बिहार के किशनगंज जिले के नगर थाना क्षेत्र के सालकी-टेंगरमारी गांव के पास सोमवार को स्थानी ट्रक चालकों ने कुछ ग्रामीणों के साथ जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) अरुण कुमार का घेराव कर जमकर नारेबाजी की।
ट्रक ड्राइवरों ने जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा चालान काटने पर नाराज़गी ज़ाहिर की और अधिकारी पर घूसखोरी का आरोप लगाया। मामले को तूल पकड़ता देख एसडीपीओ और एसडीएम मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा बुझाकर डीटीओ को भीड़ से दूर ले गए और जाम को खाली करवाया।
“भीड़ ने मुझ पर हमला किया” – डीटीओ के ड्राइवर का आरोप
डीटीओ के गाड़ी चालक मंगल पासवान ने बताया कि सालकी में स्थानीय लोगों ने डीटीओ अरुण कुमार के पास जमा होकर उनसे चालान काटने के विषय में नाराज़गी जताई और सवाल करने लगे। मंगल पासवान की मानें तो भीड़ ने इसके बाद उनपर हमला कर दिया।
“कुछ आदमी हमको गाड़ी से बाहर निकाल लिया और गार्ड को साहेब के पास ले गया। मेरी गाड़ी की चाबी छीन ली, दो चार आदमी हमको मारा और मेरी गर्दन पकड़ ली। दो चार राइफ़ल धारी गार्ड आकर हमको छुड़ाएं। सब आदमी लोग डीटीओ साहब को घेर लिया था,” मंगल पासवान ने कहा।
वहीं डीटीओ अरुण कुमार ने बताया कि सोमवार सुबह वह नियमित जांच पर निकले थे जिस दौरान सालकी में ईंट से लदी एक गाड़ी की जांच करते समय स्थानीय ट्रक ड्राइवरों का एक समूह जमा हो गया।
“ट्रक चालकों का कहना था कि बहुत हेवी चालान काटा जा रहा, गरीब लोग अपनी रोज़ी रोटी कैसे चलाएंगे। कुछ के चालान का कागज़ भी देखा गया। हमने उनसे कहा कि सभी गाड़ी का कागज़ सही रखिए और जो चलाते हैं उनका लाइसेंस रखिए, तो क्यों चालान होगा,” अरुण कुमार ने कहा।
ट्रक चालकों ने अधिकारियों पर लगाया रिश्वत लेने का आरोप
डीटीओ के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे ट्रक चालकों ने कहा कि कागज़ात और चालान रहने के बावजूद डीटीओ और परिवहन विभाग के बाकी अधिकारी पैसे मांगते हैं।
“हम नियम के मुताबिक़ गाड़ी चलाते हैं फिर भी परेशान करता है। गलगलिया थाने में कल गाड़ी रोक दिया बोला 10,000 रुपये दो। 10,000 नहीं दे पाए, गाड़ी थाने में रखा हुआ है। हर दिन यही काम करता है। पैसा मांगता है नहीं देने से गाड़ी चलाने नहीं देता है। पुलिस, माइनिंग अधिकारी सब यही करता है। ये लोग इंसाफ़ी कर रहे हैं,” ट्रक ड्राइवर शहाबुद्दीन ने कहा।
किशनगंज के बेलवा इलाके के ट्रक चालक तहज़ीबुर रहमान ने कहा कि उनके पास गाड़ी के सभी ज़रूरी कागज़ात मौजूद होने के बावजूद पुलिस ने उनकी गाड़ी को पकड़ लिया।
“पुलिस बोला कि गाड़ी का माइनिंग करा के लेके आओ फिर गाड़ी छोड़ेंगे। माइनिंग अधिकारी के पास गए तो बोला कि 27,800 रुपये का चालान भरो तो गाड़ी छूट जाएगा। पैसा लेने के बाद बोला कि थाना जाओ, थाना गए तो बोल रहा है कि 34,500 और देना होगा, तब गाड़ी छूटेगा,” तहज़ीबुर रहमान ने कहा।
एक और ट्रक चालक रज़ाउल हक़ ने कहा कि गाड़ी अंडरलोड होने के बावजूद डीटीओ ने 45,000 रुपये की मांग की।
आरोपों पर क्या बोले डीटीओ अधिकारी
इन आरोपों को डीटीओ अरुण कुमार ने गलत बताया और कहा कि गाड़ी चालाक खुद रसीद दिखा रहे हैं। बिना रसीद के चालान नहीं कट सकता। चालान क्यों कटा इसकी जानकारी रसीद में लिखी होती है। आगे उन्होंने कहा कि घटना के बाद वह एसडीओ, थाना प्रभारी और अन्य अधिकारी के साथ बैठकर ग्रामीणों की बात सुनी गई और उनसे कहा गया कि सही कागज़ात होने पर किसी का भी चालान नहीं काटा जा सकता।
अरुण कुमार आगे कहते हैं, “परिवहन से जुड़ा जो विवाद था, उसपर हमने ग्रामीणों से कहा कि आप लोग गाड़ी का कागज़ दुरुस्त रखिए, ड्राइविंग लाइसेंस रखिए तो चालान काटने की कोई गुंजाइश नहीं रहती है। उन लोगों ने भी माना कि कुछ कागज़ में उनकी कमी है। हमने उनसे कहा कि आप परिवहन विभाग आकर कागज़ बनाईये, विभाग भी आपकी पूरी मदद करेगा।”
अख्तरुल ईमान ने कहा -“पुलिस, नेता, अधिकारी सब मिले हुए हैं”
आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने पुलिस प्रशासन और सफेदपोश नेताओं पर धांधली का आरोप लगाया।
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उन्होंने कहा, “ओवरलोडिंग का मामला हो या बालू माफिया का मामला हो, प्रशासन के संरक्षण के बिना ये सब मुमकिन ही नहीं है। नेता भी इसमें शामिल हैं, रात में जा जाकर पहरेदारी करने वाले आज कहाँ चले गए। आज हिस्सा मिल गया है तो अब हिस्सेदार हैं। सरकार की आय को करोड़ों की चपत लग रही है। ओवरलोड गाड़ियां धरल्ले से पास हो रही हैं, कोड वर्ड में बात कर रहे हैं।”
अमौर विधायक आगे कहते हैं, “हर तरफ पुलिस की गाड़ी बैठी हुई है जिस गाड़ी के बारे में बताया जाता है कि इससे लगान नहीं वसूल हुआ है उसको पुलिस पकड़ लेती है। बाकी गाड़ियां ओवरलोड हो कर चलती हैं। बालू का जितना सरकारी दाम है, उससे तीन गुना ज्यादा पैसा लिया जा रहा है। खुदाई के सब नियम ताक पर रख दिये गये हैं। इसमें आरडब्ल्यूडी के लोग, माइनिंग के लोग, परिवहन के लोग सभी शामिल हैं और इन्हें जिला प्रशासन का संरक्षण है।”
अख्तरुल ईमान ने किशनगंज के नेताओं पर भी निशाना साधा और कहा कि बग़ैर कोई कारोबार किए इनकी संपत्ति इतनी कैसे बढ़ जाती है। उन्होंने जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से अवैध वसूली और माफियाओं को काबू में करने की अपील की।
इस मामले में अनुमंडल पदाधिकारी ने क्या कहा
इस पूरे मामले में किशनगंज अनुमंडल पदाघिकारी लतिफुर रहमान अंसारी ने कहा कि सालकी-टेंगरमारी चौक पर स्थानीय गाड़ी चालकों की जो मांग थी उसको सुना गया और मामले का निष्पादन हो गया। भविष्य में अगर लिखित रूप में किसी की शिकायत मिलती है तो उस पर कार्रवाई होगी, लेकिन फिलहाल कोई ऐसा मामला नहीं है।
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