विपक्षी गठबंधन INDIA की मीटिंग के कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस वार्ता में राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडाणी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गौतम अडाणी की कंपनी ने शेयर प्राइस बढ़ा कर देश के ऐसेट्स खरीदे। राहुल ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित कर इस मामले की जांच करने की मांग की।
प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने फाइनेंशियल टाइम्स और द गार्जियन अखबार के कटिंग दिखाये। इन कटिंग में उद्योगपति गौतम अडाणी से संबंधित खबरें प्रकाशित थीं। राहुल ने कहा कि दुनिया के दो मशहूर समाचार पत्रों ने इस खबर को प्रकाशित कर कहा है कि हिन्दुस्तान से अडाणी जी के कंपनी के जरिये एक बिलियन डालर अलग-अलग देशों में भेज कर शेयर प्राइस बढ़ाए गए और फिर उस पैसे से भारत के ऐसेट्स खरीदे गए।
“एक बिलियन डालर हिन्दुस्तान से अडाणी जी के कंपनी के नेटवर्क के जरिये अलग-अलग देशों में गया और फिर वापस आया। उस पैसे से अडाणी जी ने अपने शेयर प्राइस को बढ़ाया, इनफ्लेट किया। उस फायदे से हिन्दुस्तान का इंफ्रास्टक्चर है जो अडाणी जी एयरपोर्ट खरीद रहे हे, पोर्ट खरीद रहे हैं। अभी यहां धारावी में शायद उनको बड़ा प्रोजेक्ट मिला है। तो यह सब जो हिन्दुस्तान के ऐसेट्स हैं, जो पूंजी अडाणी जी खरीद रहे हैं। वो इस पैसे से शेयर प्राइस को इंफ्लेट कर खरीदा है। ये सवाल इन्होंने (विदेशी सामाचार पत्र) ने उठाया है। समाचार पत्रों ने कहा है कि उनके पास सबूत है, पेपर ट्रेल्स हैं, इंटरनल ईमेल्स हैं, डॉक्यूमेंट्स हैं। सबसे पहले सवाल उठता है कि ये जो पैसा यूज़ किया जा रहा है, किसका है। यह अडाणी जी का है या किसी और का है। अगर किसी और का है तो किसका है। दूसरा सवाल है कि इस काम को करने के लिए मास्टरमाइंड विनोद अडाणी जी हैं, जो गौतम अडाणी जी के भाई हैं,” उन्होंने कहा।
प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसी नासिर अली शाबान अली चिंग चूंग लिन का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब अडाणी जी हिन्दुस्तान के ऐसेट्स खरीद रहे हैं, तो इसमें चाइनीज़ नेशनल्स क्यों शामिल हैं और यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।
राहुल ने कहा, “उनके साथ दो बिज़नेस पार्टनर और हैं। एक का नाम नासिर अली शाबान अली और दूसरा चैंग चूंग लिन है। चैंग चूंग लिन चाइना का है। अब दूसरा सवाल उठता है कि जब अडाणी जी हिन्दुस्तान का इंफ्रास्टक्चर खरीदे जा रहे हैं तो यह जो चाइनीजं नागरिक है, यह इसमें कैसे शामिल है। इसका क्या रोल है। इसने क्या किया, यह साबित होना चाहिए। यह जो विदेशी नागरिक हैं, हिन्दुस्तान के शेयर मार्केट को कैसे मैनिपुलेट कर रहे हैं। यह सवाल क्यों नहीं पूछा जा रहा है। नेशनल सिक्यूरिटी का मामला है। अडाणी जी डिफेंस में काम करते हैं, इन्फ्रास्टक्चर में काम करते हैं। एयरपोर्ट्स और पोर्ट्स में काम करते हैं। ये जो दो विदेशी नागरिक हैं खास कर चाइनीज़ आदमी है चैंग चूंग लिन, इसका क्या रोल है। तीसरा सवाल जो सेबी का इन्वेस्टिगेशन हुआ था जिसने क्लीनचिट दी। जिस व्यक्ति ने इन्वेस्टिगेशन किया, जिसने क्लीनचिट दी। आज वह अडाणी जी के चैनल एनडीटीवी का डायरेक्टर है।”
प्रवर्तन निदेशालय (ED) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) जैसी एजेंसीज़ भी राहुल के निशाने पर रहे। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अडाणी मामले में कंपनी को क्लीनचिट देता है, बाद में वही व्यक्ति अडाणी के न्यूज़ चैनल का डायरेक्टर बन जाता है। राहुल ने पूछा कि ईडी और सेबी अडाणी से संबंधित मामलों को इन्वेस्टिगेट क्यों नहीं करती है?
“यह एक नेटवर्क है, इसमें इंस्टीट्यूशनल कैप्चर्ड दिख रहा है। सेबी का चेयरमैन क्लीनचिट देता है और उसके एकदम बाद अडाणी जी की कंपनी में डायरेक्टर बन जाता है। इंटरनेशनल मामला है, स्टॉक मार्केट को इंफ्लेट किया जा रहा है। इंफ्लेट करने के बाद उससे हिन्दुस्तान के ऐसेट खरीदे जा रहे हैं। सवाल ये उठता है कि इसके बारे में प्रधानमंत्री कुछ क्यों नहीं कर रहे हैं। शांत क्यों हैं। यहां पर फॉरेन न्यूज पेपर ने साफ कहा है कि नरेंद्र मोदी जी का अडाणी जी का रिश्ता है। सवाल उठता है कि क्या रिश्ता है। और ये जो एजेंसीज़ हैं, सीबीआई है, ईडी है ये अडाणी जी पर रिसर्च क्यों नहीं कर रहे हैं। ये अडाणी जी को इंटेरोगेट क्यों नहीं कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
Also Read Story
जी-20 सम्मेलन को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि कई देशों से हमारे देश में डेलीगेट्स आ रहे हैं, और प्रधानमंत्री की अडाणी मामले में चुप्पी से देश के रेप्यूटेशन पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को एक्शन लेकर संयुक्त संसदीय समिति का गठन कर जांच करवानी चाहिए।
राहुल ने कहा, “हिन्दुस्तान की प्रतिष्ठा दांव पर है। जी-20 हो रहा है। हम कहते हैं कि यहां पर लेवल प्लेइंग फील्ड है। हिन्दुस्तान ट्रांस्पेरेंट है, यहां पर भ्रष्टाचार नहीं है। उन सबके सामने यह एक उदाहरण है। एक अरब डालर यहां से जा रहा है। इंफ्लेट की जा रही है। इंफ्रास्टक्चर और ऐसेट्स खरीदे जा रहे हैं। जिसने इंवेस्टिगेशन किया, उसको अडाणी जी ने अपने कंपनी में नौकरी दे दी। यह हिन्दुस्तान की इमेज को डैमेज कर रहा है, इसीलिए प्रधानमंत्री को एकदम एक्शन लेना चाहिए और कहना चाहिए कि हां हम जेपीसी को लागू करेंगे। जेपीसी इसको इंवेस्टिगेट करेगी। फुल स्केल इन्वेस्टिगेशन होगा अडाणी जी का।”
प्रेस वार्ता में सांसद राहुल गांधी ने पत्रकारों के सवालों का जवाब भी दिया। एक पत्रकार के सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि मुझे सबसे ज्यादा यह बात हैरान करती है कि जिस आदमी ने अडाणी जी का इंवेस्टिगेशन किया, वह आज मिस्टर अडाणी का कर्मचारी है। उन्होंने इन्वेस्टिगेशन पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने इंवेस्टिगेशन नहीं होने दिया, और यह सिर्फ एक पार्टी का इश्यू नहीं, बल्कि एक नेशनल इश्यू है।
“इससे साफ पता चलता है कि यह किस तरह का इंवेस्टिगेशन है। इससे बात साफ है कि कोई भी इन्वेस्टिगेशन नहीं हुआ है। इसका सिर्फ एक ही कारण है कि प्रधानमंत्री ने इन्वेस्टिगेशन नहीं होने दिया। मिस्टर अडाणी इन्वेस्टिगेशन को नहीं रोक सकता है जबकि प्रधानमंत्री कर सकते हैं। जहां तक इंडिया गठबंधन की बात है, यह एक नेशनल इश्यू है यह कोई एक पार्टी का इश्यू नहीं है। यह एक ऐसा इश्यू है, जो इंडिया के रेप्यूटेशन को प्रभावित करता है। खासकर जी-20 होने के कारण भारत और प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा खतरे में हैं। 20 देशों से मेहमान आ रहे हैं। और उनके सामने दुनिया के दो बड़े समाचार पत्र ने कहा है कि प्रधानमंत्री अडाणी से मिले हुए हैं,” राहुल ने पूछा।
राहुल ने कहा, “इश्यू यह है कि आज हिंदुस्तान में कोई लेवल प्लेइंग फील्ड नहीं है। अडाणी जी जो हैं हिन्दुस्तान के कोई भी ऐसेट्स को खरीद सकते हैं। चाहे वो धारावी हो, मुंबई एयरपोर्ट हो। सिमेंट कंपनी हो, डिफेंस कंपनी हो। मैने अपने भाषण में कहा था प्राधनमंत्री फॉरेन टूर पर जाते हैं अडाणी जी उनके साथ जाते थे। उसके एकदम बाद उनको बड़े-बड़े कांट्रेक्ट्स मिल जाते हैं। सवाल लेवल प्लेइंग फील्ड का है। सिर्फ एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री इस प्रकार से क्यों प्रोटेक्ट कर रहे हैं। एक व्यक्ति हिंदुस्तान के सब ऐसेट खरीद रहा है। क्लियरली उस व्यक्ति ने कुछ गलत तो किया है। एक बिलियन डालर यहां से गए हैं। किसका पैसा है। प्रधानमंत्री को पता लगाना चाहिए और देश को यह पता चलना चाहिए ये किसका पैसा है।”
सीमांचल की ज़मीनी ख़बरें सामने लाने में सहभागी बनें। ‘मैं मीडिया’ की सदस्यता लेने के लिए Support Us बटन पर क्लिक करें।