गोपालगंज में RJD कार्यकर्ता जेपी यादव के पूरे परिवार की हत्या का मामला दिनों-दिन तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को गोपालगंज जाने की कोशिश में लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और जगदानंद सिंह समेत तमाम RJD नेताओं पर FIR दर्ज हुई है। जिसके बाद तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर डराने के लिए झूठे आरोपों में FIR दर्ज कराने का आरोप लगाया है।
तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “अगर नीतीश कुमार को ये लगता कि झूठे आरोप लगाकर वो उन्हें डरा सकते हैं, तो वो भ्रम में जी रहे हैं। जब तक आपका पसंदीदा अपराधी विधायक (अमरेंद्र पांडेय) गिरफ्तार नहीं किया जाता और न्याय नहीं मिल जाता, तब तक हम आराम से नहीं बैठेंगे। बतौर नेता प्रतिपक्ष मैं बिहार को एक कानूनविहीन राज्य नहीं बनने दूंगा।”
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Respected Nitish Ji,
If you think you can intimidate us by filing false cases against me & my party leaders then you are living in illusion. We wouldn’t rest untill your favourite criminal MLA is arrested & justice is done. As a LoP, I won’t let Bihar become a lawless state. Thx pic.twitter.com/VFOnyieeqi
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 30, 2020
तेजस्वी यादव के इन आरोपों पर JDU ने पलटवार किया है। JDU प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि “सबने देखा कि तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी ने किस तरह से लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया। नियम सबके लिए बराबर हैं, चाहे वो आम इंसान हो या खास। पुलिस प्रशासन ने नियमों के आधार पर कार्रवाई की है, इसके लिए किसी पार्टी या मुख्यमंत्री को दोष देना उचित नहीं है। निखिल मंडल ने कहा कि गोपालगंज की घटना पर पुलिस जांच कर रही है और साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई कर रही है इसलिए विधायक को बचाने को लेकर तेजस्वी यादव की तरफ से जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वो बेबुनियाद हैं। JDU प्रवक्ता ने कहा कि RJD का चाल, चरित्र और चेहरा किसी से छिपा नहीं है। शहाबुद्दीन, अरुण यादव और राजवल्लभ को पोस्टर बॉय बनाने वाले लोग हम पर आरोप न लगाएं।”
दरअसल तेजस्वी यादव शुक्रवार को अपने सभी विधायकों के साथ गोपालगंज जाने की ज़िद पर अड़े थे। प्रशासन ने उन्हें घर के बाहर ही रोक दिया और गोपालगंज जाने की अनुमति नहीं दी। कई घंटों तक चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार तेजस्वी को विधानसभा जाने की परमिशन मिली। तेजस्वी यादव अपने बड़े भाई तेज प्रताप और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के साथ विधानसभा स्पीकर से मिलने पहुंचे और उनसे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की गुजारिश की।
गोपालगंज में बीते कुछ दिनों में कई हत्याएं हो चुकी हैं बीते 24 मई को हथुआ के रूपनचक में RJD कार्यकर्ता जेपी यादव के घर पर हमला हुआ, गोलीबारी में उनके मां-पिता की मौके पर ही मौत हो गई जबकि वो और उनका भाई घायल हुए। अगले दिन उनके भाई ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया। घटना के इकलौते गवाह जेपी यादव ने हत्या का आरोप JDU विधायक अमरेंद्र पांडेय, उनके भाई सतीश पांडेय और भतीजे मुकेश पांडेय पर लगाया। पुलिस ने विधायक के भाई और भतीजे को तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन विधायक को सिर्फ पुलिस की निगरानी में रखा गया। RJD और तेजस्वी यादव लगातार JDU विधायक की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं और बिहार सरकार को गुरुवार शाम तक का वक्त दिया था। गिरफ्तारी न होने पर शुक्रवार सुबह वो अपने सभी विधायकों के साथ गोपालगंज जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन ये संभव नहीं हो पाया।
दूसरी तरफ उचायकोट से JDU विधायक अमरेंद्र पांडेय के भी कई करीबियों की हत्या हो चुकी है। अमरेंद्र उर्फ पप्पू पांडेय ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा था कि अगर तेजस्वी गोपालगंज आएंगे तो वो भी पटना-दिल्ली एक कर देंगे। इस बीच विधायक समर्थकों ने उनके खेमे के लोगों की हुई हत्या और विधायक पर हमला बोल रहे तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन के दौरान विधायक समर्थकों ने पुलिस को खुलेआम धमकी भी दी, कई वीडियो सामने आए जिसमें विधायक समर्थक गोपालगंज में लाशों के ढेर बिछाने की बात कर रहे थे। आरोपी JDU विधायक पप्पू पांडेय पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं।
हालांकि गोपालगंज के मुद्दे पर हमलावर तेजस्वी यादव को अपने ही सहयोगियों का साथ नहीं मिल रहा है। जीतन राम मांझी की पार्टी ने तेजस्वी पर सिर्फ एक खास जाति के नेता होने का आरोप लगाया है। खुद मांझी ने कहा कि तेजस्वी तमाम दूसरे मुद्दों पर चुप रहते हैं, कोई फैसला लेते वक्त वो विपक्ष में अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श भी नहीं करते। यहां तक कि वो अपने सामने किसी को भी कुछ नहीं समझते।
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