बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में अपने आवेदन-पत्र में घोषणा के साथ गलत बयानबाजी, पर्याप्त प्रमाण-पत्र नहीं रहने के बावजूद जानबूझकर गलत सूचना देने, साक्ष्य को छुपाने, गलत सूचना पर सरकारी सेवा में प्रवेश पाने के आरोप में परीक्षा में सफल 59 अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस भेजा है।
आयोग ने इससे संबंधित सूची अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इनमें ज्यादातर अभ्यर्थी नवादा, मधुबनी, किशनगंज, जमुई, जहानाबाद और गोपालगंज के हैं। इन जिलों के अलावा अरवल, बक्सर, गया, कटिहार, मुजफ्फरपुर, नालंदा और भागलपुर के भी अभ्यर्थी शामिल हैं।
आयोग के अनुसार, ये अभ्यर्थी गलता सूचना देकर परीक्षा में सम्मिलित हुए तथा परीक्षा में सफल भी हुए थे। शिक्षा विभाग ने इनके द्वारा योगदान के लिए जमा कराये गए प्रमाण-पत्रों की जाँच की तो पाया कि उनके पास समुचित प्रमाण-पत्र नहीं है और विज्ञापन में दी गई अन्य शर्तों को भी पूरा नहीं करते हैं ।
आयोग के मुताबिक, आवेदन पत्र में घोषणा के साथ गलत बयानबाजी करना, फर्जी सूचनाएं देना, पर्याप्त प्रमाण पत्र नहीं रहने के बाद भी जानबूझकर गलत सूचना देना, साक्ष्य को छुपाना और गलत सूचना पर सरकारी सेवा में प्रवेश पाने का प्रयास करना कदाचार व अपराध की श्रेणी में आता है।
आयोग ने इन 59 अभ्यर्थियों को सूचना प्रकाशन की तिथि से 15 दिनों के अन्दर आयोग की आधिकारिक वेबसाइट (www.onlinebpsc.bihar.gov.in) या ई-मेल (bpscpat-bih@nic.in) पर अपना स्पष्टीकरण भेजने के लिए कहा है। 59 अभ्यर्थियों की सूचि देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आयोग ने पूछा है कि उनके इस कृत्य के लिए क्यों नहीं उनको अगले 5 वर्षों तक के लिए परीक्षाओं में भाग लेने पर रोक (Debarred) लगा दी जाये। आयोग ने साफ कर दिया है कि 30 नवंबर तक स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने पर समझा जायेगा कि अभ्यर्थियों को अपने बचाव में कुछ नहीं कहना है। इस तिथि के बाद आयोग उनके विरूद्ध निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र रहेगा।
पहले से नोटिस प्राप्त अभ्यर्थियों को अंतिम अवसर
बिहार लोक सेवा आयोग ने पहले से नोटिस प्राप्त तीन अभ्यर्थियों को अपना जवाब भेजने का अंतिम अवसर प्रदान किया है। आयोग ने इन तीनों अभ्यर्थियों को 22 नवंबर तक आयोग की वेबसाइट या ई-मेल के माध्यम से अपना जवाब भेजने की हिदायत दी है।
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आयोग ने साफ कर दिया है कि निर्धारित तिथि तक जवाब नहीं भेजने पर आयोग यह समझेगा कि इन अभ्यर्थियों को इस संबंध में कुछ नहीं कहना है। इसके बाद आयोग इन अभ्यर्थियों के खिलाफ विधि-सम्मत कार्रवाई करने के लिये स्वतंत्र रहेगा।
बताते चलें कि बीपीएससी ने नवंबर की पहली तारीख को 4 अभ्यर्थियों और 7 नवंबर को 5 अन्य अभ्यर्थियों को आयोग की छवि धूमिल करने के आरोप में नोटिस भेजा था। आयोग की मानें तो कुल 9 में से 6 अभ्यर्थी अपना जवाब आयोग को भेज चुके हैं। तीन अभ्यर्थियों का जवाब आना बाकी है।
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