किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड की बरचौंदी पंचायत स्थित घेघाटोला और मीराभीटा गाँव को जोड़ने वाला मार्ग खस्ताहाल है और एक अदद पक्की सड़क के अभाव से जूझ रहा है। गाँव वाले हर चुनाव से पहले चुनाव प्रत्याशियों को गाँव आता देख आशा की रस्सियों को थाम लेते हैं लेकिन चुनाव के बाद उम्मीद की डोर हाथ से छूट जाती है और गांव का हाल जस का तस बना रहता है।
ग्रामीणों की शिकायत है कि सड़क बनाने के वादे खूब किये जाते हैं, लेकिन एक बार कोई नेता या अधिकारी वादा करके जाता है तो दोबारा लौट कर गाँव में नहीं आता। सड़क न होने से बेटियों के रिश्ते नहीं आते, अनाज बाजार तक ले जाने में भी दोगुना भाड़ा देना पड़ता है। बरसात के मौसम में आये दिन लोग दुर्घटना का शिकार होते हैं।
घेघाटोला, मीराभीटा और पास के गाँवों में रहने वाले स्कूली बच्चे बरसात में स्कूल नहीं जा पाते और जो जाने की हिम्मत कर पाते हैं वे अक्सर रास्ते में गिर जाते हैं।
मीराभीटा का रहने वाला अरमान रज़ा बरचौंदी मध्य विद्यालय में छठवीं कक्षा का छात्र है। वह रोज़ कच्ची और गड्ढों से भड़ी सड़क पर साइकिल चलाकर स्कूल जाता है। बरसात के मौसम में अक्सर वह और उसके जैसे बच्चे गड्ढों में गिर जाते हैं।
जर्जर रास्तों के कारण महिलाओं को हाट बाज़ार जाने में दिक्कतें पेश आती हैं। इसके अलावा बीमार हो जाने पर या डिलीवरी के समय महिलाओं का गाँव से अस्पताल तक जाने का सफर बहुत कठिन होता है।
दुर्घटना-प्रवण सड़क में बरचौंदी पंचायत के ऑटोरिक्शा चालक भी बहुत परेशान हैं। ऑटोरिक्शा अक्सर दुर्घटना का शिकार होते रहते हैं, ऐसे में चालकों को मरीज़ों को अस्पताल पहुंचाने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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समस्या के समाधान के लिए मैं मीडिया की टीम ने अपने स्तर पर भी पहल करते हुए लोगों को बिहार लोक शिकायत निवारण के बारे में जानकारी दी। साथ ही लोगों से सड़क को लेकर बिहार लोक शिकायत में complaint भी दर्ज करवाया।
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