बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को सफल बताकर अपनी पीठ जरूर थपथपा रहे हैं, लेकिन विपक्षी दल बिहार में शराबबंदी को विफल कहकर इसे अधिकारियों के लिए दुधारू गाय बता रहे हैं। ऐसी ही एक घटना बिहार के किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड अंतर्गत निमला गांव से सामने आयी है, जहां पुलिस पर शराब कारोबारी से रिश्वत लेकर उसको बचाने का आरोप लगा है।
ग्रामीणों ने बताया कि निमला गांव में शराबबंदी के बावजूद धड़ल्ले से खुलेआम शराब की बिक्री हो रही थी और गांव की युवा पीढ़ी नशे की दलदल में फंसकर पूरी तरह से बर्बाद हो रही थी। शराब की बिक्री से परेशान निमला गांव के लोगों ने इसकी सूचना उत्पाद विभाग को दी। ग्रामीणों की सूचना पर उत्पाद विभाग के एएसआई जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर बीते दो सितंबर की शाम निमला गांव में छापेमारी की गयी।
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छापेमारी के दौरान उत्पाद विभाग ने तनवीरूल नामक व्यक्ति की दुकान तथा घर से भारी मात्रा में प्रतिबंधित विदेशी शराब बरामद की। शराब बिक्री के आरोप में तनवीरुल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
आरोप है कि तनवीरुल किराना दुकान की आड़ में पिछले सात वर्षों से शराब का कारोबार कर रहा था। इस मामले में उत्पाद विभाग थाने में में एफआईआर दर्ज है।
एफआईआर की जब्ती सूची में शराब की छह बोतलें (जिसकी मात्रा लगभग 3 लीटर 250 मिली लीटर थी) की बरामदगी दर्ज है। एफआईआर में शराब कारोबारी के घर की बजाए गश्ती के दौरान रास्ते से शराब जब्त करने का जिक्र है। लेकिन ग्रामीणों का दावा है कि उत्पाद विभाग ने छापेमारी के क्रम में दो कार्टन शराब बरामद किया है, जिसमें दर्जनों विदेशी शराब की बोतलें थीं। इसके अलावा एक बोरी में शराब की खाली बोतलें भी बरामद की गयी थीं।
घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस ने तनवीरूल की दुकान तथा घर में छापेमारी कर दो कार्टन में भरी दर्जनों प्रतिबंधित शराब की बोतलें बरामद का थीं। साथ ही 100 से अधिक शराब की खाली बोतल भी एक बोरे में भरी मिली थी। ग्रामीणों ने उत्पाद विभाग के एसएसआई जितेंद्र कुमार और छापेमारी दल में शामिल एएसआई मुहम्मद इश्तियाक पर रिश्वत लेकर शराब कारोबारी को बचाने का आरोप लगाया है और इसकी शिकायत उत्पाद अधीक्षक से की है। ग्रामीणों ने दोनों अधिकारियों पर अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है।
ज्ञात हो कि मद्य निषेध कानून के अनुसार, किसी के घर से शराब बरामद होने की स्थिति में उसके घर को सील करने का प्रावधान है। लेकिन सवाल ये भी है कि अगर ग्रामीणों का आरोप सही है तो बाकी जब्त शराब की बोतलों को किसने पचाया होगा। एएसआई मुहम्मद इश्तियाक से पूछने पर उन्होंने बताया कि शराब कारोबारी के मकान के पीछे से शराब बरामद हुई थी और शराब कारोबारी को गिरफ्तरी भी किया गया था। छापेमारी के दौरान दो कार्टन शराब बरामदगी के आरोपों से उन्होंने इनकार किया है।
ग्रामीणों के शिकायत पर उत्पाद अधीक्षक मद्यनिषेध आदित्य कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों आरोपी एएसआई जितेंद्र कुमार और मुहम्मद इस्तियाक के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि उत्पाद निरीक्षक से पूरे मामले की जांच कराई जा रही है और जांच के बाद जो भी दोषी पाये जाएंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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