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पूर्णिया: पाकिस्तानी झंडे की अफवाह के बाद मीडिया ने महिला को किया प्रताड़ित

पूर्णिया सदर SDPO सुरेंद्र कुमार सरोज बताते हैं कि यह अफवाह किसने फैलाई इसकी जांच चल रही है, अगर इसमें किसी व्यक्ति विशेष का नाम आता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

Tanzil Asif is founder and CEO of Main Media Reported By Tanzil Asif |
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26 जनवरी को जब देश 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा था, बिहार के पूर्णिया ज़िले से कुछ असामाजिक तत्व मुसलमानों को बदनाम करने की साज़िश रच रहे थे। और हमेशा की तरह इस साज़िश में देश की मीडिया ने उन असामाजिक तत्वों का जम कर साथ दिया।

दरअसल, 26 जनवरी को पूर्णिया जिला अंतर्गत मधुबनी टीओपी थाना क्षेत्र के सिपाही टोला इलाके के एक घर की छत पर पाकिस्तानी झंडा फहराने की एक अफवाह फैलाई गई। शाम के करीब साढ़े छह बजे देश की सबसे बड़ी मीडिया एजेंसी ANI के हिंदी ट्विटर हैंडल @AHindinews ने ट्वीट किया – “पूर्णिया के मधुबनी सिपाही टोला इलाके में कथित तौर पर पाकिस्तान का झंडा फहराया गया।” उसके ठीक एक घंटे बाद ANI के मुख्य ट्विटर हैंडल @ANI ने अंग्रेजी में ट्वीट किया – “पूर्णिया के मधुबनी सिपाही टोला इलाके में पाकिस्तानी झंडा फहराया गया।” यानी एक घंटे बाद ही ANI ने खबर से “कथित” शब्द ग़ायब कर दिया था। ANI के इस ट्विटर हैंडल के 75 लाख फॉलोअर्स हैं। देश के ज़्यादातर बड़े मीडिया संस्थान ANI द्वारा ब्रेक की गई खबर को चलाते हैं, तो देखते ही देखते यह खबर देश में आग की तरह फ़ैल गई। ANI के अलावा RVCJ Media जैसे वायरल कंटेंट बनाने वाले संस्थानों ने भी इसे जम कर वायरल किया। RVCJ Media भारत का सबसे बड़ा Digital Publisher होने का दावा करता है। फेसबुक पर इसे 1.4 करोड़ से ज़्यादा और इंस्टाग्राम पर 90 लाख से ज़्यादा लोग फॉलो करते हैं।

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इस पूरे प्रकरण में प्रशासन ने कहीं भी, कभी भी दावा नहीं किया कि झंडा पाकिस्तान का है। यहाँ तक कि ANI ने जिस SHO पवन चौधरी के बाइट के साथ यह खबर ब्रेक की, वह बार बार मीडिया से कहते रहे, “हम जांच के बाद ही बता पाएंगे।” फिर भी मीडिया ने खबर अपने मन मुताबिक ही चलाई।


हालांकि, दूसरे दिन ANI ने पूर्णिया सदर SDPO सुरेंद्र कुमार सरोज का बाइट ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा था – “जांच में पाया गया कि वह इस्लामिक झंडा है, किसी देश का झंडा नहीं है।” इसके बाद RVCJ Media ने सभी प्लेटफार्म से अपने पोस्ट को डिलीट कर दिया। लेकिन, दूसरे दिन ANI द्वारा किया गया ट्वीट मात्र 18,000 लोगों ने ही देखा, जबकि 26 जनवरी को शेयर की गई अफवाह सिर्फ ANI के अंग्रेजी ट्वीटर हैंडल से अब तक साढ़े तीन लाख से ज़्यादा लोगों तक पहुँच चुकी है।

पूर्णिया सदर SDPO सुरेंद्र कुमार सरोज बताते हैं कि यह अफवाह किसने फैलाई इसकी जांच चल रही है, अगर इसमें किसी व्यक्ति विशेष का नाम आता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

दूसरी तरफ, जिस परिवार पर मीडिया ने संदेह किया, उन्होंने मीडिया पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। घर के मुखिया मुबारकुद्दीन पूर्णिया लाइन बज़ार में एक प्राइवेट स्कूल चलाते हैं और संस्कृत व साइंस विषय के शिक्षक हैं। मुबारक बताते हैं कि झंडा मीलाद उन-नबी के मौके पर अक्टूबर के पहले हफ्ते में लगाया गया था। चार महीने बाद 26 जनवरी को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के नियत से किसी ने इसका वीडियो बना कर धर्म से जुड़े झंडे को पाकिस्तान का झंडा बता दिया। मुबारक के अनुसार, जब पुलिस और मीडिया घर पहुंची, उस वक़्त परिवार की महिला सदस्य रेहाना परवीन घर पर अकेले मौजूद थीं। मीडिया ने तरह तरह से सवाल कर उन्हें प्रताड़ित किया, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा।

सिपाही टोला की आबादी क़रीब 10,000 है। यहाँ पूर्णिया नगर निगम के तीन वार्ड हैं, जिसमें दोनों समुदाय के लोग मिलजुल कर रहते हैं। सिपाही टोला निवासी मैकेनिक मोहम्मद सलाम बताते हैं, सिपाही टोला में हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी 4-5 जगह तिरंगा फहराया जाता है।

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तंजील आसिफ एक मल्टीमीडिया पत्रकार-सह-उद्यमी हैं। वह 'मैं मीडिया' के संस्थापक और सीईओ हैं। समय-समय पर अन्य प्रकाशनों के लिए भी सीमांचल से ख़बरें लिखते रहे हैं। उनकी ख़बरें The Wire, The Quint, Outlook Magazine, Two Circles, the Milli Gazette आदि में छप चुकी हैं। तंज़ील एक Josh Talks स्पीकर, एक इंजीनियर और एक पार्ट टाइम कवि भी हैं। उन्होंने दिल्ली के भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) से मीडिया की पढ़ाई और जामिआ मिलिया इस्लामिआ से B.Tech की पढ़ाई की है।

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