बिहार में उद्योग शुरू करने के लिए अब राज्य सरकार सहायता राशि देगी। यह राशि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत दी जायेगी। योजना के तहत, चयनित प्रत्येक उद्यमी को कुल 10 लाख रूपये की सहायता राशि दी जायेगी, जिसमें 5 लाख रूपये अनुदान के तौर पर और 5 लाख रूपये ऋण के तौर पर दिया जायेगा। ऋण की राशि ब्याज मुक्त है, और इसे 7 वर्षों यानी 84 क़िस्तों में अदा करना है। इस योजना के अंतर्गत केवल नए उद्योगों की स्थापना के लिए लाभ देय होगाI
अंतिम रूप से चयनित आवेदकों को सरकार की ओर से यह सहायता राशि तीन किस्तों में दी जायेगी। कार्यस्थल की तैयारी, बिजली कनेक्शन, अग्नि शमन यंत्र/सुरक्षा उपकरण तथा आंतरिक साजो-सज्जा के लिए प्रथम किश्त के रूप में डेढ़ लाख रूपये दिया जायेगा। प्रथम किश्त की उपयोगिता समय-सीमा 60 दिन है। 60 दिनों के अंदर ही कार्यस्थल की तैयारी, बिजली कनेक्शन, अग्निश्मन यंत्र इत्यादि लगाना होगा। इसके बाद द्वितीय किश्त के रूप में मशीन खरीदने के लिए राशि दी जायेगी।
द्वितीय किस्त की राशि उपयोग करने के बाद ही तृतीय किश्त के रूप में परियोजनान्तर्गत निर्धारित राशि दी जायेगी। योजनान्तर्गत लाभुकों को प्रत्येक किश्त की राशि उपलब्ध कराने के 60 दिनों के अंदर व्यय कर उसका उपयोगिता प्रमाण-पत्र उद्यमी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। अन्यथा विभाग द्वारा राशि की वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी।
वर्ष 2023-24 में 8000 उद्यियों का चयन होगा
वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिलावार तीन श्रेणियों में 8000 आवेदनों का चयन निर्धारित लक्ष्य के आधार पर किया जाना है। पहली श्रेणी में 58 परियोजनाओं के लिए 4000 लाभुकों का चयन किया जाएगा। इस श्रेणी में पशु आहार का उत्पादन, मुर्गी दाना का उत्पादन, मखाना प्रोसेसिंग, बेकरी उत्पाद (ब्रेड, बिस्कुट, रस्क इत्यादि), आटा और बेसन उत्पादन, ऑयल मिल तथा मसाला उत्पादन शामिल हैं। दूसरी श्रेणी में चर्म, वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण तथा अन्य प्राथमिकता प्रक्षेत्र के लिए 3500 लाभुकों का चयन किया जाएगा।
तीसरी श्रेणी में बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) के औद्योगिक क्षेत्र में मात्र चर्म एवं वस्त्र प्रक्षेत्र के लिए 500 लाभुकों का चयन किया जाएगा। इसमें लेदर गार्मेन्ट्स, जैकेट्स इत्सादि का उत्पादन, लेदर शूज/सैंडल उत्पादन, बैग्स, बेल्ट्स, पर्स, ग्लब्स, गाड़ी का सीट कवर जैसे लेदर एवं रेक्सीन का उत्पाद निर्माण, रेडिमेड गारमेन्टस, और पावरलूम इकाई शामिल हैं। तीसरी श्रेणी में लक्ष्य जिलावार न होकर पूरे राज्य के लिए है। किसी भी जिले के आवेदक द्वारा चिन्हित औद्योगिक क्षेत्र में आवेदन दिया जा सकता है।
आवेदक द्वारा गलत कैटेगरी चयन अथवा गलत आवेदन करने पर पुनः संशोधित करने का कोई विकल्प नहीं दिया जायेगा। आवेदक जिस जिलें में परियोजना स्थापित करना चाहतें है, उस जिले का स्थाई निवास प्रमाण-पत्र देना अनिवार्य होगा। एक आवेदक अपने आधार के माध्यम से किसी एक कैटेगरी में ही आवेदन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की पात्रता और आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन उद्योग विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://udyami.bihar.gov.in/ पर जाकर किया जा सकता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए आवेदक 15 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच आवेदन कर सकते हैं। मेडिकल जाँच घर, केला रेशा निर्माण, इलेक्ट्रीक वाहन विनिर्माण इकाई, डिजाईनर गेट ग्रिल निर्माण इकाई इत्यादि परियोजना में आवेदन करने हेतु आवेदकों को संबंधित परियोजना में प्रशिक्षण कार्य अनुभव का प्रमाण-पत्र उद्यमी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।
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प्रशिक्षण संस्थान द्वारा व्यक्तिगत विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) नहीं बनाया जायेगा। पोर्टल पर उपलब्ध विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन को ही अंतिम माना जायेगा। उद्यमी योजना के लाभ प्राप्त करने के उपरांत किसी भी तरह का फ्रॉड या फर्जी बिल, बिल में छेड़छाड़, राशि का योजना प्रावधान के विपरीत दुरूपयोग इत्यादि करने पर लाभुक कानूनी कार्रवाई के पात्र होंगे।
योजना का लाभ लेने के लिए बिहार के स्थायी निवासी होना शर्त है। योजना सिर्फ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग, महिला तथा युवा श्रेणी में आने वाले आवेदकों के लिए है। आवेदकों को कम से कम 10+2 या इंटरमीडिएट, आई टी आई, पॉलिटेक्निक, डिप्लोमा या समकक्ष उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। आवेदक की आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
आवेदन करने के लिए पहले https://udyamiuser.bihar.gov.in/ पर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
रजिस्ट्रेशन करने के बाद https://udyamiuser.bihar.gov.in/login पर लॉगिन कर फॉर्म भरने की प्रक्रिया पूरी करनी है।
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