हावड़ा से एनजीपी तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हावड़ा स्टेशन पर हरी झंडी दिखाई। हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी तक सफर तय करने वाली यह सेमी-हाईस्पीड ट्रेन देश की सातवीं और बंगाल समेत पूर्वी भारत की पहली वंदे भारत ट्रेन है। यह ट्रेन हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी तक 564 किमी का सफर 7.5 घंटों में तय करेगी। इस रूट की अन्य ट्रेनों की तुलना में वंदे भारत हावड़ा से एनजीपी जाने में 3 से साढ़े 3 घंटे कम समय लेगी।
रेलवे मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जानकारी दी है कि वंदे भारत एक्सप्रेस हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी (एनजेपी) के बीच बोलपुर, मालदा और बारसोई में रुकेगी, यानी बिहार में ट्रेन का बस एक ही ठहराव होगा। किशनगंज में ट्रेन नहीं रुकेगी। लेकिन, उद्घाटन के अवसर पर शुक्रवार को किशनगंज के आम लोगों के लिए दो मिनट ठहराव का समय निर्धारित किया गया था। हालांकि ट्रेन आठ मिनट तक किशनगंज रेलवे स्टेशन पर रुकी रही। भाजपा एमएलसी डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को एनजेपी के लिए रवाना किया।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव किशनगंज जंक्शन पर नहीं होने से AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने केंद्र सरकार पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
“एनजेपी, किशनगंज और कटिहार से सबसे ज़्यादा लोग सफर करते हैं। यहाँ से लोग शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार के लिए लोग यहाँ से पलायन करते हैं। दक्षिणी भारत के स्टेशनों में सन्नाटा रहता है, हमारे स्टेशनों में मेला लगा रहता है। पिछली कई रिपोर्ट के आधार पर किशनगंज स्टेशन से कमर्शियल मुनाफा भी सबसे ज़्यादा रहता है। इसलिए किशनगंज में ठहराव होना चाहिए”, अख्तरुल ईमान ने पार्टी के किशनगंज ऑफिस में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा।
कांग्रेस से किशनगंज के सांसद डॉ. जावेद आज़ाद ने रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिख कर इसे दुर्भागयपूर्व बताया है।
उन्होंने पत्र में लिखा है, “बारसोई स्टेशन में इसका ठहराव है, बारसोई से अधिक राजस्व देने वाले किशनगंज स्टेशन में वंदे भारत एक्सप्रेस का ठहराव रेलवे और यहां के यात्रियों के लिए फायदेमंद और सुविधाजनक होगा।”
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दो दिवसीय किशनगंज दौरे पर आए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी से एक प्रेस कांफ्रेंस में जब स्थानीय पत्रकारों ने इसपर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि रेल मंत्री से मिलकर किशनगंज में ट्रेन की ठहराव को लेकर प्रस्ताव रखा जायेगा।
उधर स्थानीय विधान पार्षद डॉ. दिलीप जायसवाल ने भी इसको लेकर रेलवे मंत्री से बात करने की बात कही है।
इस ट्रेन में बैठने वालों को हावड़ा से एनजेपी तक के सफर के लिए 1500 से 2800 रुपए तक खर्च पड़ सकता है। एक्जीक्यूटिव श्रेणी का टिकट 2825 रुपए में जबकि चेयर कार श्रेणी का टिकट 1565 रुपए में मिलेगा।
इस ट्रेन में दो इंजन व चालक कक्ष हैं। इसमें कुल 16 कोच हैं, जिसमें दो विशेष कोच बनाये गए हैं। हर कोच में 78 सीटें लगी हैं। ट्रेन में 1200 यात्री रोज़ाना सफर कर सकेंगे। ट्रेन हावड़ा से सुबह 5.55 बजे खुलेगी और दोपहर 1.25 पर न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचेगी। न्यू जलपाईगुड़ी में एक घंटे रुकने के बाद ट्रेन दोपहर 3.05 बजे रवाना होगी और रात 10 बजकर 35 मिनट पर हावड़ा पहुंचेगी। वंदे भारत बुधवार को छोड़कर सप्ताह के हर दिन चलेगी।
जानकारों का मानना है कि इस ट्रेन के खुलने से पश्चिम बंगाल के उत्तरी इलाकों और सिक्किम में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। दार्जिलिंग और गंगटोक के पर्यटक अब और आसानी से सिलीगुड़ी तक पहुंच सकेंगे। इससे पहले वंदे भारत की छह ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई जा चुकी है।
बता दें कि भारतीय रेलवे देश भर में 400 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की योजना बना रहा है। बताया जाता है कि ये सारी ट्रेनें साल 2025-26 तक दौड़ती नज़र आएंगी।
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