बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने मीडिया में आयोग की “छवि को धूमिल” करने के आरोप में चार अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण मांगा है। BPSC की मानें, तो इन अभ्यर्थियों ने आयोग के ऊपर मीडिया के समक्ष फर्जी शिक्षक अभ्यर्थियों का परीक्षाफल प्रकाशित करने का आरोप लगाया है।
आयोग ने इन चार अभ्यर्थियों की सूची अपने वेबसाइट पर प्रकाशित की है। आयोग ने जिन अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण मांगा है, उनमें किशोर कुमार, मो. मामून रशीद, मो. सरफराज़ आलम और पिंकी कुमारी शामिल हैं।
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आयोग का मानना है कि तथ्य सत्यापन के बिना यह आरोप बिल्कुल निराधार है, साथ ही यह आरोप आयोग की छवि को धूमिल करता है। इसी को देखते हुए आयोग ने अभ्यर्थियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
आयोग ने इन अभ्यर्थियों को सूचना प्रकाशन के एक सप्ताह के अन्दर आयोग के ई-मेल पर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करने की सलाह दी है। ऐसा नहीं करने पर आयोग अभ्यर्थियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करेगा और अभ्यर्थियों को आयोग के आगामी परीक्षाओं में भाग लेने से वंचित कर दिया जायेगा।
आयोग के अनुसार, निर्धारित अवधि तक स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होने की स्थिति में माना जायेगा कि इस संबंध में अभ्यर्थियों को कुछ नहीं कहना है और आयोग उसके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई के लिये स्वतंत्र होगा।
बताते चलें कि शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा BPSC द्वारा की जा रही शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पर लगातार सवाल खड़े किये जा रहे हैं। इस संबंध में बहुत सारे अभ्यर्थियों ने मीडिया चैनलों पर जाकर अपनी समस्याओं को रखा है। हालांकि, आयोग भी लगातार अपनी ओर से अभ्यर्थियों के आरोप के जवाब दे रहा है।
उल्लेखनीय है कि बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बार-बार अभ्यर्थियों को चेताया है कि आयोग के खिलाफ निराधार आरोप न लगायें, वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की जीयेगी। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट के माध्यम से भी अभ्यर्थियों को इस संबंध में आगाह किया था।
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