पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की अदालत ने पूर्णिया नगर निगम की ओर से एसएम झा के खिलाफ चलाए गए निगरानी वाद में बीते दिनों मौखिक आदेश जारी कर दिया।
न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की अदालत में याचिकाकर्ता एसएम झा के अधिवक्ता ने बताया कि नगर आयुक्त पूर्णिया ने अपने आदेश में सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल के भवन को सील कर बच्चों की पढ़ाई बाधित कर दी।
लेकिन, नगर आयुक्त, पूर्णिया की ओर से पेश अधिवक्ता ने स्कूल को सील न किए जाने की बात दुहराई। उन्होंने अपने स्पेसिफिक सबमिशन में न्यायालय को यह भी बताया कि सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल के बच्चों की पढ़ाई जारी है।
मालूम हो कि पूर्णिया नगर आयुक्त ने 20 फरवरी 2023 को पारित अपने आदेश के जरिये एसएम झा के सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए सील करने का आदेश जारी किया था। उन्होंने स्कूल को मुहैया की जा रही बिजली-आपूर्ति बंद करने के लिए अपने आदेश की प्रति बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता को भेजी। इसके अतिरिक्त स्कूल-भवन को सील करने के लिए और भवन में प्रवेश की निषेधाज्ञा को बरकरार रखने के लिहाज से नगर आयुक्त पूर्णिया ने अपने आदेश की प्रति क्रमश: अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार रमण व पूर्णिया पुलिस अधीक्षक को भेजी थी।
न्यायाधीश सत्यव्रत वर्मा की अदालत ने अपने आदेश में याचिकाकर्ता एसएम झा को म्युनिसिपल ट्राइब्यूनल में अपने सारे तथ्यों को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
बक़ौल एसएम झा, “पूर्णिया नगर आयुक्त आरिफ अहसन ने भ्रामक रिपोर्ट बनवा कर उनके विद्यालय भवन को सील करवा दिया। इस आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) राकेश कुमार रमण के आदेश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अमित आनन्द, पूर्णिया पूर्व ने दण्डाधिकारी के रूप में पुलिस दल के साथ मेरे विद्यालय भवन को 06 मार्च 2023 को सील कर दिया।‘’
नगर आयुक्त, पूर्णिया नगर निगम की ओर से पेश अधिवक्ता ने नगर आयुक्त के आदेश में स्कूल-भवन को सील किए जाने की बात लिखित रूप से दर्ज़ होने के बावज़ूद न्यायालय में इस बात से इन्कार कर दिया। कानूनी दाँव-पेंच में ऐसा सम्भव है। यह तब हो सकता है जब याचिकाकर्ता ने स्कूल भवन को सील किए जाने के आदेश व उसके क्रियान्वयन की प्रति न्यायालय में दाखिल न की हो या प्रदर्श न कराया हो।
सदर एसडीओ राकेश कुमार रमण के आदेश से सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल के भवन को सील करने के लिए पूर्णिया पूर्व प्रखंड के बीडीओ अमित आनन्द को दण्डाधिकारी के रूप में तैनात किया गया था। इस मामले में उच्च न्यायालय, पटना के आदेश के बाद बीडीओ अमित आनन्द ने किनारा करते हुए चुप्पी साध ली है। उनका कहना है, “मैंने आदेश का अनुपालन किया या नहीं, इसकी जानकारी सदर एसडीओ से ही प्राप्त की जा सकती है।‘’
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ज्ञात हो कि याचिकाकर्ता एसएम झा ने पूर्णिया नगर आयुक्त के आदेश के खिलाफ पहले ही म्युनिसिपल ट्राइब्यूनल में अपील दर्ज़ करा दी थी। म्युनिसिपल ट्राइब्यूनल में काम बंद रहने के कारण नगर निकायों के आदेश के खिलाफ परिवादियों को उच्च न्यायालय का रूख करना पड़ता है। इससे परिवादियों को मिलने वाली न्यायिक या अर्द्ध न्यायिक राहत अधिक खर्चीली और अतिरिक्त समय जाया करने वाली हो जाती है।
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