बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की सोमवार को मौत के बाद मेनस्ट्रीम मीडिया इस पर TRP और वेबसाइट हिट बटोरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इस भेड़ियाधसान में क्या जागरण, क्या आज तक और क्या NDTV सब शामिल हो गए हैं।
जागरण ने लिखा, “सुशांत के परिवार को दोहरा ग़म, अब सदमे में भाभी ने तोड़ा दम”; वहीं आज तक ने लिखा, “सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी के बाद रिश्तेदार की भी डिप्रेशन से मौत।”
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NDTV इंडिया की हेडलाइन है, “सुशांत सिंह राजपूत के निधन से उनकी भाभी को लगा सदमा, बिहार में हुआ निधन”, तो अमर उजाला ने लिखा, “सुशांत सिंह की आत्महत्या से दर्द में डूबा परिवार, अब सदमे में उनकी भाभी ने तोड़ा दम।”
क्या है हक़ीक़त ?
बिहार के पूर्णिया जिला अंतर्गत बरहरा कोठी का मलडीहा सुशांत सिंह राजपूत का पैतृक गाँव है। सुशांत सिंह राजपूत चार भाई-बहनों में सबसे छोटे इकलौते भाई थे। उनकी अपनी कोई भाभी थी ही नहीं।
फिर मृतक सुधा देवी सुशांत की कैसी भाभी थी?
कुछ मीडिया ने खबर के भीतर ‘कजन भाई की पत्नी’, ‘चचेरी भाभी’ का ज़रूर ज़िक्र किया है, लेकिन उनकी मौत की वज़ह को लेकर मीडिया घरानों ने अपनी ढपली अपना राग अलापा।
जब हमने उनके चचेरे भाई पन्ना सिंह को फ़ोन किया, तो उन्हें बताया,
सुधा देवी सुशांत के दादा के चचेरे भाई के पोते की पत्नी थी।
पन्ना सिंह, चचेरे भाई
यानी आसान भाषा में कहें, तो वह उनकी चचेरी-चचेरी भाभी थीं।
जब हमने सुधा देवी की मौत की वजह के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया, “वो लीवर कैंसर से पीड़ित थी और चार रोज़ से सेंसलेस (बेहोश) थी।”
मतलब ये कि सुशांत की मौत 14 जून यानी रविवार को हुई और सुधा देवी उनकी मौत से दो दिन पहले से ही बेहोश थीं।
हमने फिर पन्ना सिंह से पूछा कि क्या सुशांत की मौत की खबर से सदमे में आने से उनकी मौत हुई है, तो उन्होंने कहा,
नहीं, सुशांत की मौत से इनके देहांत का कोई लेना-देना नहीं है। ग़लत ख़बर चलाई जा रही है
पन्ना सिंह, चचेरे भाई
ऐसे में सवाल उठता है कि NDTV, जागरण, अमर उजाला, आज तक को सदमा-डिप्रेशन वाली बात कहाँ से पता चली? सवाल ये भी है कि क्या उनके संवाददाता ने उन्हें मनगढ़ंत कहानी बताई या जानबूझकर चैनल ने ही ख़बर को सनसनीखेज़ बनाने के लिए मौत की असल वजह छिपा ली?
इस मामले में दैनिक भास्कर ने सही रिपोर्ट दी है। पूर्णिया से छपी इस खबर में उनके लीवर कैंसर से पीड़ित होने और नाज़ुक हालत का ज़िक्र है। भास्कर ने सदमा या डिप्रेशन से मौत की बात नहीं लिखी है।
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