किशनगंज के शिक्षकों ने शिक्षा विभाग पर महिला शिक्षकों की सुरक्षा को दरकिनार करने का आरोप लगाया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के समय का विरोध कर शिक्षकों ने कहा कि देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समाप्त कर महिला शिक्षकों को सुनसान इलाकों से होकर घर लौटना पड़ता है, जिससे उन शिक्षकों के साथ अनहोनी का खतरा लगा रहता है।
शिक्षकों ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राज्य सरकार को महिला शिक्षिकों की इज्जत व आबरू की कोई परवाह नहीं है?
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दरअसल शिक्षा विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंड संकुल केंद्र में शाम चार बजे से छः बजे तक जिला शिक्षा पदाधिकारी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने का आदेश जारी किया गया है। इसके विरोध में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ द्वारा किशनगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता को दो सूत्री मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में स्कूलों के प्रधान शिक्षकों के साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के समय में परिवर्तन कर दोपहर तीन बजे से शाम चार बजे के बीच करने की मांग की।
बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष राघिबुर रहमान ने कहा कि शिक्षा विभाग के ऐसे फरमानों से शिक्षिकाएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
“महिला शिक्षक किस प्रकार से 6 बजे के बाद घर जा पाएंगी, खासकर दूर-दराज़ इलाके में? वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से घर पहुंचते-पहुंचते उनको रात 8 बज जाता है। खासकर शीतकालीन मौसम में 5 बजे सूर्यास्त हो जाता है। सूर्यास्त के बाद दूर-दराज़ के इलाके में मौजूद संकुल संसाधन केन्द्र में महिलाएं कैसे खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी। क्या वो असहज महसूस नहीं करेंगी? सूर्यास्त के बाद उन इलाकों से वो कैसे घर जा पाएंगी? उनके साथ अगर कोई दुर्घटना हो जाती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा,” उन्होंने कहा।
शिक्षकों ने कहा कि शिक्षा विभाग के वरीय मुख्य सचिव केके. पाठक के नए नए फरमानों और पत्राचारों से शिक्षक शिक्षिका खुद को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। शिक्षक संघ ने सरकारी स्कूलों का निरीक्षण तालीमी मरकज और टोला सेवकों से करवाये जाने का भी विरोध किया। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग के इस कदम से शिक्षकों की गरिमा को ठेंस पहुच रही है। इसके लिए शिक्षकों ने सुझाव दिया कि तालीमी मरकज और टोला सेवकों को ‘निरीक्षक’ के बजाए ‘संदेश वाहक’ या फिर ‘दूत’ कहा जाय।
वहीं, किशनगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए तत्काल वे लोग विभाग द्वारा निर्धारित समय का पालन कर रहे हैं और इसके बेहतर परिणाम भी आ रहे हैं।
“वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हम प्रत्येक स्कूलों से जुड़ते हैं, शिक्षकों की बात सुनते हैं और प्रतिदिन किए गए कार्यों का हिसाब लेते हैं। साथ ही स्कूलों के बेहतर संचालन के लिए उन्हें समय समय पर निर्देशित भी किया जाता है,” उन्होंने कहा।
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