बिहार की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था की जीती जागती तस्वीर एक बार फिर सामने आ गयी है। कटिहार में समय रहते ऑक्सीजन न मिलने की वजह से एक मरीज को जान गंवानी पड़ी।
चालीसा हटिया मोहल्ले के रहने वाले मृतक के परिजनों ने कहा कि पेट दर्द और खांसी की शिकायत होने पर बुजुर्ग हरिप्रसाद को आनन-फानन में सदर अस्पताल लाया गया। लेकिन घंटों बीत जाने के बावजूद कोई डॉक्टर उन्हें देखने तक नहीं आया।
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इस दौरान परिजनों ने कई बार ऑक्सीजन लगाने की गुहार लगाई लेकिन बुजुर्ग को वो भी नसीब नहीं हुआ। समय रहते उचित इलाज न मिलने से मरीज की मौत हो गई।
जबकि जिले सिविल सर्जन ने मामले पर बेशर्मी से सफाई देते हुए कहा कि मरीज की हालत पहले से ही खराब थी।
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मदद के लिए अस्पताल में चीखते भागते परिजनों की तस्वीर देखकर भी अगर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री का कलेजा नहीं फटता, अगर इस महिला की चीत्कार से भी उनकी अंतरात्मा नहीं जागती तो मान लिया जाना चाहिए कि कोरोना काल में बिहार भगवान भरोसे ही है।
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