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24 घंटे में 248 पेंटिंग बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया सीमांचल का लाल रेहान

कला के क्षेत्र में रेहान अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं। वह बहुत छोटी आयु से स्केचिंग और पेंटिंग कर रहे हैं। घर वाले उन्हें डॉक्टर या इंजीनियर बनाना चाहते थे लेकिन रेहान ने सबके विपरीत जाकर पेंटिंग को अपना पेशा बनाने की ठान ली और दसवीं की परीक्षा के बाद दिन रात अपनी कला को निखारने में लग गए।

Aaquil Jawed Reported By Aaquil Jawed |
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24 घंटों में 248 स्केच आर्ट बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले बिहार के चित्रकार मोहम्मद रेहान रज़ा का सपना है कि वह मोनालिसा जैसी विश्व विख्यात पेंटिंग बनाएं। रेहान कटिहार जिले की शिकारपुर पंचायत स्थित बेनीबाड़ी गांव के रहने वाले हैं।

18 वर्षीय चित्रकार व स्केच आर्टिस्ट रेहान रज़ा ने इसी वर्ष सितंबर में इन्फ्लुएंसर बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स (Influencer Book of World Records) में अपना नाम दर्ज किया जिसके बाद गांव और आसपास के इलाकों में वह विख्यात हो गए।

इस सम्मान समारोह को भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने आयोजित किया था। रेहान ने विश्व से आए हुए कई प्रतिभाशाली कलाकारों को पीछे छोड़ विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया।


कला के क्षेत्र में रेहान अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं। वह बहुत छोटी आयु से स्केचिंग और पेंटिंग कर रहे हैं। घर वाले उन्हें डॉक्टर या इंजीनियर बनाना चाहते थे लेकिन रेहान ने सबके विपरीत जाकर पेंटिंग को अपना पेशा बनाने की ठान ली और दसवीं की परीक्षा के बाद दिन रात अपनी कला को निखारने में लग गए।

इन्फ्लुएंसर बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में विश्व रिकॉर्ड बनाने से पहले रेहान ने राष्ट्रीय स्तर पर स्केचिंग आर्ट में गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा अगस्त में दिल्ली से सटे फरीदाबाद में उन्हें इंडिया प्राउड बुक्स ऑफ रिकार्ड्स के द्वारा ‘भारत गौरव सम्मान’ दिया गया।

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रेहान की सफलता देख गांव और आसपास के कुछ बच्चों ने भी पेंसिल, ब्रश उठाकर स्केचिंग और पेंटिंग करना शुरू कर दिया है।

रेहान ने शिकारपुर के माहीनगर हाईस्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की। उन्होंने इसी वर्ष बारहवीं की परीक्षा दी है। रेहान के परिवार में हमेशा से आर्थिक समस्याएं रही हैं। इसके कारण उन्हें दसवीं के बाद पसंदीदा विषय में दाखिला नहीं मिल सका। पेंटिंग में ख़ासा खर्च भी आता है। ऐसे में गरीब परिवार से आनेवाले किसी भी कलाकर के लिए यह राह काफी कठिन रहती है।

रेहान ने बताया कि जब उन्होंने पेंटिंग शुरू की तो आस पड़ोस के लोगों की काफी निंदा झेलनी पड़ी। आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार से होने के कारण स्केचिंग और पेंटिंग को करियर के तौर पर चुनना एक कठिन निर्णय था। धीरे धीरे सफलताएं मिलने पर लोगों ने उनकी प्रशंसा करनी शुरू कर दी।

18 वर्षीय रेहान पद्म विभूषण से सम्मानित महान चित्रकार एमएफ हुसैन की तरह बनना चाहते हैं। उनका सपना है कि लिओनार्दो दा विंची की मोनालिसा पेंटिंग की तरह उनकी पेंटिंग भी विश्व विख्यात हो।

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Aaquil Jawed is the founder of The Loudspeaker Group, known for organising Open Mic events and news related activities in Seemanchal area, primarily in Katihar district of Bihar. He writes on issues in and around his village.

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