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किशनगंजः बाल विवाह के खिलाफ नागरिकों ने ली शपथ, मशाल लेकर अलख जगाने उतरीं महिलाएं

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
Published On :
citizens took oath against child marriage in kishanganj

पूरे देश में 16 अक्टूबर को“बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान का आयोजन किया गया। इस मौके पर गैर सरकारी संगठन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहयोगी संगठन जन निर्माण केंद्र ने किशनगंज जिले के 600 से अधिक स्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम किया।


इन कार्यक्रमों में लगभग एक लाख महिलाओं, बच्चों और आम लोगों ने बाल विवाह का समर्थन न करने की शपथ ली। किशनगंज जिलाधिकारी सहित जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला परियोजना प्रबंधक, जीविका, सहायक निदेशक और जिला बाल संरक्षण इकाई ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश के 300 से भी ज्यादा जिलों में चलाया जा रहा है। भारत से 2030 तक बाल विवाह के समग्र खात्मे के लक्ष्य के साथ पूरी तरह से महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान से देश के 160 गैर सरकारी संगठन जुड़े हुए हैं। 16 अक्टूबर 2023 को इस अभियान का एक साल पूरा हुआ।


इस अरसे में पूरे देश में हजारों बाल विवाह रुकवाए गए और लाखों लोगों ने अपने गांवों और बस्तियों में बाल विवाह का चलन खत्म करने की शपथ ली। गांवों में पूरे दिन इस अभियान के समर्थन में उतरे लोगों की चहल पहल रही।

सूरज ढलने के बाद हजारों लोगों ने हाथों में मशाल लेकर मार्च का आयोजन भी किया‌। मार्च के दौरान लोगों को जागरूक करते हुए संदेश दिया कि नए भारत में बाल विवाह की कोई जगह नहीं है। मार्च में स्कूली बच्चों, ग्रामीणों, धार्मिक नेताओं सहित समाज के सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस मार्च का मकसद गांवों और कस्बों में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करना‌ था।

इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वाले लोग- जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने‌ व‌ सजावट करने‌ वालों, पंडित और निकाह पढ़ाने वाले काजी आदि को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया।

इस मौके पर जन निर्माण केंद्र के निदेशक राकेश कुमार सिंह ने कहा कि बाल विवाह एक ऐसा अपराध है जिसने सदियों से हमारे समाज को जकड़ रखा है। उन्होंने कहा कि नागरिक और सरकार दोनों के द्वारा राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रति दिखाई गई प्रतिबद्धता और प्रयास जल्द ही एक ऐसे माहौल और तंत्र का मार्ग प्रशस्त करेंगे जहां बच्चों के लिए ज्यादा सुरक्षित और निरापद वातावरण होगा।

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उन्होंने आगे कहा कि नागरिकों और सरकार दोनों के साथ मिलकर उठाए गए कदमों और लागू किए गए कानूनों के जरिये 2030 तक भारत बाल विवाह मुक्त हो जायेगा।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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