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2000 के नोट पर लगी रोक, ऐसे कर सकेंगे नोटों की अदला-बदली

आरबीआई ने 2000 के नोट के प्रसार पर रोक लगाने का एलान कर दिया है। शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर आरबीआई ने “क्लीन नोट पॉलिसी” के तहत 2000 के तमाम नोटों को बाज़ार से हटाने का फैसला लिया है।

syed jaffer imam Reported By Syed Jaffer Imam |
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आरबीआई ने 2000 के नोट के प्रसार पर रोक लगाने का एलान कर दिया है। शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर आरबीआई ने “क्लीन नोट पॉलिसी” के तहत 2000 के तमाम नोटों को बाज़ार से हटाने का फैसला लिया है।

लोग 23 मई 2023 से बैंक में जाकर 2000 के नोटों की अदला बदली कर सकेंगे। नोटों की अदला बदली करने की आखिरी तिथि 30 सितंबर 2023 रखी गई है। प्रेस विज्ञप्ति में दी गई जानकारी के अनुसार बैंक खाता धारक 23 मई से अपने बैंक में 2000 के नोटों को जमा या अदला बदली कर सकेंगे। नोटों की अदला बदली के लिए किसी भी बैंक के ब्रांच जाकर एक बार में 20,000 के नोटों की अदला बदली की जा सकेगी।

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8 नवंबर 2016 को नोटेबंदी के एलान के बाद 2000 की नोटों की शुरुआत की गई थी। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2017 तक 2000 के 89% नोट बाज़ार में थे। मार्च 2018 में 6.73 लाख करोड़ की राशि के 2000 नोट बाज़ार में मौजूद थे जिन्हें घटाकर मार्च 2023 में 3.62 लाख करोड़ कर दिया गया।


आरबीआई ने सभी बैंकों को 2000 के नोटों की छपाई तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है। आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर लोगों के लिए FAQ डॉक्यूमेंट जारी किया है जिसमें लोग 2000 नोट के बंद होने से जुड़ी सभी जानकारी हासिल कर सकते हैं।

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई ने लोगों से ‘पैनिक’ न करने की सलाह दी है और इसे नियमित प्रक्रिया बताया है। आरबीआई ने सितंबर 2023 तक सभी नोटों को जमा लेने की प्रक्रिया पूरी करने की बात कही। 30 सितंबर के बाद 2000 के नोट केवल ”लीगल टेंडर” में उपयोग होंगे। लीगल टेंडर में उपयोग होने का मतलब है कि 2000 के नोटों को ऋण के भुगतान में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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सैयद जाफ़र इमाम किशनगंज से तालुक़ रखते हैं। इन्होंने हिमालयन यूनिवर्सिटी से जन संचार एवं पत्रकारिता में ग्रैजूएशन करने के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया से हिंदी पत्रकारिता (पीजी) की पढ़ाई की। 'मैं मीडिया' के लिए सीमांचल के खेल-कूद और ऐतिहासिक इतिवृत्त पर खबरें लिख रहे हैं। इससे पहले इन्होंने Opoyi, Scribblers India, Swantree Foundation, Public Vichar जैसे संस्थानों में काम किया है। इनकी पुस्तक "A Panic Attack on The Subway" जुलाई 2021 में प्रकाशित हुई थी। यह जाफ़र के तखल्लूस के साथ 'हिंदुस्तानी' भाषा में ग़ज़ल कहते हैं और समय मिलने पर इंटरनेट पर शॉर्ट फिल्में बनाना पसंद करते हैं।

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