बिहार सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनकी प्राथना है कि तेजस्वी यादव देश के प्रधामंत्री बन जाएँ। सर्वजीत किशनगंज में एक ‘योजना पत्र वितरण समारोह’ में पहुंचे थे। उसी दौरान उनसे 2025 तक तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद सौंपने के अटकलों के बारे में पूछा गया। उन्होंने इसके जवाब में कहा, ” यह पत्रकारों की मनगढ़ बातें हैं। तेजस्वी जी जहाँ हैं वहाँ खुश हैं और हम सब ईश्वर से और अल्लाह से प्राथना करते हैं कि बिहार के लिए वह खूब काम करेंगे और बहुत आगे जाएंगे। आप सीएम की बात करते हैं हम तो चाहते हैं कि वह प्रधामंत्री भी बन जाएं। कौन नहीं चाहता है यह।”
उन्होंने आगे कहा कि सब की ज़िम्मेदारी है कि धर्म के नाम पर लड़वाने के बजाए देश को एकजुट करने के लिए मिलकर काम किया जाए। “हमको मौका मिला है, हम नौकरी छोड़ कर सेवा में लगे हैं तो क्या हमारी यह ज़िम्मेवारी है कि हम धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाएं? मैं चार बार एमएलए हो गया। हमारे इलाके में तो इस तरह की कोई बात नहीं करता है। हम सबको जन सेवा करनी चाहिए, चाहे हम अधिकारी हों, पत्रकार हों, या नेता हों, यह हमारी ज़िम्मेदारी है। हम तो बने ही हैं जन सेवा के लिए। जितना समय लोग आपस में लड़ाने में बर्बाद करते हैं, अगर उतना समय बिहार की तरक्की के बार में सोचें तो न जाने बिहार कहाँ से कहाँ चला जाए,” सर्वजीत बोले।
हिन्दू राष्ट्र और धीरेंद्र शास्त्री पर क्या बोले कृषि मंत्री
कृषि मंत्री ने धीरेन्द्र शास्त्री के हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना पर कहा कि बाबा को पता नहीं कि हिंदुस्तान का अर्थ क्या होता है। मंत्री ने कहा कि भारत में सभी जाति धर्म के लोगों का अधिकार है, और हम सब आपस में भाई हैं।
उन्होंने कहा, “देखिये, सभी व्यक्तियों का कर्तव्य होता है कि देश में अमन, चैन हो। क्या पत्रकारों की ज़िम्मेवारी नहीं है कि देश में शान्ति हो। अब कौन बाबा आता है उससे हमको क्या लेना देना है। मैंने तो पहली बार सुना है कि कोई बाबा है जो कहता है कि बिहार हिन्दू राष्ट्र की शुरुआत करेगा। उसको यह भी नहीं पता है कि हिंदुस्तान शब्द का मतलब क्या होता है। मेरे मां बाप ने यही संस्कार दिया है कि हमने जिस देश में जन्म लिया है यहाँ सभी धर्म और जाति का अधिकार है और हम सब भाई हैं। ईश्वर और अल्लाह ऐसे व्यक्ति को कभी माफ़ नहीं करेगा जो धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाना चाहता है।”
सर्वजीत ने बाबा धीरेन्द्र शास्त्री पर तंज़ करते हुए कहा, “कहाँ से बाबा को ले आता है पकड़ के, बाबा का प्रचार देखिएगा तो लगता है कौनसा भगवान् कृष्ण का स्वरूप आ गया। अरे एक बार डिबेट किसानों पर करो, इतने पैसे खर्च करते हो प्रवचन में, उसके बजाय किसानों पर खर्च करो।”
किशनगंज में चाय की खेती के लिए बनेगा ‘सेंटर ऑफ़ एक्सिलेंस’
समारोह में कृषि मंत्री सर्वजीत ने दर्जनों किसान सलाहकार पद पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया और उनसे कहा कि उन सबको बहुत मेहनत और लगन के साथ काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री बनने के बाद उन्होंने सबसे पहले किसान सलहकारों की बहाली कराने के कार्य में तेज़ी लाई। “रोज़गार, माननीय मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री, दोनों की प्राथमिकता है। मैंने ज्वाइन करते ही बीपीसी और एसएससी को 9,000 वैकेंसी के लिए भेज दिया। किसान सलाहकार की बहुत ज़रूरत थी। इनकी कमी के कारण बहुत सारी योजनाएं किसानों तक नहीं पहुँच पा रही थीं। हमारी आशा है कि सलाहकार खूब अच्छे से काम करेंगे और इससे किसानों को मदद होगी और किसान खुशहाल होंगे,” सर्वजीत ने कहा।
उन्होंने राज्य में सिंचाई में आनेवाली की समस्या को निपटाने का भी भरोसा दिलाया और कहा इसके लिए जल संसाधन विभाग द्वारा काफी काम किया भी जा रहा है। इसके साथ साथ उन्होंने किशनगंज के चाय किसानों के लिए “सेंटर ऑफ़ एक्सिलेंस” बनाने की बात कही और कहा कि इसके तहत किसानों को बड़े पैमाने पर चाय पत्ती के पौधे दिए जाएंगे। इसी तरह मक्के की खेती के लिए भी किसानों को मक्के के बीज दिये जाएंगे।
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‘केंद्र सरकार देरी से देती है खाद’
कृषि मंत्री ने खाद की बात करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “खाद का जहां तक मामला है, यह तो केंद्र सरकार के हाथ में है। केंद्र सरकार ग़रीब किसानों से मज़ाक करती है। अगर हमें एक मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता है और उनसे सितम्बर में खाद मांगा जाए तो वह दिसंबर में खाद की पूर्ति करते हैं। किसानों को भूख लगी है सितम्बर में और खाद दे रहे हो दिसंबर में और दुनिया से कह रहे हो कि हमने किसान को खाद दे दिया। वह डाटा ले आते हैं और कहते हैं कि इतने खाद की डिमांड थी, हमने तो पूरी कर दी, लेकिन यह नहीं बताते कि उन्होंने खाद कब दिया, अरे समय पर खाद दीजिये न।”
सर्वजीत ने आगे कहा कि देश में इन मुद्दों पर डिबेट नहीं होती है। कोई बाबा आता है तो उस पर खूब डिबेट होती है। बिहार सरकार 10 लाख नौकरी देने जा रही है, इस पर कोई चर्चा नहीं करता। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म के प्रचारकों को गीता और क़ुरान दीजिये और पूछिए इन दोनों किताबों में घृणा नाम का शब्द कहीं लिखा है क्या।
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