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अहमद अश्फाक़ करीम जदयू में हुए शामिल, कहा, “18 परसेंट मुस्लिमों को सिर्फ 2 सीट, यह हक़तल्फ़ी है”

अश्फाक़ करीम ने कहा कि लोगों को लगता है कि मुस्लिमों के पास कोई विकल्प नहीं है और वे सोचते हैं कि वो कहां जायेंगे, लेकिन उनलोगों को पता लग जायेगा कि मुस्लिम कहां जायेंगे। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ होते हुए भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिये बहुत काम किया है।

Nawazish Purnea Reported By Nawazish Alam |
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पूर्व राज्ससभा सांसद अहमद अश्फाक़ करीम शनिवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हो गए। बिहार सरकार में जल संसाधन और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अश्फाक़ करीम को पार्टी की सदस्यता दिलाई। समारोह में ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव समेत कई जदयू नेता मौजूद रहे। बताते चलें कि अहमद अश्फाक़ करीम ने शुक्रवार को ही राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से इस्तीफा दिया था।

इस अवसर पर अश्फाक़ करीम ने कहा कि राजद मुस्लिमों के साथ हक़तल्फी कर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में मुस्लिमों की आबादी 18 प्रतिशत है, उस हिसाब से 6 सीटें मिलनी चाहिये थी, लेकिन सिर्फ दो सीटें दी गई, जो कि मुस्लिमों के साथ हकतल्फी है।

“मुसलमानों का 90 फीसद वोट राजद को मिलता है, लेकिन उसके बावजूद सिर्फ 2 सीट मिली, और जिसका डेढ़ परसेंट वोट है उसको तीन सीट मिली। यह हक़तल्फ़ी है। यह हक़ मारना है। यह किसी को भी बर्दाश्त नहीं करना चाहिये। अपने हक़ की रक्षा आप नहीं करेंगे तो आप मज़बूती से ज़िंदा नहीं रह सकते। मुझे यह एहसास हुआ कि यह बहुत ग़लत काम है। मैंने माननीय लालू जी से बात की, लेकिन उन्होंने भी मेरे बात को हल्के में लिया,” उन्होंने कहा।


अश्फाक़ करीम ने कहा कि लोगों को लगता है कि मुस्लिमों के पास कोई विकल्प नहीं है और वे सोचते हैं कि वो कहां जायेंगे, लेकिन उनलोगों को पता लग जायेगा कि मुस्लिम कहां जायेंगे। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ होते हुए भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिये बहुत काम किया है।

उल्लेखनीय है कि वह लोकसभा चुनाव में कटिहार से टिकट नहीं मिलने पर राजद से नाराज़ चल रहे थे। कटिहार सीट कांग्रेस के खाते में जाने के बावजूद उन्होंने नॉमिनेशन करने के लिए एनआर भी कटवा लिया था। लेकिन, बाद में उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया।

उन्हें उम्मीद थी कि गठबंधन उन्हें कांग्रेस के टिकट पर भी चुनाव लड़ा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और गठबंधन ने तारिक़ अनवर को अपना उम्मीदवार बनाया है।

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नवाजिश आलम को बिहार की राजनीति, शिक्षा जगत और इतिहास से संबधित खबरों में गहरी रूचि है। वह बिहार के रहने वाले हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया के मास कम्यूनिकेशन तथा रिसर्च सेंटर से मास्टर्स इन कंवर्ज़ेन्ट जर्नलिज़्म और जामिया मिल्लिया से ही बैचलर इन मास मीडिया की पढ़ाई की है।

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