन किया जाएगा। जांच समिति शिकायत दर्ज होने के 30 दिनों के भीतर जाँच कर अपनी रिपोर्ट पंजीकरण प्राधिकार को देगी। दंड या कोई अन्य आदेश पारित करने से पहले जांच रिपोर्ट के साथ कोचिंग संस्थान को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।

कारण बताओ नोटिस प्राप्त करने वाले कोचिंग संस्थान 15 दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब स्वयं उपस्थित होकर, पंजीकृत डाक के माध्यम से, या उसके द्वारा अधिकृत अधिवक्ता के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं।

Also Read Story

CBSE ने जारी किया 10वीं का रिज़ल्ट, 93.6% छात्र सफल, पिछले साल से बेहतर रिज़ल्ट

BPSC हेडमास्टर पदों के लिये आयु सीमा में छूट मिलने वाले अभ्यर्थियों का 11 मई से आवेदन

BSEB सक्षमता परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ी, कॉमर्स को वैकल्पिक विषय समूह में किया शामिल

अदालत ने ही दी नौकरी, अदालत ने ही ली नौकरी, अब क्या करे अनामिका?

सक्षमता परीक्षा-2 के लिये 26 अप्रैल से आवेदन, पहले चरण में सफल शिक्षक भी ले सकेंगे भाग

बिहार के स्कूलों में शुरू नहीं हुई मॉर्निंग शिफ्ट में पढ़ाई, ना बदला टाइम-टेबल, आपदा प्रबंधन विभाग ने भी दी थी सलाह

Bihar Board 10th के Topper पूर्णिया के लाल शिवांकर से मिलिए

मैट्रिक में 82.91% विधार्थी सफल, पूर्णिया के शिवांकार कुमार बने बिहार टॉपर

31 मार्च को आयेगा मैट्रिक परीक्षा का रिज़ल्ट, इस वेबसाइट पर होगा जारी

यदि उपरोक्त निर्धारित समय के भीतर उत्तर प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो पंजीकरण समिति कार्रवाई कर सकती है। पंजीकरण समिति उस कोचिंग संस्थान (जिसके खिलाफ शिकायत की गई है) को सुनवाई का एक उचित अवसर प्रदान करते हुए शिकायत को अनुमति या खारिज कर देगी और एक तर्कपूर्ण आदेश पारित करेगी।

बार-बार उल्लंघन पर जब्त होगी संपत्ति

यदि किसी संस्थान को दो बार दंडित किया जा चुका हो, तो प्राधिकार उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर देने के पश्चात अधिनियम के तहत उसका पंजीकरण रद्द कर देगा। किसी कोचिंग संस्थान का पंजीकरण रद्द किए जाने पर प्राधिकार रद्द संस्थान में नामांकित छात्रों को किसी अन्य संस्थान के साथ टैग करने के लिए सक्षम होगा।

कोचिंग संस्थान का पंजीकरण रद्द हो जाने पर वह व्यक्ति रद्द होने की तारीख से दो साल की अवधि के लिए नए पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा। कोचिंग संस्थान जिसका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है, उसे संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि पंजीकरण रद्द होने के बावजूद कोचिंग संस्थान कार्य करना जारी रखता है, तो जिला पदाधिकारी सभी चल संपत्तियों के साथ ऐसे परिसरों को जब्त कर सकते हैं।

ऐसी जब्ती के 6 माह के भीतर कोचिंग संस्थान जिला पदाधिकारी द्वारा निर्धारित जुर्माना जमा कर अपनी अचल और चल संपत्ति को वापस पाने की प्रक्रिया में जा सकता है। जुर्माना उसकी चल तथा अचल संपत्ति के मूल्यांकन के 25 प्रतिशत से कम नहीं होगा। जिला पदाधिकारी द्वारा ऐसे संस्थानों से जैसा वह उचित समझे, मूल्यांकन कराया जा सकता है।

यदि ऐसी जब्ती के 6 माह के बाद कोचिंग संस्थान जिला पदाधिकारी को उसकी जब्त की हुई संपत्तियों को छुड़ाने के लिए संपर्क नहीं करता है या जुर्माना जमा नहीं करता है, तो जिला पदाधिकारी जब्त की गई संपत्तियों को नीलाम कर, राशि को सरकार के पास जमा करा देंगे।

सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।

Support Us

नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

Related News

सक्षमता परीक्षा का रिज़ल्ट जारी, 93.39% शिक्षक सफल, ऐसे चेक करें रिज़ल्ट

बिहार के सरकारी स्कूलों में होली की नहीं मिली छुट्टी, बच्चे नदारद, शिक्षकों में मायूसी

अररिया की साक्षी कुमारी ने पूरे राज्य में प्राप्त किया चौथा रैंक

Bihar Board 12th Result: इंटर परीक्षा में 87.54% विद्यार्थी सफल, http://bsebinter.org/ पर चेक करें अपना रिज़ल्ट

BSEB Intermediate Result 2024: आज आएगा बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम, छात्र ऐसे देखें अपने अंक

मधुबनी डीईओ राजेश कुमार निलंबित, काम में लापरवाही बरतने का आरोप

बिहार में डीएलएड प्रवेश परीक्षा 30 मार्च से, परीक्षा केंद्र में जूता-मोज़ा पहन कर जाने पर रोक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Posts

Ground Report

बिहार-बंगाल सीमा पर वर्षों से पुल का इंतज़ार, चचरी भरोसे रायगंज-बारसोई

अररिया में पुल न बनने पर ग्रामीण बोले, “सांसद कहते हैं अल्पसंख्यकों के गांव का पुल नहीं बनाएंगे”

किशनगंज: दशकों से पुल के इंतज़ार में जन प्रतिनिधियों से मायूस ग्रामीण

मूल सुविधाओं से वंचित सहरसा का गाँव, वोटिंग का किया बहिष्कार

सुपौल: देश के पूर्व रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के गांव में विकास क्यों नहीं पहुंच पा रहा?