इस बार बिहार विधानसभा में 19 मुस्लिम विधायक हैं, जिनमें 8 RJD से हैं, 5 AIMIM से, 4 कांग्रेस से, एक BSP से और एक भाकपा माले से। लेकिन जिस गठबंधन ने सरकार बनाया है यानी NDA से एक भी मुस्लिम विधायक नहीं है। भाजपा, VIP और HAM ने कोई मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा किया ही नहीं था, जदयू से 11 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन सबके सब हार गए।
वहीं दूसरी तरफ बिहार में 75 सदस्यों वाली विधान परिषद् में फिलहाल सात मुस्लिम MLC हैं और इन सात में से छः जदयू के हैं और एक राजद के। यानी विधानसभा में भले ही NDA के तरफ से कोई मुस्लिम न हो, लेकिन विधान परिषद् में छः मुस्लिम हैं।
लेकिन,जब NDA की सरकार बनी है, उसमें किसी मुस्लिम को शामिल नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 14 मंत्रियों ने शपथ लिया था, जिनमें से एक इस्तीफा भी दे चुके हैं। 14 लोगों के मंत्री मंडल में कोई भी मुस्लिम नहीं है।
जानकारी के लिए आपको बता दूँ, अब तक बिहार के 11 मुख्यमंत्री और एक उपमुख्यमंत्री विधान वरिषद के रास्ते ही कुर्सी तक पहुंचे हैं, खुद मुख्यमंत्री भी इसी रास्ते से कुर्सी पर टीके हैं। तो क्या नीतीश कुमार विधान परिषद् के रास्ते किसी मुस्लिम को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं कर सकते?
Tanzil Asif
Related posts
Subscribe
* You will receive the latest news and updates on your favorite celebrities!