शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र जारी कर प्रखंड परियोजना प्रबंधन इकाई (BPMU) को सक्रिय करने का आदेश दिया है। इस इकाई में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड परियोजना प्रबंधक समेत शिक्षा विभाग से जुड़े 14 कर्मी होंगे और वे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के सीधे नियंत्रण में कार्य करेंगे। जिस प्रखंड में ये 14 कर्मी कार्यरत नहीं हैं, वहां संबंधित समिति से संपर्क कर अपने प्रखंड में BPMU को क्रियाशील कराने का निर्देश जारी किया गया है।
विभाग ने दावा किया कि वर्तमान में रोजाना 40 हजार विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है और एक विद्यालय का सप्ताह में तीन बार निरीक्षण हो रहा है।
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विभाग ने कहा कि पिछले 10 सप्ताह से चल रही इस व्यवस्था से शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति में काफी सुधार हुआ है, किन्तु अभी भी बहुत काम करना बाकी है। जो पदाधिकारी/कर्मी निरीक्षण बहुत ही सामान्य व मौखिक तरीके से करते हैं, उनको कई बार अपर मुख्य सचिव आगाह किया जा चुका है कि निरीक्षण प्रभावी होना चाहिए।
पत्र के अनुसार, प्रभावी निरीक्षण” (Effective Inspection) में केवल शिक्षक व छात्र की उपस्थिति तक ही सीमित नहीं रहना होता है, बल्कि विद्यालय के सभी पहलुओं को शामिल करना होता है। हाल ही में गया जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में अफीम की बोरी मिलने का भी पत्र में जिक्र है।
पत्र में कहा गया है, “हाल ही में गया जिले के प्राथमिक विद्यालय में अफीम की बोरियां मिलने से यह स्पष्ट हो गया है कि वहां पर यद्यपि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने निरीक्षण भी किया था, तब भी वे अफीम की बोरियां नहीं देख पाए। अतः अब विद्यालय निरीक्षण की व्यवस्था को नए स्तर पर ले जाना होगा। इसके लिए आवश्यक है कि “प्रभावी निरीक्षण” (Effective Inspection) को परिभाषित किया जाए।”
विभाग द्वारा “प्रभावी निरीक्षण” के तय मानक
जब भी कोई अधिकारी/कर्मी किसी विद्यालय में जाएं, तो सबसे पहले विद्यालय के सभी कमरों के ताले खोलकर उस परिसर का निरीक्षण करें। प्रधानाध्यापक को यह स्पष्ट निर्देश दिया जाए कि वह सुबह 9 बजे से पहले सभी दरवाजों के ताले खोलें और विद्यालय अवधि के बाद सभी कमरों में वापस ताले लगाएं।
इसके साथ ही विद्यालय में साफ-सफाई ठीक से हो रही है या नहीं व शौचालय/कक्षाओं/फर्नीचर/लैब/लाईब्रेरी की साफ-सफाई हुई या नहीं, स्कूल के लैब/लाईब्रेरी कार्यरत है या नहीं, सरकार द्वारा भेजे गए विभिन्न उपकरण/किट (FLN किट, NCERT किट) तथा खेल हेतु भेजे गए सामग्रियों का प्रतिदिन इस्तेमाल होता है या नहीं आदि देखना है।
इसके साथ ही, मासिक परीक्षा, साप्ताहिक टेस्ट और रोजाना होमवर्क दिया जा रहा है या नहीं यह भी देखना होगा।
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