बिहार के अररिया ज़िले के एक गाँव इन दिनों निरन्तर हो रही आगजनी की घटनाओं से परेशान है। ज़िले की बटुरबाड़ी पंचायत अंतर्गत झौआ गांव में लगातार आग लगने की घटना सामने आ रही है। पिछले करीब एक महीने में 100 से अधिक घर जलकर राख हो गए हैं। लेकिन ग्रामीण इसकी वजह समझ पाने में असमर्थ हैं।
अगलगी की शुरुआत 30 नवंबर को हुई थी, जब दिन के समय झौआ वार्ड संख्या पांच के एक घर में आग लग गई। देखते ही देखते कुछ ही मिनटों में आग ने विकराल रूप ले लिया और एक ही परिवार के छह घर जलकर पूरी तरह राख हो गए। इस अगलगी की घटना में घर में रखा अनाज, बर्तन, फर्नीचर, कपड़ा सहित सारा सामान भस्म हो गया। इसके बाद से इस गांव में लगातार आग लगने की घटना हो रही है।
बताया जा रहा है कि सबसे पहले झौआ वार्ड संख्या पांच में मोहम्मद तबरेज आलम के घर में आग लगी और इस आग ने आसपास के घरों को अपनी चपेट में ले लिया। इसके तीसरे दिन फिर उसी घर में आग लग गई, जिसे आसपास के लोगों के सहयोग से बुझाया गया। पांचवें दिन भी उसी घर में रहस्यमय तरीके से आग लग गई। तब से गांव में आग लगने का सिलसिला लगातार जारी है और हर दूसरे दिन गांव में आग लगने की घटना सामने आ रही है।
झौआ गाँव के वार्ड नंबर छह में छह दिसंबर को दिन के 1:30 बजे अचानक इमाम के जलावन घर में आग लग गई और देखते ही देखते आसपास के तमाम घरों को अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना में एक दिन में 15 से 20 घर जल कर राख हो गए। गाँव के मोहम्मद इकराम, सरवर आलम, कय्यूम, अल्लाह नूर, मुस्तफा इत्यादि के घर पूरी तरह जल गए। आग इतनी भयानक थी कि किसी के घर से कोई सामान नहीं निकाला जा सका और सारा सामान आग की चपेट में आकर राख हो गया।
अग्निपीड़ित सरवर आलम, रुखसार और अतहर हुसैन बताते हैं, कि उनका घर जब जला सब लोग बाहर थे। घर का कोई भी सामान बचा नहीं पाए। अनाज, कपड़ा, बिस्तर, ज़मीन के कागज़ात, पहचान पत्र से लेकर बच्चों के किताब तक जल कर खत्म हो गए हैं।
कुद्दुस खेत में थे, तभी उनके घर में आग लग गई और एक ही दिन दिन गाँव के दर्जनों घर जल कर ख़ाक हो गए। कुद्दुस अब बांस से दोबारा घर बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
ग्रामीण बताते हैं कि सारी आग की घटनाएं शाम पांच बजे से पहले दिन में ही होती हैं। इन घटनाओं को लेकर लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोग इसे शैतानी हरकत बता रहे हैं, कुछ लोग खुदा का आजाब बता रहे हैं। किसी भी ग्रामीण को किसी व्यक्ति पर शक नहीं है। वे रसोई घर से आग फैलने से भी इनकार करते हैं। आधा दर्जन आलिम व मौलानाओं ने गांव पहुंचकर दुआएं मांगी हैं। लेकिन, अब तक आगलगी की वजह नहीं पता चल पाया है।
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जिला प्रशासन की ओर से कोई सहयोग उपलब्ध नहीं कराए जाने पर लोगों में काफी आक्रोश भी देखा जा रहा है। हालांकि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस मामले की सूचना जिला प्रशासन को दी गई, जिसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा दमकल की एक गाड़ी मदरसा फैजुल उलूम रहमानी झौआ में अस्थाई रूप से दी गई है, ताकि कहीं भी आग लगने की घटना सामने आए तो उसे समय रहते बुझाई जा सके।
स्थानीय कांग्रेस विधायक अबिदुर रहमान तीन बार गाँव का दौरा कर चुके हैं, एक बार उनके सामने ही अंग की घटना हो गई। उनके अनुसार अग्निपीड़ितों को जल्द ही मुआवजा मिल जाएगा।
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