बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने ‘हर घर नल का जल’ कार्यक्रम के तहत 30,207 वार्डों में 7,326 छोटी हुई जगहों पर साफ़ पेयजल की व्यवस्था कराने का एलान किया।
ज्ञापन में इसके लिए मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत तीन हज़ार छह सौ बयालीस करोड़ बहत्तर लाख रुपये की लागत से प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों तक शुद्ध पानी पहुंचाने की बात कही गई है।
जलापूर्ति योजना के निर्माण और 5 साल तक रख रखाव के लिए आवंटित रकम का इस्तेमाल किया जाएगा। यह योजना उन घरों में घरेलू जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए है जहाँ पानी की गुणवत्ता खराब है। इससे वहाँ बिना रुकावट पेयजल उपलब्ध होगा, जो टैप के जरिए मिलेगा।
गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में भी पेयजल योजना
लोक स्वास्थ अभियंत्रण विभाग ने ‘हर घर नल का जल’ योजना अंतर्गत राज्य में गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में भी साफ़ पीने के पानी की व्यवस्था कराने का एलान किया। गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों के 16,426 वार्डों में पेयजल का इंतज़ाम किया जाएगा। इन वार्डों में कुल 3,393 छूटी हुई जगहों पर टैप के माध्यम से पीने का पानी मुहैया कराया जाएगा।
इस योजना के निर्माण और 5 वर्षों तक संचालन के लिए 1063.46 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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बता दें कि गुणवत्ता प्रभावित और गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों को मिलाकर कुल 10,719 चिन्हित जगहों के परिवारों को साफ़ पीने का पानी मुहैया कराया जाएगा। दोनों क्षेत्रों में योजना लागू करने के खर्च को जोड़ा जाए तो कुल मिलाकर इन दोनों योजनाओं पर 4.90618 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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