बिहार के कटिहार जिले में प्रशासन ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत कई दुकानों को ज़मींदोज़ कर दिया है। बीते शनिवार को कटिहार के बारसोई प्रखंड स्थित सालों पुराने बिघोर हाट में प्रशासन द्वारा बुलडोजर चला कर करीब 300 दुकानों को तोड़ दिया गया। बिहार सरकार की ज़मीन पर स्थित बिघोर हाट की जगह पर पुलिस थाना बनाने की योजना है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बिघोर हाट देश की आज़ादी से भी पहले से इलाके में सबसे बड़ा बाज़ार था और पश्चिम बंगाल से सटे होने के कारण दशकों पहले अंतरराज्यीय व्यापारियों के व्यवसाय का प्रमुख केंद्र हुआ करता था।
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बिघोर हाट पर चाय की दुकान चलाने वाले मोहम्मद असग़र का आरोप है कि प्रशासन ने केवल 85 दुकानदारों को हाट से हटने का नोटिस दिया था, लेकिन हाट में मौजूद सभी दुकानों पर बुलडोज़र चला दिया गया है।
अपनी दुकान के मलबे के पास बैठे बुज़ुर्ग नौशाद अली की बिघोर हाट में किराने की एक दुकान हुआ करती थी, जो अब मलबे में तब्दील हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वह लोन लेकर दुकान चला रहे थे। वह चाहते हैं कि सरकार उन्हें कहीं जगह दे, ताकि उनकी रोज़ी रोटी चल सके।
लॉकडाउन के दौरान बिघोर हाट चर्चा में आया था। दरअसल, हाट के लोगों से कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करवाने के लिए यहाँ पुलिस पहुंची थी। लेकिन, लोगों ने पुलिस को खदेड़ दिया था। इसका वीडियो तब वायरल हो गया था।
बिघोर हाट में कपड़े की दुकान चलाने वाले विशाल यादव ने कहा कि उसकी दुकान में एक व्यक्ति के मौजूद होने के बावजूद दुकान पर बुलडोज़र चला दिया गया। किसी तरह उस व्यक्ति ने भाग कर अपनी जान बचाई।
दुकानदारों का कहना है कि हाट पर दुकान चलाने के लिए उनसे किराया लिया जाता था। मसीहुज़्ज़मां ने अपनी दुकान के किराये के भुगतान की रसीद दिखाई और कहा कि वह 40 सालों से इस दुकान से रोज़ी रोटी कमा रहे थे। अचानक दूकान टूट जाने से उन जैसे सैकड़ों लोग बेरोज़गार हो चुके हैं।
जुअलरी दुकानदार मोहममद नूर सलाम ने कहा कि दुकान तोड़ते वक्त प्रशासन ने उन्हें सामान निकालने तक का समय नहीं दिया और दुकान के अंदर महंगे सामान होने के बावजूद उस पर बुलडोज़र चला दिया गया।
पिछले साल 6 मार्च को स्थानीय विधायक महबूब आलम ने विधानसभा सत्र छोड़कर बिघोर हाट में एक विशाल बैठक की थी। बैठक में विधायक ने कड़े तेवर में कहा था कि यह हटिया सैकड़ों साल से बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र की धरोहर है और किसी भी कीमत पर इसे उजाड़ने नहीं दिया जाएगा।
मामले को लेकर जब हमने विधायक महबूब आलम से फोन पर बात की तो, उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर बारसोई अंचल अधिकारी ने मनमाने तरीके से जबरन बिघोर हाट को उजाड़ा है। एक तो सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है और दूसरी ओर लोगों से रोजगार छीन रही है। इसको लेकर हम लोग मुख्यमंत्री से मिलेंगे और बिहार विधानसभा में भी इस पर आवाज उठाएंगे।
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