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कटिहार: 2017 की बाढ़ में टूटी सड़क, रोज़ नांव से रेलवे स्टेशन जाते हैं सैकड़ों लोग

बलरामपुर अनुमंडल अंतर्गत अझरैल रेलवे स्टेशन को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़क 2017 के सैलाब में बह गई थी लेकिन अब तक सड़क नहीं बनायी गयी। जहां सड़क हुआ करती थी, वह बरसात के मौसम में तालाब में तब्दील हो जाती है। ग्रामीण नांव पर बैठकर स्टेशन और दूसरे स्थानों तक पहुंचते हैं।

Aaquil Jawed Reported By Aaquil Jawed |
Published On :
bridge damaged in 2017 floods

2017 में आई भीषण बाढ़ में सीमांचल के कई इलाकों में भारी तबाही देखने को मिली थी। 6 साल गुज़र जाने के बाद भी कटिहार के अझरैल गांव में बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो सकी है।


बलरामपुर अनुमंडल अंतर्गत अझरैल रेलवे स्टेशन को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़क 2017 के सैलाब में बह गई थी लेकिन अब तक सड़क नहीं बनायी गयी। जहां सड़क हुआ करती थी, वह बरसात के मौसम में तालाब में तब्दील हो जाती है। ग्रामीण नांव पर बैठकर स्टेशन और दूसरे स्थानों तक पहुंचते हैं।

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स्थानीय निवासी बख्तियार आलम ने बताया कि रोज़ाना करीब 300 यात्री अझरैल रेलवे स्टेशन आते हैं लेकिन उनके आने के लिए सड़क नहीं है। रेलवे प्लेटफार्म की हालत भी जर्जर है, लेकिन सरकार और जन प्रतिनिधि पूछने तक नहीं आते।


पिछले दिनों स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया जिसके बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सड़क निर्माण के लिए रेल मंत्रालय को पत्र लिखा था।

स्थानीय युवक शाहबाज़ आलम ने बताया कि निस्ता-भिट्टा गांव के सैकड़ों निवासियों के आवागमन का एकमात्र सहारा यही रास्ता है। अस्पताल जाना हो, बाजार जाना हो या बच्चों को स्कूल छोड़ना हो, सड़क न होने से लोग रोज़ाना दिक्कतों का सामना करते हैं।

अझरैल गांव के कई ग्रामीणों की ज़मीन नदी के उस पार है। बरसात में पानी जमा होने से उन्हें नांव से नदी पार कर अपने खेत जाना पड़ता है। ऐसे ही एक किसान मोहम्मद सिद्दीक ने बताया कि सड़क न होने के कारण उन्हें नांव से आना जाना करना पड़ता है जिससे काफी परेशानी होती है, कई बार नांव पलटने से हादसा भी हो चुका है।

अझरैल निवासी मोहम्मद नज़ीर ने कहा कि क्षेत्र में सरकारी व्यवस्थाओं की हालत बेहद खराब है। थोड़ी ही दूरी पर आयुष्मान भारत योजना वाला अस्पताल बना है लेकिन वहां एंबुलेंस पहुंचने की भी सुविधा नहीं है। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी जल जमाव के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

अझरेल गांव की इस समस्या पर हमने कटिहार के सांसद दुलालचंद गोस्वामी से फोन पर बात की। स्थानीय सांसद इस मामले से अनजान नज़र आए, हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले का संज्ञान लेकर इस पर काम करेंगे।

स्थानीय विधायक महबूब आलम ने कहा कि बलरामपुर ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में 2017 की बाढ़ में जहां जहां सड़क कटी है उसका निर्माण नहीं हो सका है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अझरेल समेत बलरामपुर की जिन जिन जगहों पर बाढ़ से सड़कों को नुकसान हुआ है, उनका निर्माण कराया जाएगा।

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Aaquil Jawed is the founder of The Loudspeaker Group, known for organising Open Mic events and news related activities in Seemanchal area, primarily in Katihar district of Bihar. He writes on issues in and around his village.

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