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BPSC TRE 2.0 : वर्ग 9-12 के लिए आयु सीमा में छूट के विकल्प पर कंफ्यूजन, फॉर्म में एडिट ऑप्शन देने की मांग

जिन अभ्यर्थियों ने अपना आवेदन भरकर परीक्षा शुल्क जमा कर दिया है, वे चाहते हैं कि आयोग फिर से फॉर्म को एडिट करने का विकल्प दे, ताकि तीसरे विकल्प यानी कि ‘अन्य’ का चुनाव कर चुके अभ्यर्थी विकल्प 1 या 2 का चयन कर सकें।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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बिहार लोक सेवा आयोग के दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मंगलवार को ऑनलाइन आवेदन के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि निर्धारित थी। आयोग ने इस बार अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन के पहले रजिस्ट्रेशन कराया है।

रजिस्ट्रेशन करने की अंतिम तिथि 14 नवंबर तक थी। हालांकि, जिन लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया था, वे 10 नवंबर से ही फाॅर्म भरना शुरू कर चुके थे।

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बताते चलें कि ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 25 नवंबर निर्धारित है।


दूसरे चरण में वर्ग 9-12 के लिए भी शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इसके लिए भी अभ्यर्थियों ने आवेदन देना शुरू कर दिया है। वर्ग 9-12 के विभिन्न विषयों के 78,286 शिक्षक पदों के लिए बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षा ली जाएगी।

इन पदों में पहले चरण की बची हुई रिक्तियों को भी शामिल किया गया है। बताते चलें कि जब आयोग ने विज्ञापन निकाला था तो उस समय वर्ग 9-10 के लिए 18,777 और वर्ग 11-12 के लिए 18,577 शिक्षक पद ही थे।

बाद में आयोग ने वर्ग 9-10 के लिए 6,682 और वर्ग 11-12 के विभिन्न विषयों के लिए 34,150 शिक्षक पदों को मौजूदा बहाली प्रक्रिया में जोड़ा था।

आयु-सीमा में छूट के विकल्प पर विवाद

जब 9-10 के अभ्यर्थी आवेदन कर रहे थे, तो उस वक्त फॉर्म खुलने पर शिक्षक भर्ती परीक्षा की पात्रता वाले कॉलम में तीन विकल्प दिये गये थे। पहले विकल्प में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में 4 वर्ष की छूट के साथ (हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत, उर्दू) दर्ज था।

bpsc tre 2 reg form 1

दूसरे विकल्प में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में 10 वर्ष की छूट के साथ (अरबी, फारसी, बांग्ला, शारीरिक शिक्षा, मैथिली) लिखा हुआ था। तीसरा विकल्प ‘अन्य’ का था।

इसी प्रकार वर्ग 11-12 में पहले विकल्प में 4 वर्ष की छूट के साथ माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद कई विषयों के नाम थे। इसी तरह दूसरे विकल्प में भी 10 वर्ष की छूट के साथ कई विषयों के नाम थे और तीसरे में ‘अन्य’ का विकल्प था।

bpsc tre 2 reg form 2

गौरतलब है कि वर्ष 2019 में जिस विषय या विषय समूह में पात्रता परीक्षा नहीं ली गई थी, उस विषय या विषय समूह की पात्रता परीक्षा 2023 में उत्तीर्ण होने वाले प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट मिलनी थी।

bpsc tre 2 reg form 3

इसके अतिरिक्त जिस विषय या विषय समूह के प्रशिक्षित अभ्यर्थी, जो पात्रता परीक्षा 2023 में उत्तीर्ण हुए हैं, उन्हें अधिकतम आयु सीमा में 4 वर्ष की छूट देने की बात नियमावाली में थी।

माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा

(STET)-2023 के पेपर-I के विषय हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान सामाजिक विज्ञान, संस्कृत व उर्दू तथा STET-2023 के पेपर-II के विषय अंग्रेजी, गणित, भौतिकी, रसायनशास्त्र, प्राणीशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र व मैथिली में सभी कोटि के प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में 4 वर्ष की छूट देने की बात कही गई थी।

अभ्यर्थियों का कहना है कि 4 वर्ष या 10 वर्ष की छूट वाले विकल्प के साथ कुछ ही विषयों के नाम थे, लेकिन जब उसपर क्लिक किया गया, तो पता चला कि वहां पर सभी विषयों के नाम दर्ज हैं।

अभ्यर्थियों ने इसको नजरअंदाज किया और ऐसे अभ्यर्थी, जिन्हें किसी तरह की छूट नहीं चाहिए थी, उन्होंने तीसरे विकल्प यानी ‘अन्य’ का चुनाव किया।

अभ्यर्थियों का कहना है कि जब सारे विषयों के नाम तीनों विकल्पों में दर्ज हैं ही, तो तीन विकल्प देने की क्या जरूरत थी। इसको लेकर अभ्यर्थी X (पूर्व में ट्विटर) पर लगातार सवाल भी उठा रहे थे, लेकिन आयोग की तरफ से इसपर कोई निर्देश नहीं आया।

अतुल प्रसाद के पोस्ट ने बढ़ाई परेशानी

इन सबके बावजूद सबकुछ ठीक चल रहा था। जिन अभ्यर्थियों ने आवेदन कर दिया था, वे परीक्षा की तैयारी में मसरूफ थे। इसी बीच, X (पूर्व में ट्विटर) पर बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद का एक पोस्ट आता है, जिससे अभ्यर्थी परेशान हो जाते हैं।

दरअसल अतुल प्रसाद ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “एसटीईटी (1/2) या ‘अन्य’/ ‘अन्य विषय’ का चयन करने को लेकर कन्फ्यूज़न अनावश्यक प्रतीत होता है। जाहिर है कि अभ्यर्थी केवल उसी विषय में आवेदन कर सकता है, जिसमें उसने एसटीईटी उत्तीर्ण किया हो। विषय का चयन आयु में छूट के आधार पर नहीं किया जा सकता है। इसी प्रकार ‘अन्य’ का अर्थ ‘अन्य विषय’ ही था।”

अतुल प्रसाद के पोस्ट के आखिरी वाक्य ने अभ्यर्थियों की परेशानी बढ़ा दी है।

अभ्यर्थियों का मानना है कि जब वे फॉर्म भर रहे थे, तो उस वक्त तीसरे विकल्प में अन्य लिखा हुआ था, लेकिन बिना किसी सूचना के आयोग ने उसमें बदलाव करते हुए ‘अन्य’ की जगह ‘अन्य विषय’ कर दिया है।

फॉर्म में एडिट विकल्प देने की मांग

जिन अभ्यर्थियों ने अपना आवेदन भरकर परीक्षा शुल्क जमा कर दिया है, वे चाहते हैं कि आयोग फिर से फॉर्म को एडिट करने का विकल्प दे, ताकि तीसरे विकल्प यानी कि ‘अन्य’ का चुनाव कर चुके अभ्यर्थी विकल्प 1 या 2 का चयन कर सकें।

इन अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर वे अब नए सिरे से रजिसट्रेशन कर ऑनलाइन आवेदन करेंगे, तो उनको दोबारा परीक्षा शुल्क देना होगा। अभ्यर्थियों के मुताबिक, परीक्षा शुल्क बहुत ज्यादा है। ऐसे में एक ही परीक्षा के लिए दो बार परीक्षा शुल्क देना उनके लिए मुश्किल हो जायेगा।

सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) के एक हैंडल ‘टीचर इंफो प्वाइंट’ जो लगातार शिक्षक भर्ती परीक्षा से संबंधित सूचनाओं को पोस्ट करता है, के संचालक राकेश ने कहा कि अभ्यर्थी पहले दिन से ही इस प्वाइंट को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं, लेकिन विभाग की तरफ से इसपर कोई लेटर जारी नहीं किया गया। लेकिन, अंतिम दिन अतुल प्रसाद के सोशल मीडिया पोस्ट से अभ्यर्थी कंफ्यूज हो गए हैं। राकेश ने विभाग से आवेदन फाॅर्म में एडिट विकल्प देने की मांग की।

“आपने (आयोग ने) बीच में यह बदलाव किया और रजिस्ट्रेशन के अंतिम दिन इस बात को बताया है। बच्चे कई बार विभाग गए हैं, मीडिया में बोले हैं, पिछले पांच दिनों से इस पर बोल रहे हैं, फिर भी विभाग की तरफ से कोई लेटर नहीं आया। अंतिम दिन जब सर्वर भी काम करना बंद कर दिया है, तब विभाग कह रहा है कि आपने जो भरा है, उसको इस तरह भरना चाहिए था,” उन्होंने कहा।

राकेश ने आगे कहा, “ऐसा कौन सा अभ्यर्थी है जो अंतिम दिन तक रुकेगा? अभ्यर्थी अब दो ही चीज चाह रहे हैं – या तो उन्हें एडिट का ऑप्शन मिल जाये या रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने पर पैसा वापस आ जाये ताकि वे सही तरीके से दोबारा रजिस्ट्रेशन कर सकें।”

बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से इसको लेकर कोई नई सूचना अबतक नहीं आई है। ऑनलाइन आवेदन के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 14 नवम्बर है। खबर लिखे जाने तक आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद का कोई पोस्ट भी नहीं आया है, इसलिए भी अभ्यर्थी इसको लेकर काफी परेशान नजर आ रहे हैं।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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