बिहार के प्राइवेट कोचिंग संस्थान स्कूल की समयावधि के दौरान सुबह 9 बजे से शाम चार बजे के बीच बंद रहेंगे। इसके अलावा सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी अब प्राइवेट कोचिंग में नहीं पढ़ा पायेंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र लिख कर आदेश का पालन नहीं करने वाले कोचिंग संस्थानों पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।
तीन चरणों में चलेगा अभियान
अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्र में जिलाधिकारियों को कानून का पालन नहीं करने वाले संस्थानों के खिलाफ बिहार कोचिंग इंस्टीट्यूट (नियंत्रण और रेग्यूलेशन) एक्ट-2020 के तहत कार्रवाई करने को कहा गया है। यह कार्रवाई चरणबद्ध तरीके से करने को कहा गया है।
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प्रथम चरण के तहत जिला पदाधिकारियों को 1-7 अगस्त के बीच जिले में संचालित सभी तरह के कोचिंग संस्थानों की सूची बनानी होगी।
दूसरे चरण में 8-16 अगस्त के बीच कोचिंग संचालकों से बैठक कर कोचिंग संस्थान को विद्यालय अवधि यानि कि सुबह 9 से शाम 4 बजे के बीच बंद रखना है। सरकारी या गैर-सरकारी स्कूलों के शिक्षक या कर्मियों को टीचिंग फैकल्टी में नहीं रखना है। अगर कोचिंग के संचालन मंडल में किसी सरकारी कर्मी या पदाधिकारी को रखा गया है तो इसकी जानकारी जिला पदाधिकारी को देनी होगी।
तृतीय चरण के तहत 16-31 अगस्त तक जिला पदाधिकारियों द्वारा अधीनस्थ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच कोचिंग संस्थानों का सघन निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान अगर कोई कोचिंग संस्थान कानून तोड़ता हुआ पाया जाएगा तो उनको लिखित चेतावनी जारी की जाएगी। लिखित चेतावनी के बाद भी अगर कोचिंग संस्थान नहीं सुधरा, तो 31 अगस्त के बाद उनके खिलाफ विभाग कड़ी कार्रवाई करेगी।
बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य
विभाग का मानना है कि कोचिंग संस्थानों की सामानान्तर समय-सारणी के चलते विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति प्रभावित हो रही है। खासकर कक्षा 9-12 के छात्रों में स्कूल जाने के बजाय कोचिंग संस्थान में पढ़ने का रुझान बढ़ गया है। स्कूल में ऐसे छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने को लेकर भी विभाग ने अधिकारियों को हिदायत दी है। जिन छात्रों की उपस्थिति 75 फीसदी से कम होगी, उन्हें बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा। इसको लेकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने विज्ञप्ति जारी की है।
विज्ञप्ति में लिखा है, “बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित माध्यमिक व इंटरमीडियट वार्षिक परीक्षाओंं में वही विद्यार्थी सम्मिलित हो सकते हैं, जिनकी उपस्थिति न्यूनतम 75 फीसदी रहेगी। राज्य सरकार की विभिन्न लाभुक आधारित योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी कक्षा में 75 फीसद उपस्थिति आवश्यक है।”
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव ने समिति से संबद्ध सभी माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षण संस्थानों से विद्यालयों में विद्यार्थियों की अधिक से अधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जिले के सभी विद्यालय के प्रधानाध्याकों से समीक्षा बैठक करने का निर्देश दिया गया है।
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