बिहार के सहरसा में AIIMS सहित कई अन्य मांगों को लेकर सोमवार को बंद का आह्वान किया गया, जिसका व्यापक असर देखने को मिला।
बाजार सहित वाहनों का परिचालन बंद रहा। इस बंद को विभिन्न पार्टियों और संगठनों ने अपना समर्थन दिया। इस दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन, भाजपा विधायक आलोक रंजन, पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना सहित विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता शामिल हुए।
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पूर्व सांसद आनंद मोहन की मानें, तो सहरसा के ज्वलंत मुद्दे जैसे AIIMS, ओवरब्रीज, एयरपोर्ट, इंजीनियरिंग कॉलेज, सहरसा नाम से लोकसभा क्षेत्र न होना आदि मांगों को लेकर बंद का आह्वान किया गया था, जिसका सभी दलों के नेताओं ने समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि ये पुरखों की देन थी किआजादी के बाद सहरसा लोकसभा था। लेकिन आज लोकसभा भी नहीं रहा, जो लोगों को सालता रहा और टीस देता रहा। उसी आक्रोश में बंद किया गया।
उन्होंने कहा कि तकरीबन एक महीने से इस आंदोलन को लेकर सभी जगह जाकर लोगों का समर्थन मांगा। पहले AIIMS निर्माण समिति के बैनर तले इस आंदोलन को लड़ा जा रहा था।
इस दौरान उन्होने ये भी कहा कि जो भी पार्टी इस आंदोलन में समर्थन नहीऔ देगी, उसे सहरसा की जनता बैकफुट पर ले आयेगी।
वहीं, सहरसा बंद में शामिल बीजेपी विधायक आलोक रंजन ने बिहार सरकार पर सहरसा का अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए सहरसा की जगह दरभंगा में AIIMS खोलने का आरोप लगाया।
पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने सहरसा में AIIMS न होने के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया।
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