बिहार के सत्ताधारी नेताओं द्वारा लॉक डाउन के बीच यात्रा करने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। भाजपा सांसद प्रदीप सिंह 11 अप्रैल को दिल्ली से अररिया पहुंचे हैं। इसके लिए उन्होंने दिल्ली पुलिस के DCP को पत्र लिख कर दो निजी गाड़ियों का पास लिया था। वहीं इनसे पहले जदयू सांसद संतोष कुमार भी 7 अप्रैल को दिल्ली पुलिस से पास लेकर सड़क मार्ग से पूर्णिया पहुँच गए।
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अररिया सांसद ने सफाई देते हुए कहा है की उनकी माँ की तबियत खराब थी और इलाके में थर्मल स्कैनर और मास्क की ज़रुरत थी।
वहीं पूर्णिया सांसद ने भी कहा की वो लॉक डाउन का पालन करते हुए पास के माध्यम से पूर्णिया पहुंचे हैं।
अब सवाल ये उठता है की जब भाजपा और जदयू के सांसद निजी गाड़ियों से दिल्ली से अपने घर आ सकते हैं, तो क्या विपक्षी पार्टियों के जनप्रतिनिधि या आम लोग इस तरह से लॉक डाउन में यात्रा नहीं कर सकते? अगर हाँ, तो कोटा में फंसे छात्र और दिल्ली-मुंबई में फंसे मज़दूरों का नंबर कब आएगा?
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